Hindi, asked by soumisen2005, 7 months ago

essay on coronavirus prakriti pradarth athva manav nirmint

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Answered by vaishumore873
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मेलबर्न, प्रेट्र। इस समय पूरी दुनिया कोविड-19 से जूझ रही है। वैज्ञानिक इससे निपटने के लिए प्रयोगशालाओं में दिन-रात एक किए हुए हैं। लेकिन अभी तक यह भी नहीं पता चल पाया है कि आखिरकार यह महामारी फैली कैसे? क्या यह प्राकृतिक कारणों से उपजी है या मानव निर्मित है? इन सवालों के जवाब अभी तक तो भविष्य के गर्त में ही हैं।

लेकिन अब शोधकर्ताओं ने ऐसी महामारी फैलने के लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान करने के लिए एक नया उपकरण विकसित किया है, जो यह बता सकता है कि महामारी प्राकृतिक है या मानव निर्मित। शोधकर्ताओं का कहना है कि नए उपकरण के जरिये कोरोना जैसी महामारियों की उत्पत्ति की जांच करना आसान हो जाएगा।

ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, आमतौर पर माना जाता है प्रत्येक प्रकोप मूल रूप से प्राकृतिक होता है। इसके जोखिमों की उत्पत्ति का आकलन करते समय अप्राकृतिक कारणों को शामिल नहीं किया जाता। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह हो सकता हमें भविष्य में किसी अन्य महामारी का करना पड़े। इसीलिए समय बदलने के साथ-साथ हमें किसी भी महामारी के फैलने पर इसके अप्राकृतिक कारणों पर भी गौर करना चाहिए ताकि भावी पीढि़यों को जान के जोखिम से बचाया जा सके।

रिस्क एनालिसिस नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि महामारी के कारकों का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने जीएफटी नामक एक मूल्यांकन उपकरण को मोडिफाइड कर 'एमजीएफटी' बनाया। जीएफटी का प्रयोग पिछले प्रकोपों का मूल्यांकन करने के लिए भी किया गया था।

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