Hindi, asked by sreejamanoj2002, 1 year ago

essay on digital india in hindi

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Answered by kvnmurty
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    डिजिटल इंडिया अभियान (पहल) को हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 1 जूलै, 2015 शुरू किया ।  इस कार्यक्रम को अंकीय भारत या डिजिटल भारत भी कहते हैं।  इस अभियान के जरिये मोडीजी भारत देश के सरकारी विभाग और मंत्रालय, और देश के नागरिक के बीच संबंध बढ़ाना चाहते हैं। सब नागरिक अपने मोबैल फोन के जरिये दुनिया कुछ कर सके इंटरनेट के इंस्तेमाल से।

     सारे सरकारी सेवाएँ इलेक्ट्रोनिक रीति से सारे नागरिक तक पहुंचे।  गाँव के लोगों को भी अधिक तेजीवाले  इंटरनेट (ब्रोडबांड संयोजकता) से जोड़कर सेवाएँ आण्विक रूप से देना है।  इस में तीन विषय हैं।

 
   1. अंकीय तकनीक पर आधारित एक ढांचे (नेटवर्क, जाली) का निर्माण
    2.  इलेक्ट्रोनिक अंकीय रूप से सरकारी सेवाए सब नागरिकों तक पहुंचाना
 
   3.  इलेक्ट्रोनिक अंकीय तकनीकी में और अवगम प्रौध्योगिकी में साखरता बढ़ाना

 
   इस योजना को 5 साल में पूरे रूप से कार्यान्वित करने का लक्ष्य बनाया है।  इसमें दोनों उपभोक्ता, यानि सेवा प्रदाता (सरकारी विभाग) और उपभोक्ता (नागरिक), को  लाभ होना है।  पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानि पी.पी.पी. के नमूने पर काम (परियोजना) किए जाएंगे।

      इस योजना में अभी  तक कुछ कमियाँ रह गई है।  अभी तक कानूनी ढाँच (योजना)
, गोपनीयता, डेटा (सूचना) सुरक्षा के नियम, नागरिकों का स्वायत्तता (आटोनोमी) का हरण और इलेक्ट्रोनिक सेवाओं के लिए संसदीय निगरानी और भारत देश के राष्ट्रिय स्तर पर सैबर सुरक्षा, इस में से निकलनेवाला ई-वेस्ट (ई-कचरा) का प्रबंध  इत्यादि विषयों के ऊपर पूरा जांच और विश्लेषण नहीं हुआ।  यह सब बहुत खास और अनिवार्य हैं।

 
     इस में लाखों गाँव में  तेज ब्रोडबंड का प्रबंध, 400,000 इंटरनेट तक पहुँचने के अकसेस पॉइंट देना है। एक करोड़ से भी युवजनों को इन तकनीकियों में निपुण बनाना है।  हजारों नए संस्थाओं का आरंभ होने के लिए और विकास करने के लिए प्रोत्साहन देना है।

      25 लाख पाठशालाओं में वैफै (बेतार – बिना तार के) के माध्यम से इंटरनेट की उपलब्धी देना का अंदाजा है । सब सरकारी दफ्तरों में बिना कागज या हार्ड कॉपी या फैलों के  काम करवाने का विचार है।  इस में लोगों के लिए अंकीय दराज दिया जाएगा। उस में लोग अपने कागज, प्रमाण-पत्र, दस्तावेज़ सारे रख सकेंगे।  इस से आवेदन पत्रों में प्रामाणिकता बढ़ेगी, यही आशंका है।  इस के लिए एक बड़ासा गणनयंत्र-बादल (कंप्यूटर का क्लौड) बनाएँगे जिस में लोगों के डाटा (सूचना) रक्षित रूप से रखी जाएगी।  सरकरे दफ्तरों में हाजिरी भी बयोमेट्रिक (जीवसांख्यिकी) रूप से लिया जाएगा। नागरिकों का एकात्मता पहचान उनके मोबाइल सेल से प्रमाणित किया जाएगा। अभी अभी के नई तकनीकी नम्य इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए एक संस्था का स्थापन किया जाएगा।  पूर्व-उत्तर राज्यों के विकास के लिए बी.पी.ओ. संस्थाओं का स्थापन में कायम बदले जाएंगे।

      डिजिटल इंडिया की ओर बहुत से बड़े संस्थाओं ने दिलचस्पी दिखाई। उनमें भारत के और अंतर्राष्ट्रीय मशहूर संस्थाएं हैं।   मैं आशा करता हूँ कि इस आयोजन में हो जो कमियाँ हैं, उनका  जल्द से जल अच्छे और सही हल निकाला जाय  और बाद में  नागरिकों को सुरक्षित ढंग से सेवाएँ पहुंचाया जाय ।

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Answered by Roshan4tech
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डिजिटल इंडिया

