Essay on basant ritu in hindi for
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बसंत ऋतु के आते ही प्रकृति का कण-कण मानो प्रसन्नता से खिल उठता है। चारों तरफ व्याप्त हरियाली, फूलों से लदे पेड़-पौधे, सुंगध से युक्त वातावरण मन में प्रसन्नता भर देता है। बसंत ऋतु सदैव ही कवियों की प्रिय ऋतु रही है। बसंत ऋतु में सूखे पत्ते झड़ जाते हैं और नए पत्ते आने लगते हैं। चारों ओर रंग-बिरंगे फूल ही फूल दिखाई देते हैं। खेतों में नई फसलें पक जाती हैं। सरसों, राई और गेहूँ के खेत मन को लुभाने लगते हैं, जिन्हें देखकर किसान गदगद हो उठता है।
'बसंत पंचमी' बसंत के आगमन का ही त्यौहार है। इस दिन लोग ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। लोग पीले रंग के वस्त्र धारण कर अपने जीवन को देवी के आशीर्वाद से परिपूर्ण कर लेते हैं।
भारत को अनेक ऋतुओं का देश माना जाता है। भारत में सर्दी-गर्मी, बरसात-पतझड़, वसंत-ग्रीष्म आदि छ: ऋतुएँ आती जाती रहती हैं। साल में आने वाली बसंत ऋतु सबकी प्रिय होती है। बसंत ऋतु के आने पर पूरा प्राणी जगत हर्ष और उल्लास से झूम उठता है। बसंत ऋतुओं का राजा होती है इसी वजह से इसे ऋतुराज बसंत के नाम से जाना जाता है।
बसंत के समय में ऋतु बहुत सुहावनी होती है। सर्दी खत्म और गर्मी शुरू होने वाली होती हैं। इस समय में न ही तो ज्यादा सर्दी होती है और न ही ज्यादा गर्मी होती है। प्रत्येक व्यक्ति बाहर घूमने का इच्छुक होता है। यह इस मीठी ऋतु की विशेषता होती है। सब जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों में नव जीवन का संचार हो जाता है।
वृक्षों के नए-नए पत्ते लद जाते हैं। फूलों का सौंदर्य और हरियाली की छटा मन को भा जाती है। इस सुगंधित वातावरण में सैर करने से बहुत सी बीमारियाँ दूर हो जाती है। ठंडी-ठंडी हवा चलती रहती है जिससे मनुष्य की उम्र और बल में वृद्धि होती है। बसंत ऋतु पतझड़ और शिशिर के बाद आती है।
बसंत के आगमन पर नई फसलें पकने लगती हैं। सरसों के पीले-पीले फूल खिल-खिला कर खुशी व्यक्त करते हैं। सिट्टे भी ऐसे लगते हैं जैसे सिर उठाकर ऋतुराज का स्वागत कर रहे हों।
सरोवरों में कमल के फूल खिल कर इस तरह पानी को छिपा लेते हैं जैसे मनुष्यों को संकेत देते हैं कि अपने मन को खोल कर हंसों और सारे दुखों को मन में समेट लो। आसमान में पक्षी किलकारियां मारकर बसंत का स्वागत करते हैं।
बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। इस दिन सरस्वती पूजन किया जाता है। इसी दिन वीर हकीकत राय की भी मृत्यु हुई थी। वीर हकीकत राय के कारण इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है।
वीर हकीकत राय जी का बलिदान हमें अपने धर्म पर अडिग रहने का संदेश देता है। हमें सभी धर्मों से प्रेरणा लेनी चाहिए और किसी भी धर्म के प्रति नफरत नहीं रखनी चाहिए। वीर हकीकत राय जी की याद में हर साल मेला लगता है। इस दिन वीर हकीकत राय जी को श्रद्धांजली दी जाती है।
हमें इस ऋतु में अपना स्वास्थ्य बनाना चाहिए। सुबह-सुबह उठकर घूमने जाना चाहिए और प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लेना चाहिए। वसंत ऋतु ईश्वर का एक वरदान है और हमे इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए।