Hindi, asked by Mkovhg4475, 1 year ago

essay on beti ghar ki abhiman

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Answered by sidra1784
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Hey mate here's your answer by
Sidrakauser ❤

पारिधि कला समूह और नमो गंगे ट्रस्ट, प्रधान मंत्री के “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” मिशन के बारे में जागरूकता फैलाने की एक उत्कृष्ट कोशिश कर रहे हैं, वे इस अभियान को “मेरी बेटी मेरा अभिमान- एक नयी शुरुवात” कहते हैं| हमारे भारतीय समाज को ऐसे अभियानों की सख्त जरूरत है| आज भी, हमारा समाज महिलाओं को समान नहीं मानता, महिलाओं को समान वेतन नहीं मिलता है, उन्हें घर में रख्खा जाता है, लड़कों को पहले शिक्षा दी जाती है| हम अभी भी मादा भृणहत्या, ऑनर किलिंग, बलात्कार, लिंग असमानता जैसी भीषण समस्यांए समाज में देखते है।

आज की दुनिया में, हम महिलाओं को रसोई तक प्रतिबंधित नहीं कर सकते। वे प्रतिभाशाली, मेहनती, स्मार्ट हैं। विश्व में लगभग ५०% महिलाओं की आबादी है, उन्हें सीमित करके, उन्हें घर पर रखकर हम उन्हें स्वयं और विश्व की प्रगति में भाग लेने का अवसर नहीं दे रहे हैं। हमें “मेरी बेटी मेरा अभिमान” जैसे अभियानों को प्रोत्साहित करने की, इनमे भाग लेने की जरूरत है। पिछले साल उन्होंने भारत की ७० वें स्वतंत्रता दिवस के दिन पेंटिंग, फोटोग्राफी और इंटर स्कूल और कॉलेज स्ट्रीट प्ले (नुक्कड़ नाटक) प्रतियोगिता आयोजित की थी। हमें उम्मीद है कि इस साल भी वे ऐसा करेंगे। यह एक बहुत अच्छी बात है की भारत सरकार ऐसे महत्वपूर्ण संदेश फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती है। इस सप्ताह “मेरी बेटी मेरा अभिमान” फ़्रेम फेसबुक पर ट्रेंड हो रही है, हज़ारों माता पिता अपनी बेटियों की सराहना करने के लिए इस फ्रेम का उपयोग कर रहें है| इस तरह के महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश को फैलाने का यह एक उन्नत तरीका है।

Hope it helps you ✌✌
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