Hindi, asked by debajyotisamantaray8, 18 days ago

essay on COVID ke karan logo ki samasya in hindi​

Answers

Answered by mayanknagdali122993
1

Answer:

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन किया गया है. दिल्ली में भी इसे देखते हुए 23 तारीख से लॉकडाउन किया गया है सीमाओं पर आवाजाही के लिए कर्फ़्यू पास अनिवार्य कर दिया गया है.

लॉकडाउन के साथ ही दिल्ली में काम करने वाले कई मज़दूर बाहर अपने राज्य लौटने लगे. जब बस और रेल बंद हो गईं तो वो पैदल ही अपने घरों के लिए निकल गए.

दिल्ली में अब तक कोरोना वायरस के 35 मामले सामने आ चुके हैं.

दिल्ली में लॉकडाउन से बने हालात को देखते हुए सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) ने एक रिपोर्ट जारी की है.

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इस रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के सबसे कमजोर वर्ग के सामने लॉकडाउन के चलते खाने की समस्या पैदा हो गई है. ये वर्ग अपनी पेट भरने की ज़रूरत से जूझ रहा है और आगे मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं.

छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें

इस रिपोर्ट को सीपीआर में सीनियर रिसर्चर अश्विनी पारुलकर और फेलो मुक्ता नायक ने तैयार किया है.

मुक्ता नायक ने बताया, “कई जगहों से ये ख़बर आ रही थी कि शेल्टर होम्स में खाने के लिए भीड़ बहुत बढ़ गई थी, लोगों को राशन नहीं मिला रहा था और बाहर से आए कामगार पैदल वापस लौट रहे थे लेकिन सीमा बंद होने के कारण वो जा नहीं पा रहे थे. मजदूरों और अप्रवासियों की ये जो कई सारी समस्या आ रही थी इसे देखते हुए एक ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की गई.”

मुक्ता नायक बताती हैं कि इस रिपोर्ट के लिए शेल्टर चलाने वाली एजेंसियों, कम्यूनिटी के लोगों, गैर-सरकारी संस्थाओं और मजदूर यूनियनों से बात की गई और इससे कई महत्वूपर्ण बातें निकलकर सामने आईं.

Answered by msseemarai1981
1

Answer:

Hi hope this helps you

Explanation:

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन किया गया है. दिल्ली में भी इसे देखते हुए 23 तारीख से लॉकडाउन किया गया है सीमाओं पर आवाजाही के लिए कर्फ़्यू पास अनिवार्य कर दिया गया है.

लॉकडाउन के साथ ही दिल्ली में काम करने वाले कई मज़दूर बाहर अपने राज्य लौटने लगे. जब बस और रेल बंद हो गईं तो वो पैदल ही अपने घरों के लिए निकल गए.

दिल्ली में अब तक कोरोना वायरस के 35 मामले सामने आ चुके हैं.

दिल्ली में लॉकडाउन से बने हालात को देखते हुए सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) ने एक रिपोर्ट जारी की है.

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इस रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के सबसे कमजोर वर्ग के सामने लॉकडाउन के चलते खाने की समस्या पैदा हो गई है. ये वर्ग अपनी पेट भरने की ज़रूरत से जूझ रहा है और आगे मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं.

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इस रिपोर्ट को सीपीआर में सीनियर रिसर्चर अश्विनी पारुलकर और फेलो मुक्ता नायक ने तैयार किया है.

मुक्ता नायक ने बताया, “कई जगहों से ये ख़बर आ रही थी कि शेल्टर होम्स में खाने के लिए भीड़ बहुत बढ़ गई थी, लोगों को राशन नहीं मिला रहा था और बाहर से आए कामगार पैदल वापस लौट रहे थे लेकिन सीमा बंद होने के कारण वो जा नहीं पा रहे थे. मजदूरों और अप्रवासियों की ये जो कई सारी समस्या आ रही थी इसे देखते हुए एक ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की गई.”

मुक्ता नायक बताती हैं कि इस रिपोर्ट के लिए शेल्टर चलाने वाली एजेंसियों, कम्यूनिटी के लोगों, गैर-सरकारी संस्थाओं और मजदूर यूनियनों से बात की गई और इससे कई महत्वूपर्ण बातें निकलकर सामने आईं.

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