essay on diwali in 200 words in hindi
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भारत एक ऐसा देश है जिसको त्योहारों की भूमि कहा जाता है। इन्हीं पर्वों में से एक खास पर्व है दीपावली जो दशहरा के 20 दिन बाद अक्तूबर या नवंबर के महीने में आता है। इसे भगवान राम के 14 साल का वनवास काटकर अपने राज्य में लौटने की खुशी में मनाया जाता है। अपनी खुशी जाहिर करने के लिये अयोध्या वासी इस दिन राज्य को रोशनी से नहला देते है साथ ही पटाखों की गूंज में सारा राज्य झूम उठता है।
दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानी पंक्ति। इस प्रकार दीपों की पंक्तियों से सुसज्जित इस त्योहार को दीपावली कहा जाता है। दीवाली को रोशनी का उत्सव या लड़ीयों की रोशनी के रुप में भी जाना जाता है जो कि घर में लक्ष्मी के आने का संकेत है साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये मनाया जाता है। असुरों के राजा रावण को मारकर प्रभु श्रीराम ने धरती को बुराई से बचाया था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अपने घर, दुकान, और कार्यालय आदि में साफ-सफाई रखने से उस स्थान पर लक्ष्मी का प्रवेश होता है। उस दिन घरों को दियों से सजाना और पटाखे फोड़ने का भी रिवाज है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन नई चीजों को खरीदने से घर में लक्ष्मी माता आती है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, पटाखे, मिठाइयां और नये कपड़े बाजार से खरीदते है। शाम के समय, सभी अपने घर में लक्ष्मी आराधना करने के बाद घरों को रोशनी से सजाते है। पूजा संपन्न होने पर सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते है साथ ही ईश्वर से जीवन में खुशियों की कामना करते है। अंत में पटाखों और विभिन्न खेलों से सभी दीवाली की मस्ती में डूब जाते है।
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दीपावली निबंध 2 (200 शब्द) :
हम भारत देश में रहते हैं जिसे अलग-अलग धर्मों में एकता, संस्कृति, रीति-रिवाजों और अलग-अलग उत्सवों की वजह से जाना जाता है। भारत देश में सभी धर्मों के त्यौहारों को महत्व दिया जाता है जिस प्रकार हिंदुओं के पर्व दीपावली को महत्व दिया जाता है। दीपावली त्यौहार को कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अपने देश अयोध्या लौटे थे।
श्री राम के आने की खुशी में लोगों ने दिए जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को जगमगा दिया था। दीपावली का अर्थ होता है दीपों की पंक्ति जिसमें दीयों को एक पंक्ति में जलाया जाता है। इस दिन के महत्व के रूप में लोग यह कहते हैं कि अगर इस दिन घरों, दुकानों और कार्यालयों की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जाए तो लक्ष्मी जी का प्रवेश होता है।
इस दिन को बेहतर बनाने के लिए लोग नए कपड़े, पटाखे, बर्तन, साज-सज्जा के सामान खरीदते हैं। दीपावली के दिन लोग नए कपड़े पहनकर सबसे पहले लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद सभी लोग आपस में गले मिलते हैं और मिठाईयां बांटते हैं। बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस तरह से ओग भगवान श्री राम के प्रति अपनी खुशी और प्रसन्नता प्रकट करते हैं।