essay on books our best freinds in hindi
Answers
Answered by
2
नमस्कार दोस्त,
पुस्तकें मनुष्य की मित्र होती है। मानव जीवन में ज्ञान का अत्यधिक महत्व है। ज्ञान ही मानव को पृथ्वी के अन्य प्राणियों से भिन्न करता है। ज्ञान प्राप्त करने के अनेक साधन हैं, परंतु पुस्तकों के अध्ययन को इनमें से सर्वश्रेष्ठ साधन कहा जा सकता है। पुस्तकें ज्ञान का भंडार हैं।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा है - 'पुस्तकों के द्वारा हम किसी महापुरुष को जितना जान सकते हैं, उतना उसके मित्र या पुत्र तक भी उसे नहीं जान सकते।' कहने का तात्पर्य है कि वास्तव में पुस्तकों से ही हमें विश्व का ज्ञान होता है।
पाठ्यक्रम की पुस्तकों के अलावा जब विद्यार्थी अन्य पुस्तकों का अध्ययन करता है, तो उसका ज्ञान संपूर्ण होता है। कोई भी व्यक्ति इनके द्वारा अपने ज्ञान का विस्तार कर सकता है। मनोरंजन के लिए पुस्तकों से अच्छा कोई साथी नहीं होता। वास्तव में पुस्तकें हमारा सर्वांगीण विकास करती हैं।
बाल गंगाधर तिलक ने कहा है कि, "मैं नरक में भी उत्तम पुस्तकों का स्वागत करुँगा, क्योंकि जहाँ पुस्तकें होंगी, वहीं स्वर्ग बन जाएगा। पुस्तकों का महत्व इन दो शब्दों में स्पष्ट है।
आजकल मनोरंजन के अन्य साधनों, जैसे रेडियो, टेलीविज़न, कंप्यूटर इत्यादि के कारण लोगों का ध्यान पुस्तकों की ओर से हटने लगा है। अतः पुस्तकों को अधिक रुचिकर एवं कम मूल्य का करने से शायद लोगों का ध्यान इस ओर आकृष्ट हो।
महात्मा गाँधी ने कहा है - "भारत के प्रत्येक घर में पुस्तकालय होना चाहिए।" हमें पुस्तकों को ज्ञान एवं राष्ट्र - निर्माण की आधार - शिला मानें, तो महात्मा गाँधी का यह सपना सत्य हो सकता है।
पुस्तकें ही मनुष्य की सबसे बड़ी मित्र होती हैं, जो उसे ज्ञानी बनाती है।
धन्यवाद
आशा है इससे आपकी मदद होगी।
पुस्तकें मनुष्य की मित्र होती है। मानव जीवन में ज्ञान का अत्यधिक महत्व है। ज्ञान ही मानव को पृथ्वी के अन्य प्राणियों से भिन्न करता है। ज्ञान प्राप्त करने के अनेक साधन हैं, परंतु पुस्तकों के अध्ययन को इनमें से सर्वश्रेष्ठ साधन कहा जा सकता है। पुस्तकें ज्ञान का भंडार हैं।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा है - 'पुस्तकों के द्वारा हम किसी महापुरुष को जितना जान सकते हैं, उतना उसके मित्र या पुत्र तक भी उसे नहीं जान सकते।' कहने का तात्पर्य है कि वास्तव में पुस्तकों से ही हमें विश्व का ज्ञान होता है।
पाठ्यक्रम की पुस्तकों के अलावा जब विद्यार्थी अन्य पुस्तकों का अध्ययन करता है, तो उसका ज्ञान संपूर्ण होता है। कोई भी व्यक्ति इनके द्वारा अपने ज्ञान का विस्तार कर सकता है। मनोरंजन के लिए पुस्तकों से अच्छा कोई साथी नहीं होता। वास्तव में पुस्तकें हमारा सर्वांगीण विकास करती हैं।
बाल गंगाधर तिलक ने कहा है कि, "मैं नरक में भी उत्तम पुस्तकों का स्वागत करुँगा, क्योंकि जहाँ पुस्तकें होंगी, वहीं स्वर्ग बन जाएगा। पुस्तकों का महत्व इन दो शब्दों में स्पष्ट है।
आजकल मनोरंजन के अन्य साधनों, जैसे रेडियो, टेलीविज़न, कंप्यूटर इत्यादि के कारण लोगों का ध्यान पुस्तकों की ओर से हटने लगा है। अतः पुस्तकों को अधिक रुचिकर एवं कम मूल्य का करने से शायद लोगों का ध्यान इस ओर आकृष्ट हो।
महात्मा गाँधी ने कहा है - "भारत के प्रत्येक घर में पुस्तकालय होना चाहिए।" हमें पुस्तकों को ज्ञान एवं राष्ट्र - निर्माण की आधार - शिला मानें, तो महात्मा गाँधी का यह सपना सत्य हो सकता है।
पुस्तकें ही मनुष्य की सबसे बड़ी मित्र होती हैं, जो उसे ज्ञानी बनाती है।
धन्यवाद
आशा है इससे आपकी मदद होगी।
Answered by
0
Answer:
I HOPE IT WILL HELP YOU
PLEASE MARK ME AS BRAINLIST
Explanation:
Attachments:
Similar questions
Accountancy,
8 months ago
English,
8 months ago
Physics,
1 year ago
Math,
1 year ago
English,
1 year ago