Essay on bharat ke vikas me hindi ka yogdan in hindi
Answers
समाज के आलावा देश के प्रतीक हमारे युवा उच्च महत्वाकांक्षाओं और गहन ऊर्जा से परिपूर्ण होते है युवाओ की आंखों में अपने और देश के उज्वल भविष्य के कई तरह के इंद्रधनुषी सपने होते हैं. हमारे देश को बेहतर बनाने के अलावा राष्ट्र के निर्माण में भी युवायो का ही अमूल्य योगदान होता है.
मेरा भारत महान इस स्लोगन को और भी सार्थक करने के प्रयास युवा पीढ़ी सतत करती रहती है युवाओ के हाथ में ही देश के बदलाव का जिम्मा होता है यदि वह चाहे तो देश को बदल सकते है हर एक्टिविटी में वह अपना योगदान देते है और देश को उन्नति की ओर अग्रसर करते है.
देश में हो तरहे बदलाव का पूरा श्रेय हमारे युवा पीढ़ी को जाता है मतदान के माध्यम से भी हमारे युवा देश में बदलाव लाने का प्रयास कर रहे है कुछ व्यक्ति बदलाव के लिए शॉर्टकर्ट का तरिका आजमाते है लेकिन हमारे युवा सिर्फ और सिर्फ नित कर्म,श्रम को महत्वपूर्ण मानते है.
आज के समय में ऐसे कई युवा है जो देश की तरक्की में अपना अहम योगदान दे रहे है लेकिन कुछ युवाओ से यह कार्य पूर्ण नहीं होगा जब तक देश के सभी युवा एकजुट नहीं हो जाते है तब तक " मेरा भारत महान " इस पंक्ति को सार्थक नहीं किया जा सकता है.
इस पंक्ति को सार्थक करने के लिए हर युवा को अपनी तरफ से भरसक प्रयास करते हुए आगे आना होगा हालांकि युवा पीढ़ी भष्टाचार के चलते बहुत कुछ करके भी सफल नहीं हो पाते है युवाओ को मौका देने के लिए हमें भष्टाचार के खिलाफ पहल करनी आवशयक है.
भष्टाचार ख़त्म करने के लिए हर युवा को सबसे पहले राजनीति में सही और योग्य व्यक्ति को लाना होगा जो युवा पीढ़ी को अग्रसर करने का प्रयास करे भारत देश विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बन सकता है लेकिन उसके लिए हर किसी को अपना कार्य ईमानदारी के साथ करना होगा और भष्टाचार को जड़ से ख़त्म करना होगा.
दुसरो पर आरोप लगाने से पहले हमें स्वयं को बदलना होगा क्यों की जब तक हम स्वयं को नहीं बदलेंगे तब तक हम देश की शक्ति का हिस्सा नहीं बन सकते है जब हम अपने मन से देश में बदलाव का सोचेंगे तभी हमारा देश बदलेगा हर व्यक्ति को अपना काम ईमानदारी से करना होगा तभी उसे उसके कर्म का फल मिल सकता है.
हर व्यक्ति को अपनी योग्यता के अनुसार रोजगार मिलना चाहिए ऐसा करने से देश में अपराध पर अंकुश लगाया जा सकता है साथ ही लड़कियों की योग्यता पर अधिक ध्यान देते हुए शिक्षित व्यक्ति को रोजगार के सुनहरे अवसर प्रदान हो तभी देश तीव्र गति से प्रगति करेगा.
स्वामी विवेकानंद जी की भी यही सोच थी की वह समग्र विश्व को उत्थान की ओर ले जाना चाहते है समाज में आज के समय युवाओं को समाज के प्रति सोच को बदलना होगा तभी युवा देश को प्रगति की और ले जा सकेगा .
भारत देश को उन्नति की ओर अग्रसर करने के लिए युवाओ की आवश्यकता है लेकिन आज की पीढ़ी अधिक सुख सुविधाओं को देखते हुए अपना गांव-अपना देश छोड़कर दूसरी जगह जा रहे हैं जिसके चलते जिससे राष्ट्र के निर्माण में कई तरह की परेशानी आ रही है भारत देश में युवा राष्ट की शक्ति है युवाओ को अपने देश में ही रहकर राष्ट निर्माण में अपना योगदान देना चहिये ओर देश को विश्व शक्ति बनाना होगा
Answer:
14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया। बाद में 1950 में, भारत के संविधान ने देवनागरी लिपि में हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा घोषित किया। हिंदी के अलावा, अंग्रेजी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। भारत के विभिन्न राज्य कानून के माध्यम से अपनी आधिकारिक भाषाओं की पहचान करते हैं।
हिंदी भारत की मुख्य भाषाओं में से एक है और यह भारतीय आबादी का लगभग 40% हिस्सा है। 1950 में यह घोषित किया गया था कि संविधान के गठन के 15 साल बाद (26 जनवरी 1965 तक) अंग्रेजी के उपयोग को समाप्त कर दिया जाना था। यह निर्णय भारत के गैर-हिंदी भाषी क्षेत्रों, जैसे कि दक्षिण भारत (चूंकि उनकी भाषाएँ हिंदी के समान दूर से नहीं हैं) से ख़ुशी से नहीं मिला। इसे ध्यान में रखते हुए, संसद ने आधिकारिक भाषा अधिनियम 1963 को लागू किया, जिसने 1965 के बाद आधिकारिक उद्देश्यों के लिए हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी के उपयोग को जारी रखने की अनुमति दी। अरुणाचल प्रदेश जैसे कुछ उत्तर पूर्वी राज्यों में उनकी आधिकारिक भाषा के रूप में अंग्रेजी है।