essay on brashtachar ek abhishap
Don't give answer in deep hindi please
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भ्रष्टाचार समाज में एक घाव की तरह है, जो प्रत्येक क्षेत्र में अपना अनैतिक जहर भर रहा है। सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी आम जनता के किसी भी कार्य को करने के लिए रिश्वत मांगते है, यह सरासर गलत है। पैसा इस दुनिया का महत्वपूर्ण चीज़ है। लेकिन पैसो के लोभ में मनुष्य लालची, स्वार्थी और भ्रष्टाचारी बन गया है।
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