Hindi, asked by abuzarkhan00001, 1 year ago

essay on clean and healthy india in hindi

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Answered by kvnmurty
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महात्मा गाँधी का यह एक सपना था कि भारत वासी स्वच्छता के बारे में सीखें और उसका अमल करें। वे पर्यवरण को साफ रखने में ध्यान देते थे।  

अगर सब नागरिक छोटे और  बड़े अपने घर को और आसपास  के जगहों को साफ रखें तो बीमारियाँ फैलना बंद हो जायेंगी। हमारा घर, मुल्क, और देश सुन्दर deeखेंगे। सफायी के मामले में हम हिंदुस्तानी विदेशी वासियों से बहुत पीछे हैं। भारत को स्वच्छ और साफ रखने से हमारे पैसे बचेंगे। हम देश को विकास की और ले जा सकेंगे।  सफाई और स्वच्छता  भारत के सभी नागरिक की एक सामाजिक जिम्मेदारी बनती है।

 
स्वच्छ भारत से सार्वजनिक स्वास्थ्य और सफाई  बढ़ेंगे  और गरीबों के पैसे भी  बचेंगे। इस से भारत का आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। सिर्फ दो घंटे हर हफ़्ते  लगाना है इस काम में। स्वच्छ भारत में  लोग ना गंदगी करेंगे और ना करने देंगे । 

हम को गावों में और  सौचालय भी बनाने होंगे।  भारत की स्वच्छता की कोशिश  मानव शृंखला बनकर और बढ़ेगा। अखबार, टीवी और रेडियो पर प्रसारणों और चर्चाओं लोगों की जानकारी बढ़ेगी ।  कुच सालों के बाद हिंदुस्तान पश्चिमी देशों के जैसे एकदम बढिया और सुन्दर हो जाएगा। 
Answered by Priatouri
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स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत |

Explanation:

एक स्वच्छ भारत निश्चित रूप से एक स्वस्थ भारत होगा। मलेरिया, डेंगू और कई अन्य बीमारियाँ जो कीड़ों से फैलती हैं, हमारे शहरों और गाँवों की विषम परिस्थितियों के कारण होती हैं।

यह स्थानीय लोगों पर निर्भर है कि वे स्थानीय सरकार पर स्वच्छता अभियान चलाने के लिए दबाव डालें। एक सरकार बहुत कुछ कर सकती है लेकिन यह नागरिकों पर निर्भर है कि वे स्वच्छता बनाए रखें। हमें सार्वजनिक स्थानों पर थूकना नहीं चाहिए। हमें सड़कों और गलियों में कूड़ा नहीं डालना चाहिए। प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। नालियों में प्लास्टिक के कारण पानी भर जाता है। सरकार को यह देखना चाहिए कि नालियों को कवर किया गया है और रणनीतिक स्थानों पर डस्टबिन रखे गए हैं।

हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया है। इस प्रयास में हम उनका समर्थन करते हैं। उनकी सरकार ने शौचालय बनाने का वादा किया है ताकि लोग खुले में शौच करते न दिखें। आज भी 59% आबादी खुले में शौच करने के लिए खुली जगहों का उपयोग करती है। सरकार ने कार्यालय में 100 दिन पूरे होने तक 5.3 मिलियन शौचालय बनाने के लिए 40 बिलियन रु।

हाल के वर्षों में, गैर सरकारी संगठनों और निजी व्यक्तियों ने सार्वजनिक रूप से पेशाब करने वाले पुरुषों के खिलाफ एक शर्मिंदगी और उपहास अभियान शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है। ये कुछ ऐसे उपाय हैं जिनसे हम भारत में स्वच्छता ला सकेंगे और देश को स्वच्छ बना सकेंगे ।

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अगर समय चक्र रुक जाये तो

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