भारत को अधिक डिजिटल और अधिक तकनीकी बनाने के लिए, भारत सरकार ने "डिजिटल इंडिया अभियान" शुरू किया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत के प्रत्येक नागरिक को उच्च गति के इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक चीजों को प्रदान करना और सुनिश्चित करना है। यह अभियान वर्ष 2015 में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद मोदी द्वारा दिल्ली में शुरू किया गया था।

इस डिजिटल इंडिया अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत के प्रत्येक नागरिक को उच्च गति का इंटरनेट प्रदान करना, ऑनलाइन बुनियादी ढांचे में सुधार करना, प्रत्येक नागरिक को एक डिजिटल आईडी प्रदान करना, प्रत्येक नागरिक को एकीकृत सेवाओं और विभागों की उपलब्धता प्रदान करना है। भारत को अधिक डिजिटल बनाने के लिए, भारत सरकार ने मेट्रो, रेलवे और हवाई अड्डों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर मुफ्त वाई-फाई ज़ोन बनाए हैं।

भारत सरकार वर्ष 2023 तक सभी लेन-देन और भुगतान ऑनलाइन सुनिश्चित करती है और सरकार और आम लोगों के बीच संबंध प्रदान करने के लिए सरकार ने डिजिटल लॉकर लॉन्च किया है। इसके माध्यम से लोग ई-दस्तावेज, ई-टेंडरिंग और कई अन्य डिजिटल गतिविधियों को भेज और प्राप्त कर सकते हैं।

डिजिटल इंडिया भारत को डिजिटल और शक्तिशाली ज्ञान अर्थव्यवस्था देश बनाने के लिए भारत सरकार का एक नया मकसद है। आज, विभिन्न गाँव हैं, जिनमें अभी भी इंटरनेट की उपलब्धता नहीं है, इन सभी नागरिकों को उच्च गति इंटरनेट प्रदान करने के लिए सरकार का उद्देश्य है। हाल ही में, 2019 में, सरकार ने डिजिटल इंडिया में "नेशनल ब्रॉडबैंड" के रूप में नया कार्यक्रम शुरू किया, जो 7 बिलियन INR की परियोजना है। यह परियोजना हर गांव और कस्बे को उच्च गति इंटरनेट प्रदान करने के उद्देश्य से है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को डीईआईटीवाई द्वारा समन्वित किया जाना है।

डिजिटल इंडिया आज भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए सबसे सफल अभियानों में से एक है। जैसे-जैसे यह दुनिया दिन-प्रतिदिन डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक होती जा रही है, भारत सरकार भारत को अधिक तकनीकी और अधिक डिजिटल बनाने की कोशिश कर रही है। भारत के इंटरनेट सेवा प्रदाताओं जैसे Jio, Airtel, idea, vodafone, BSNL को सरकार द्वारा उनके इंटरनेट प्लान की कीमतें कम करने के लिए सूचित किया गया था। Jio ने सफलतापूर्वक काम किया है। और, 2016 में, भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को क्रमशः 5 मिलियन, 2017 में 10 मिलियन, 2018 में 15 मिलियन और 23 मिलियन और 2019 में बढ़ाया गया था।

जैसे-जैसे भारत में स्मार्टफोन और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, तो यह एक स्पष्ट संकेत है कि, "डिजिटल इंडिया 'परियोजना भारतीय सरकार द्वारा एक सफल अभियान है।

डिजिटल इंडिया अभियान के तीन मुख्य दर्शन हैं:

i) डिजिटल बुनियादी ढाँचा

ii) ऑन-डिमांड संचालन और सेवाएं

iii) नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण।

i) डिजिटल बुनियादी ढांचा:

उच्च गति इंटरनेट प्रदान करना, प्रत्येक नागरिक को ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करना, प्रत्येक व्यक्ति की डिजिटल आईडी बनाना, मोबाइल फोन और बैंकिंग ऑनलाइन और डिजिटल रूप से बनाना।

ii) मांग संचालन और सेवाओं पर

यदि आम लोग किसी विशेष सेवा के लिए सरकार से अनुरोध करेंगे जो हमारे देश में उपलब्ध नहीं है, लेकिन अन्य देशों में प्रदान की जाती है, तो सरकार मांग सेवाओं पर काम करेगी। नागरिक ऑनलाइन डाटा स्टोरेज के लिए सभी क्लाउड ऐप और सेवाओं का उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए।

iii) नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण

इसमें सार्वभौमिक डिजिटल साक्षरता, सार्वभौमिक डिजिटल संसाधन, भारतीय भाषाओं में सेवाएं शामिल हैं।

भारतीय प्रतिभा (आईटी) + सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) = कल का भारत (आईटी)।

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डिजिटल इंडिया का शुक्रिया।

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