Essay on benefits of environment conservation in hindi
Answers
hey mate
here is ur answer
हम अपने परिवार दोस्तों का तो बहुत ख्याल रखते हैं परंतु जब बात हमारे पर्यावरण के आती है तो हम मुंह मोड़ लेते हैं। जब कोई मुख्य दिन जैसे गांधी जयंती, स्वच्छ भारत अभियान आता है तो हम बहुत उत्साहित हो जाते हैं और उसके कुछ दिनों बाद हम सब भूल जाते हैं।
अगर सही मायने में हम सोचे तो पर्यावरण की बात आने पर हम थोड़ा मतलबी हो जाते हैं। आज धीरे-धीरे हम ग्लोबल वार्मिंग और प्रदुषण जैसे आपदाओं से घिरे हुए जो शायद आगे पृथ्वी के विनाश का मुख्य कारण बन जाएंगे अगर हम सही कदम सही समय में नहीं उठाएंगे तो।
हम अपने प्रकृति के सौंदर्य को देख कर कितना खुश होते हैं और उसी प्रकृति को प्रदूषित करते समय सोचते तक नहीं हैं। सरकार की ओर से भी कई प्रकार की योजनाएं और अभियान चलाए जा रहे हैं परंतु हमें लगता है कि सब कुछ सरकार के हाथ में है। ऐसा बिल्कुल नहीं है, जब तक हम स्वयं अपने पृथ्वी की रक्षा करने और अपने वातावरण को प्रदूषित नहीं करने का कसम नहीं खायेंगे तब तक यह असंभव है।
अगर हम सही नज़रिए से देखें तो हम मनुष्य सच में बहुत मतलबी है। अभी हाल ही में सरकार ने दिवाली पर कुछ शहरों में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया था परंतु देश के ज्यादातर लोग इसकी निंदा करने लगे।
यह कितने शर्म की बात है की एक तरफ तो हम अपने पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर देखना चाहते हैं और दूसरी तरफ इस प्रकार के कार्यों से पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं। जब तक हर एक व्यक्ति यह कसम नहीं खा लेता कि पर्यावरण को मुझे ही बचाना होगा और इसे स्वच्छ रखना मेरा कर्तव्य है तब तक पर्यावरण को पूर्ण रुप से बचाना मुश्किल है।
पर्यावरण को हरा भरा रखने के लिए हमें प्रतिवर्ष वृक्षारोपण करना चाहिए। प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर बच्चों को स्कूल में सिखाया जाता है कि हमें वृक्षारोपण करना चाहिए। परंतु बच्चों को पूर्ण रुप से यह सिखाया जाना चाहिए कि हमें प्रति सप्ताह या महीने में एक ना एक पौधा अपने घर के आस-पास जरूर लगाना चाहिए। अगर हम इस तेजी से नहीं सोचेंगे तो हम पृथ्वी और पर्यावरण की रक्षा नहीं कर पाएंगे।
बड़े-बड़े शहरों में आज पर्यावरण ज्यादा दूषित हो चुका है लोगों को ऑफिस और बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है। सड़क पर चलते हुए सांस लेना मुश्किल हो गया है। अगर अभी हम अपने पर्यावरण की रक्षा करने के विषय में नहीं सोचेंगे तो कब सोचेंगे?
आज के इस आधुनिक युग में हम टेक्नोलॉजी-टेक्नोलॉजी करते-करते हैं अपने पर्यावरण का खयाल रखना भूल चुके हैं। अगर हमारा पृथ्वी ही नहीं रहेगा और हम भी जीवित नहीं रहेंगे तो प्रौद्योगिकी का क्या लाभ। हमें टेक्नोलॉजी के साथ-साथ पर्यावरण पर भी अपना पूरा ध्यान रखना होगा और अपने गांव और शहर के वातावरण को स्वच्छ और हरा-भरा रखना होगा।
हम लोगों को अपने पर्यावरण के महत्व को समझना होगा और इसे अपना कर्तव्य समझकर बचाना होगा। जब तक हम दूसरों पर निर्भर रहेंगे यह असंभव है। हमें अपने पर्यावरण की रक्षा करने के लिए घर से निकल कर अपने गली-मोहल्ले से इसकी शुरूआत करनी होगी। टेलीविजन या समाचार पत्र पढ़कर या सरकार द्वारा शुरू किये गए अभियानों के द्वारा हम जितना भी उत्साहित हो जाए जब तक हम अपना कार्य शुरू नहीं करेंगे तब तक यह सब बेकार है।
चलिए आज हम सब मिलकर प्रण ले कि अपने पर्यावरण को हम दूषित होने से रोकेंगे, अपने गली-मोहल्ले को स्वच्छ रखेंगे, और अपने पर्यावरण की रक्षा करने के लिए हर सकारात्मक कदम उठाएंगे। हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को पर्यावरण के विषय में जागरूकता प्रदान करना होगा जिससे वह इसके महत्व को समझ सकें और वह पर्यावरण सुरक्षा में अपना योगदान दें।
PLEASE MARK AS BRAINLIEST