essay on difficulties of urbanisation in hindi
Answers
Answered by
1
पिछले कुछ दशकों से भारत की जनसंख्या में तीव्रगति से वृद्धि हुई हे । जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ शहरों और महानगरों की जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ शहरों और महानगरों की जनसंख्या बेतहाशा बढी है । ग्रामीण क्षेत्रों की जनसंख्या का शहरो एवं बडे-बडे महानगरों की ओर पलायन हो रहा है ।
जनसंख्या का ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों मे जाना ‘शहरीकरण’ अथवा नगरीकरण कहलाता है । इसके परिणामस्वरूप जनसंख्या का बढ़ता हुआ भाग ग्रामीण स्थानों में रहने के बदले शहरी स्थानों में रहता है । परिणामस्वरूप शहरों की बढ़ती जनसंख्या अनेक समस्याओं को जन्म दे रही है जिनका समाधान किया जाना आवश्यक है ।
शहरीकरण के कारण:
यूँ तौ शहर हमेशा से ही आकर्षण का केन्द्र रहा है । शहर विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं । लोग उच्च एवं अच्छी शिक्षा, अच्छा जीवन, अच्छा काम एवं रोजगार, अच्छी चिकित्सा आदि करणों से शहरों की ओर भाग रहे हैं । शहरों में पाए जाने वाले आधुनिक एवं चकाचौंध करने वाली सुविधाएं लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं ।
ये सक्रिय, नावचारयुक्त और सजीव हैं । यहाँ प्रत्येक व्यक्ति को उसकी अभिलाषाओं एवं आकाक्षाओं को प्राप्त करने हेतु अवसर प्राप्त होते हैं । एक अनुमान के अनुसार एक करोड़ व्यक्ति प्रति सप्ताह रोजी रोटी और तरक्की के सपने संजोए गाँवों से शहरों में से चले आते हैं ।
शहरीकरण के सकारात्मक प्रभाव या लाभ:
शहरीकरण के सामाजिक प्रभाव परिवार, जाति महिलाओं की सामाजिक स्थिति एवं ग्रामीण जीवन पर पड़ रहा है । शहरीकरण परिवार के ढाँचे, आन्तरिक एवं अन्तर पारिवार के संबधो और उन कार्यों को जो परिवार करता है, सभी को प्रभावित करता है ।
अब पतिप्रधान परिवार का स्थान समतावादी परिवार ले रहा है, जिसमें पत्नियों निर्णय प्रक्रिया में भाग लेती है, माता-पिता द्वारा बच्चों पर अधिकार थोपे नहीं जाते और न ही बच्चे आँखे मूँद कर अपने माता-पिता के आदेशों का पालन करते हैं ।
बच्चों को रूख अब डर की बजाय आदर प्रेरित हो रहा है । जातियों एवं उपजातियों का विलयन हो रहा है अन्तर्जातीय विवाहों के रूप में । खानपान सबधों, वैवाहिक संबंधों, सामाजिक संबंधों एवं व्यावसायिक संबंधों में परिवर्तन हुए हैं । शहरी महिलाएं ग्रामीण महिलाओं की तुलना में अधिक शिक्षित एवं उदार है ।
शहरी महिलाएं ग्रामीण महिला से अधिक स्वतंत्र हैं, नौकरियों में कार्यरत हैं एवं राजनीतिक पदों पर आसीन हैं । शहरीकरण के कारण गाँवों में सभी शहरी जीवन की सुविधाएँ उपलब्ध होती जा रही हैं । उत्कृष्ट राजमार्ग, बसें वे मोटरें, रेडियों, टेलीविजन, अखबार आदि सुविधाए उपलब्ध हो गई हे । ग्रामीणों की दृष्टिकोण भी अब उदार हो गया है । विवाह, परिवार और जाति-पंचायतों की संस्थाओं में भी परिवर्तन आया है । परन्तु आज भी परम्पराओं का महत्त्वपूर्ण स्थान है ।
hope this helps!!!
please mark my answer as brainliest
जनसंख्या का ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों मे जाना ‘शहरीकरण’ अथवा नगरीकरण कहलाता है । इसके परिणामस्वरूप जनसंख्या का बढ़ता हुआ भाग ग्रामीण स्थानों में रहने के बदले शहरी स्थानों में रहता है । परिणामस्वरूप शहरों की बढ़ती जनसंख्या अनेक समस्याओं को जन्म दे रही है जिनका समाधान किया जाना आवश्यक है ।
शहरीकरण के कारण:
यूँ तौ शहर हमेशा से ही आकर्षण का केन्द्र रहा है । शहर विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं । लोग उच्च एवं अच्छी शिक्षा, अच्छा जीवन, अच्छा काम एवं रोजगार, अच्छी चिकित्सा आदि करणों से शहरों की ओर भाग रहे हैं । शहरों में पाए जाने वाले आधुनिक एवं चकाचौंध करने वाली सुविधाएं लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं ।
ये सक्रिय, नावचारयुक्त और सजीव हैं । यहाँ प्रत्येक व्यक्ति को उसकी अभिलाषाओं एवं आकाक्षाओं को प्राप्त करने हेतु अवसर प्राप्त होते हैं । एक अनुमान के अनुसार एक करोड़ व्यक्ति प्रति सप्ताह रोजी रोटी और तरक्की के सपने संजोए गाँवों से शहरों में से चले आते हैं ।
शहरीकरण के सकारात्मक प्रभाव या लाभ:
शहरीकरण के सामाजिक प्रभाव परिवार, जाति महिलाओं की सामाजिक स्थिति एवं ग्रामीण जीवन पर पड़ रहा है । शहरीकरण परिवार के ढाँचे, आन्तरिक एवं अन्तर पारिवार के संबधो और उन कार्यों को जो परिवार करता है, सभी को प्रभावित करता है ।
अब पतिप्रधान परिवार का स्थान समतावादी परिवार ले रहा है, जिसमें पत्नियों निर्णय प्रक्रिया में भाग लेती है, माता-पिता द्वारा बच्चों पर अधिकार थोपे नहीं जाते और न ही बच्चे आँखे मूँद कर अपने माता-पिता के आदेशों का पालन करते हैं ।
बच्चों को रूख अब डर की बजाय आदर प्रेरित हो रहा है । जातियों एवं उपजातियों का विलयन हो रहा है अन्तर्जातीय विवाहों के रूप में । खानपान सबधों, वैवाहिक संबंधों, सामाजिक संबंधों एवं व्यावसायिक संबंधों में परिवर्तन हुए हैं । शहरी महिलाएं ग्रामीण महिलाओं की तुलना में अधिक शिक्षित एवं उदार है ।
शहरी महिलाएं ग्रामीण महिला से अधिक स्वतंत्र हैं, नौकरियों में कार्यरत हैं एवं राजनीतिक पदों पर आसीन हैं । शहरीकरण के कारण गाँवों में सभी शहरी जीवन की सुविधाएँ उपलब्ध होती जा रही हैं । उत्कृष्ट राजमार्ग, बसें वे मोटरें, रेडियों, टेलीविजन, अखबार आदि सुविधाए उपलब्ध हो गई हे । ग्रामीणों की दृष्टिकोण भी अब उदार हो गया है । विवाह, परिवार और जाति-पंचायतों की संस्थाओं में भी परिवर्तन आया है । परन्तु आज भी परम्पराओं का महत्त्वपूर्ण स्थान है ।
hope this helps!!!
please mark my answer as brainliest
Similar questions