essay on bhartiya sanskriti mein maa ka sthan in hindi 500 words
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एक आदर्श जीवन के लिए माँ की शिक्षाएं
हमारे आदर्श जीवन के निर्माण में हमें हमारे माँ द्वारा दी गयी शिक्षाएं काफी महत्व रखती हैं क्योंकि बचपन से ही एक माँ अपने बच्चे को नेकी, सदाचार तथा हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने जैसी महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है। जब भी हम अपने जीवन में अपना रास्ता भटक जाते हैं तो हमारी माँ हमें सदैव सदमार्ग पर लाने का प्रयास करती है।
मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी शिक्षक
इस बात को मैं काफी गर्व और विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस दुनिया में मेरी माँ ही मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है क्योंकि मुझे जन्म देने के साथ ही उसने मुझे मेरे शुरुआती जीवन में वह हर एक चीज सिखायी है, जिसके लिए मैं पूरे जीवन उसका आभारी रहूंगा। जब मैं छोटा था तो मेरी माँ ने मेरी उंगली पकड़कर चलना सिखाया। जब मैं थोड़ा बड़ा हुआ तो मेरी माँ ने मुझे कपड़े पहनना, ब्रश करना, जूते का फीता बांधना सिखाने की साथ ही घर पर मुझे प्रारंभिक शिक्षा भी दी।
जब भी मैं किसी कार्य में असफल हुआ तो मेरी माँ ने मुझमें और भी विश्वास जगाया। जब भी मैं किसी समस्या में था तो मेरी माँ ने हरसंभव प्रयास किया कि मैं उस बाधा को पार कर लूं। भले ही मेरी कोई बहुत पढ़ी-लिखी महिला ना हो लेकिन उसके जिदंगी के तुजर्बे से प्राप्त ज्ञान की बातें किसी इंजीनियर या प्रोफेसर के तर्कों से कम नही है। आज भी वह मुझे कुछ ना कुछ जरुर सिखा पाती है क्योंकि मैं कितना ही बड़ा क्यों ना हो जाऊ लेकिन जिंदगी के अनुभव में हमेशा उससे छोटा ही रहूंगा। वास्तव में मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है और उसके द्वारा दी जाने वाली हर एक शिक्षा अनमोल है।
निष्कर्ष
हम अपने जीव में कितने ही शिक्षित तथा उपाधि धारक क्यों ना हो जाये लेकिन अपने जीवन में जो चीजें हमने अपनी माँ से सीखी होती हैं, वह हमें दूसरा कोई और नही सीखा सकती है। यही कारण है कि मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है क्योंकि उन्होंने मुझे सिर्फ प्रारंभिक शिक्षा ही नही बल्कि की मुझे जीवन जीना भी सिखाया है।
निबंध – 5 (600 Words)
प्रस्तावना
मेरे जीवन में यदि किसी ने मुझपर सबसे ज्यादे प्रभाव डाला है, तो वो मेरी माँ है। उसने मेरे जीवन में मुझे कई सारी चीजें सिखायी है जो मेरे पूरे जीवन मेरे काम आयेंगी। मैं इस बात को काफी गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ मेरी गुरु तथा आदर्श होने के साथ ही मेरे जीवन का प्रेरणा स्त्रोत भी है।
हमारे जीवन में प्रेरणा का महत्व
प्रेरणा एक तरह की अनुभूति है जो हमें किसी चुनौती या फिर कार्य को सफलतापूर्व प्राप्त करने में हमारी सहायता करती है। यह एक प्रकार की प्रवृति है, जो हमारे शारीरिक तथा सामाजिक विकास में हमारी सहायता करता है। किसी व्यक्ति तथा घटना से प्राप्त प्रेरणा हमें इस बात का अहसास करती है कि हम विकट परिस्थियों में भी किसी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है।
हम अपने क्षमताओं के विकास के लिए अन्य स्त्रोतों से प्रेरणा प्राप्त करते है, जिसमें मुख्यतः विख्यात व्यक्ति या फिर हमारे आस-पास का विशेष व्यक्ति हमें इस बात के लिए प्रेरित करता है कि यदि उसके द्वारा विकट परिस्थियों में भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है तो हमारे द्वारा भी यह कार्य अवश्य ही किया जा सकता है।
कई लोगों के जीवन में पौराणिक या ऐतिहासिक व्यक्ति उनके प्रेरणा स्त्रोत होते हैं, तो कई लोगों के जीवन में प्रसिद्ध व्यक्ति या फिर उनके माता-पिता उनके प्रेरणा स्त्रोत होते है। मायने यह नही रखता कि आपका प्रेरणा स्त्रोत कौन है, मायने यह रखता है कि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में उसके विचारों और तरीकों से कितने ज्यादे प्रभावित है।
मेरी माँ मेरी प्रेरणा
हरेक व्यक्ति के जीवन में कोई ना कोई उसका प्रेरणा स्त्रोत अवश्य होता है और उसी से वह अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा ग्रहण करता है। किसी के जीवन में उसके शिक्षक उसके प्रेरणा स्त्रोत हो सकते है, तो किसी के जीवन में कोई सफल व्यक्ति उसका प्रेरणा स्त्रोत हो सकता है लेकिन मेरे जीवन मैं अपने माँ को ही अपने सबसे बड़े प्रेरणा स्त्रोत के रुप में देखता हूं। वहीं वह व्यक्ति हैं जिन्होंने मुझे मेरे जीवन में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान की।
आज तक के अपने जीवन में मैने अपने माँ को कभी विपत्तियों के आगे घुटने टेकते हुए नही देखा है। मेरे सुख-सुविधाओं के लिए उन्होंने कभी भी अपने दुखों की परवाह नही की वास्तव में वह त्याग और प्रेम की प्रतिमूर्ति है, मेरे सफलताओं के लिये उन्होंने ना जाने कितने कष्ट सहें है। उनका व्यवहार, रहन-सहन तथा इच्छाशक्ति मेरे जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा है।
मेरी माँ मेरी प्रेरणा स्त्रोत इसलिए भी है क्योंकि ज्यादेतर लोग कार्य करते हैं कि उन्हें प्रसिद्धि प्राप्त हो और वह समाज में नाम कमा सके लेकिन एक माँ कभी भी यह नही सोचती है वह तो बस अपने बच्चों को उनके जीवन में सफल बनाना चाहती है। वह जो भी कार्य करती है, उसमें उसका अपना कोई स्वार्थ नही होता है। यही कारण है कि मैं अपने माँ को पृथ्वी पर ईश्वर का एक रुप मानता हूं।
निष्कर्ष
वैसे तो सबके जीवन में उसका कोई ना कोई प्रेरणा स्त्रोत अवश्य ही होता है, जिसके कार्यों या बातों द्वारा वह प्रभावित होता है लेकिन मेरे जीवन में यदि कोई मेरा प्रेरणा स्त्रोत रहा है तो वह मेरा माँ है। उनके मेहनत, निस्वार्थ भाव, साहस तथा त्याग ने मुझे सदैव ही प्रेरित करने का कार्य किया है। उन्होंने मुझे समाजिक व्यवहार से लेकर ईमानदारी तथा मेहनत जैसी महत्वपूर्ण शिक्षाएं दी हैं। यही कारण है कि मैं उन्हें अपना सबसे अच्छा शिक्षत, मित्र तथा प्रेरक मानता हूं।
Explanation:
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