Hindi, asked by vinaymyana, 11 months ago

Essay on cloth weavers. Hindi

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Answered by harsha2000
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बुनाई (weaving) वस्त्र बुनाई की वह विधि है जिसमें ताना एवं बाना नामक दो भिन्न तथा परस्पर लम्बवत धागों का समूह को आपस में गूंथकर वस्त्र बनाया जाता है। बुनाई के अलावा भी कई विधियों से वस्त्र बनाये जाते हैं, जैसे- निटिंग (knitting), लेस बनाना (lace making), फेल्टिंग (felting), तथा ब्रेडिंग या प्लेटिंग (braiding or plaiting)। ताना (warp) वह है जो लम्बाई की दिशा में लगता है तथा बाना (weft or filling) वह है जो चौढ़ाई की दिशा में लगता है। ताना और बाना को विभिन्न तरीकों से परस्पर गुंथा जा सकता है। वस्त्र के गुणधर्म इससे ही निर्धारित होते हैं कि ताना और बाना को किस प्रकार परस्पर बुना गया है।

वस्त्र प्रायः करघा (लूम) पर बुना जाता है। करघा तानों को अपनी जगह पर बनाए रखता है और बानों को उनमें से होकर बुना जाता है। ताना और बाना के उपयोग से बुनाई का काम करघा के अतिरिक्त दूसरी विधियों द्वारा भी किया जा सकता है, जैसे- मेज पर बुनाई, बैक-स्ट्रैप, आदि।

बुनाई से निर्मित अधिकांश वस्त्र मुख्यतया तीन प्रकार की बुनाई में से किसी एक विधि से बनते हैं- सादा बुनाई, सतिन बुनाई (satin weave) तथा ट्विल (twill)।

Answered by Priatouri
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भारतीय समाज में बुनकरों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है I बुनकर वे लोग होते हैं जो धागों को बुनकर कपड़ा तैयार करते हैं किंतु इनका काम केवल कपड़े तैयार करने तक सीमित नहीं रहता है I ये धागे को इस प्रकार बुनते हैं कि निर्मित कपड़े में एक डिजाइन उभर कर आए I  बुनकर लोगों का भारतीय समाज में निचला स्थान है परंतु यह सदा ही भारतीय समाज के एक महत्वपूर्ण अंग रहे हैं Iवस्त्र प्रायः करघा पर बुना जाता था जिन्हें इन अंग्रेजी भाषा में loom कहा जाता था किंतु जैसे जैसे औद्योगिकरण आया वैसे वैसे हथकरघा उद्योगों में कमी आईI

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