Hindi, asked by rizwanmohiuddin7480, 1 year ago

Essay on badte udhoug sikudte vaan

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Answered by arunkumar77
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वर्तमान का युग प्रगतिशीलता का युग है| तेजी से जनसँख्या बढ़ रही है| विकास का ग्राफ बढ़ रहा है, उद्योग-धंधे बढ़ रहे है पर शोचनीय विषय है कि वन घट रहे है| आजकल युवाओं को परम्परागत कार्यो में रूचि नहीं है| न वे किसान बनना चाहते है न ही गाँव में रहना चाहते है| शहरों में तेजी से उद्योगों का, कल-कारखानों का विकास हो रहा है| विदेशो से कम्पनियां आकर रोजगार मुहय्या करवा रही है| शहरीकरण बढ़ रहा है| संयुक्त परिवार विघटित हो रहे है| अब जितने लोग होंगे उतनी ही आवश्यकताएं बी बढ़ेगी|रहने के लिए जगह, उद्योगों के लिए जगह और इनके निर्माण में लगने वाली लकड़ी, ये जरूरतें बढ़ रही है तो वन काटे जा रहे है| पर्यावरण में भारी असंतुलन उत्पन्न हो रहा है| ग्लेशियर पिघल रहे है, वैश्विकतापक्रम में वृद्धि हो रही है, वायु प्रदूषण से गंभीर बीमारियाँ फ़ैल रही है, वर्षा में असंतुलन होने से अकाल या बाढ़ की असामान्य स्थितियां बन रही है| फिर भी लोग सुप्त है| न तो उद्योगों पर कोई नियंत्रण हो रहा है न ही वन बचाने के कोई प्रयास| हम अज्ञानतावश अपनी बर्बादी को स्वंय आमन्त्रण दे रहे है|अत: अब समय आ गया है की सभी को सामूहिक संकल्प लेना होगा कि वन बचाने के प्रयास करेंगे| वृक्ष लगायेंगे और उनकी देख-भाल व सुरक्षा करेंगे| इस प्रकार इस पृथ्वी पर जीवन को बनाये रखेंगे|
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