Hindi, asked by 8310stkabirdin, 1 year ago

essay on discipline in hindi




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Answered by aditya55424
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Answer:

The word ‘discipline’ means a training that produces obedience or self-controlled behaviour to the orders of a proper authority. In every walk of life, discipline is of supreme importance. When a number of people are engaged to perform some colossal work, they must observe certain rules and obey the persons placed over them. That is called ‘discipline’. If they do not obey the rules or their superiors, the work is likely to suffer.

In a battle-field, every soldier must obey the command of his higher officers. If not, the army, lacking discipline, is likely to lose the battle. It is only that a disciplined army is found to march forward and win the war. There are thou­sands of such examples in the pages of history.

Discipline is the backbone of character. Without disci­pline, nothing great can be achieved in life. A person is nor­mally found to be disciplined from his childhood. It is a habit that one acquires from his environments, or by way of training. A child must be trained to observe discipline from his early years. His habits, manners, movements, speeches- everything should be guided by the term of discipline so that a good personality can be acquired in his later life that helps one in one’s upliftment.

Answered by nishabundela11
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जीवन के सभी कार्यों में अनुशासन अत्यधिक मूल्यवान है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों। ये खुशहाल और शांतिपूर्णं जीवन जीने की सबसे बड़ी जरुरत है। ये हमें ढेर सारे बड़े मौके देती है, अनुशासन आगे बढ़ने के लिये सही रास्ता देती है, जीवन में सही बातें सीखाती है, कम समय में ज्यादा अनुभव मिलता है आदि। जबकि अनुशासन की कमी की वजह से ढेर सारी दुविधा और गड़बड़ी होती है, अनुशासनहीनता की वजह से जीवन में शांति और प्रगति के बजाय ढेर सारी परेशानी उत्पन्न हो जाती है।

ये जीवन के सभी कार्यों के लिये एक महत्वपूर्णं यंत्र है चाहे वो घर, कार्यालय, खेल का मैदान या दूसरी जगह हो। अगर हम अनुशासन का पालन न करें तो हमारा जीवन अव्यवस्थित हो जायेगा। इस दुनिया में हर चीज अनुशासित है और अनुशासन के द्वारा संगठित है। हवा, पानी और जमींन हमें जीवन जीने का रास्ता देते है। ये दुनिया, देश, समाज, समुदाय आदि सबकुछ बिना अनुशासन के असंगठित हो जायेगा क्योंकि सब कुछ अनुशासन पर निर्भर है। अनुशासन एक स्वभाव है जो प्रकृति द्वारा प्रदत्त सभी चीजों में उपस्थित है।

हमें अपने शिक्षक, अभिभावक और बड़ों की बातों को मानना चाहिये। हमें उनके अनुभवों के बारे में उनसे सुनना चाहिये और उनकी सफलता और असफलता से सीखना चाहिये। जब भी हम किसी चीज को गहराई से देखना और समझना शुरु करते हैं, तो ये हमें जीवन में महत्वपूर्ण सीख देता है। मौसम अपने सही समय पर आता और जाता है, आकाश बारिश करता है और रुकता है आदि सभी सही समय होती हैं जो हमारे जीवन को संतुलित बनाती है।

इसलिये, इस धरती पर जीवन चक्र को कायम रखने के लिये हमें भी अनुशासन में रहने की जरुरत है।

अनुशासित रहने के तरीके

हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं।

1.एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना।

2.कार्यों को समय पर पूरा करने का हरसंभव प्रयास करना।

3.व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना।

4.बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बनाना।

5.अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना।

अनुशासन का लाभ और आवश्यकता

अनुशासनहीनता की वजह से जीवन में ढेर सारी दुविधा हो जाती है और व्यक्ति को गैर-जिम्मेदार और आलसी बना देता है। ये हमारे विश्वास के स्तर को कम करती है और आसान कार्यों में भी व्यक्ति को दुविधाग्रस्त रखती है। जबकि अनुशासन में होने से ये हमें जीवन के सबसे अधिक ऊंचाईयों की सीढ़ी पर ले जाती है।

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