essay on beti bacho beti padai in hindi
Answers
Answered by
6
हमारा देस और समाज काफी प्रगति कर गया है और आगे कर भी रहा है लेकिन अभी भी स्त्रियो को जितना सम्मान मिलना चाहिए उतना नही मिलता है क्योकि उन्हें इतना महत्वपूर्ण नही समझा जाता है और इसी लिए गर्भ में ही उनकी हत्या कर दी जाती है लिंग परिक्षण करवाके लेकिन ऐसा नही करना चाहिए, यदि आप ऐसा सोचते है की बेटा होगा तो वह अधिक काम का होगा तो बहुत ही ग़लत सोचते है, बेटा हो या बेटी भगवान की इच्छा समझ के उसे ही स्वीकार कर लेना चाहिए, क्योकि पहेले से ही किसी बात का अंदाजा लगा लेना बहुत उचित नही कहा जा सकता है, इसी से सम्बंधित मै एक प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत कर रहा हूँ जिससे आप को ऐसा लगे की कोई किसी से कम नही बस आपने परवरिस कैसे की है, देखभाल कैसे की है, सबकुछ इस पर आधार रखता है!इसीलिए मेरा ऐसा मानना है की यदि आप अपने बच्चो को सही से पढाते लिखाते है उन्हें देस दुनिया का सही से परिचय कराते हैं उनकी समस्याओ को समझ करके उसका समाधान करते है तो और बेटी को संकुचित द्रिस्टीसे नही देखते है तो आप को अपनी जिन्दगी में कभी भी ऐसा नही लगेगा की हमारा कोई बेटा नही है बल्कि बेटा और बेटी में आप को अन्तर दिखेगा ही नही साथ ही आपका नाम भी रोशन होगा और इस देस का भी ! Thank you ;)
Galaxy:
Plzz mrk it best dear friend.
Answered by
8
बेटियां देवी की रूप होते है.उन्हें तकलीफ देने का हमारा कोई हक़ नहीं है.उन्हें लक्लीफ देने का मतलब है देवियों का असम्मान करना. हम पहले के जमसे से शुरुवात करेंगे. पहले सिर्फ लड़कों को पढ़ाया जाता था.उस्वक़्त लड़कियों को ज़्यादा महत्व नहीं दिया जाता था.उन्हें पड़ ने का कोई हक़ नहीं था.वह सिर्फ घर के काम करते थे. अब हम आज के ज़माने के बात करेंगे . आज के ज़माने में लड़कियां भी पढ़ाई की उतनीही हकदार है जितने की लड़के है.उन्हें भी पड़ने का पूरा हक़ है.आज भी ऐसे कुछ लोग है जो लड़कियों को पड़ ने से रोकते है. लड़कियों को पड़ हाना बहुत ज़रूरी है.हम अपने देश की बेटियों को पड़ हाकर उनिकी रक्षा भी कर पाएंगे.वह गर शिक्षित होंगे तोह खुदके रक्षा कर पाएंगे. इस तरह से हम उन्हें पड़ा कर उन्हें बचा पाएंगे.तोह आज आइये हम सब प्रण लेते है की इस देश की साड़ी बेटियों को पड़ा कर उन्हें बचाएंगे.
Similar questions