Essay on Corona kal me kya khoya or kya paya in Hindi
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प्रस्तावना : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है, लेकिन कोरोना का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फ़ैल रहा है।
* कोरोना वायरस क्या है?
कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।
इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था। इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है।
कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं। कोरोना वायरस अब चीन में उतनी तीव्र गति से नहीं फ़ैल रहा है जितना दुनिया के अन्य देशों में फैल रहा है। कोविड 19 नाम का यह वायरस अब तक 70 से ज़्यादा देशों में फैल चुका है। कोरोना के संक्रमण के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए सावधानी बरतने की ज़रूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके।
Explanation:
कोरोना काल में हम में से कई परिवारों ने अपनों को खोया। 2020 में कोरोना ने कई लोगो को हमसे छीन लिया। अमरीका जैसा विकसित और शक्तिशाली देश कोरोना संक्रमण के मामले में सबसे ऊपर था। ब्राज़ील और इटली जैसे देशो में लाखो लोगो ने कोरोना की वजह से अपनी जिंदगी गवा दी। भारत की आबादी अन्य देशो से अधिक है। लेकिन शुरुआत से देश और सरकार ने सूझ -बुझ के साथ कोरोना काल को संभाला है । भारत ने सभी देशो के सामने यह साबित किया कि वह एक सतर्क और समृद्ध देश है। आपातकालीन स्थिति में देश ने और स्वास्थ्य कर्मियों ने अपना हौसला ना खोकर मरीज़ो की सेवा की और लाखो लोगो का निडर होकर कोरोना टेस्ट करवाया।लॉकडाउन को भारत में चार हिस्सों में बांटा गया। वह वक़्त बेहद दर्दनाक था , जब पूरा देश बंद रहा। देश में सारे दफ्तर , व्यापार और लोगो की आवाजाही पर अंकुश लगाया गया। समाजिक दूरी रखना कोरोना से दूर रहने का उपाय बन गया था और अभी भी लोग इस नियम को मान रहे है। श्रमिक और मज़दूरों को काम ना मिलने की वजह से उन्हें पैदल अपने घर के लिए निकलना पड़ा। तब यातायात के सारे साधन बंद थे। मजदूरो को सबसे अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ा।2020 से अभी तक तकरीबन पूरा साल जोखिमों से भरा हुआ था। उतार चढ़ाव से भरा हुआ था। अनलॉक वन के वक़्त रात नौ बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक बंद हुआ करता था। दिन के वक़्त बाजार , दवाई खाने और दुकाने खुली होती थी। यातायात के साधन चलना शुरू हो गया था। यह सब कुछ सामाजिक दूरी को ध्यान में रखकर किया जा रहा था। लोगो को आज भी मास्क और समय समय पर हाथ धोने जैसे नियमो का सावधानी से पालन कर रहे थे। आज ऐसा वक़्त आ गया है जिसमे लोग गले नहीं मिलते और हाथ नहीं मिलाते हैदेश के हर बाजार , शॉपिंग मॉल और लघु -कुटीर उद्योगों पर इसका भीषण प्रभाव पड़ा। केंद्र सरकार ने लगातार औद्योगिक घाटे को समझते हुए थोड़ी छूट दी ताकि किसानो को ज़्यादा परेशानी ना हो और उनके फसल सब्ज़ी मंडी पर पहुँच जाए। किसानो की दिक्कतों को समझते हुए , केंद्र सरकार ने किसान के लिए मोबाइल ऐप का आरम्भ किया जिससे यातायात की सुविधा इत्यादि मिले। पर्यटन भी इस संकटकाल में प्रभावित हुए। होटलो और रेस्टोरेंट में आवाजाही बंद रही। विदेशी पर्यटकों के ना आने के कारण पर्यटन उद्योगों पर बुरा असर पड़ा है। कोरोना संकटकाल की वजह से ज़्यादातर यात्रा टिकट और होटल बुकिंग कैंसिल यानी रद्द कर दी गयी।
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