Essay on diwali with introduction and conclusion in hindi
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ESSAY ON DIWALI
INTRODUCTION
Diwali is celebrated on the occasion of victory of light over darkness. Diwali also called as Deepavali or Deepawali or Dipawali in different regions of India. It is one of the India’s biggest festivals. Diwali is also considered as Harvest Festival since it falls at the end of the cropping season. Diwali is the word in Sanskrit which means rows of lighted lamps. It is a festival of lights and every Indian celebrates it with joy.People of Hindu religion wait very eagerly for this special festival of Diwali. It is the most important and favourite festival of everyone especially for kids and children of the home. During this festival, people light up their houses and shops. They worship Lord Ganesh for good welfare and prosperity and Goddess Lakshmi for wealth and wisdom.
It falls on Amavasya of the month of Kartik(also know as Kartik Maas) every year by Hindu calendar and in the last week of October or in the starting days of November by English calendar
REASON BEHIND DIWALI
There is a lot of religious and cultural beliefs behind celebrating this festival. Hindus interpret the Diwali story based upon where they live:
In northern India, they celebrate the story of King Rama’s return to Ayodhya after he defeated Ravana by lighting rows of clay lamps.
Southern India celebrates it as the day that Lord Krishna defeated the demon Narakasura.
In western India, the festival marks the day that Lord Vishnu, the Preserver (one of the main gods of the Hindu trinity) sent the demon King Bali to rule the netherworld.
This festival gives us a conclusion that good will have the victory over evil.
On the occasion of Diwali, people share gifts, sweets, cakes and many other things and give their best wishes for Diwali. People buy new things(such as electronics, cars and many other things) on this special occasion.
People light up their houses to remove the evil in their house and light crackers which are the favourite thing for everyone to do.
CELEBRATION OF DIWALI
Diwali festival includes five days long celebration which is celebrated with joy and delight. The first day of Diwali is known as the Dhanteras, the second day is Naraka Chaturdashi or Choti Diwali, the third day is Main Diwali or Lakshmi Puja, the fourth day is Govardhan Puja and the fifth day is Bhaiya Dooj. Each of the five days of Diwali celebration has its own religious and cultural beliefs.
दिवाली पर निबंध :
प्रस्तावना : भारत में दीपावली का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है | दिवाली त्यौहार धनत्रयोदशी यानि धन तेर के साथ शुरू होता है, और नरक चतुर्दशी,लक्ष्मी पूजा (दिवाली), गोवर्धन पूजा और भाईदूज के साथ खतम होता है।
यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ‘कार्तिक’ के महीने में मतलब अक्तूबर या नवम्बर के महीने में आता है। दिवाली में हर घर में दीपक से सजाये जाते है। दीवाली के दिन हर कोई खुश होता है और एक -दूसरे को बधाई देता है।
इस दिन भगवान श्रीराम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटे थे। भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्यावासियों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। अपनी खुशी जाहिर करने के लिये अयोध्या वासी इस दिन राज्य को रोशनी से चमका देते है साथ ही पटाखों की गूंज में सारा राज्य झूम उठता है। इस दिन नई चीजों को खरीदने से घर में लक्ष्मी माता आती है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, पटाखे, मिठाइयां और नये कपड़े बाजार से खरीदते है। शाम के समय, सभी अपने घर में लक्ष्मी आराधना करने के बाद घरों को रोशनी से सजाते है।
इस दिन बाजारों को एक दुल्हन की तरह रोशनी से सजाया जाता है ताकि वह इससे एक अद्भुत त्यौहार दिख सके। इस दिन बाजार बड़ी भीड़ से भरा होता है, विशेष रूप से मीठाई की दुकानें। बच्चों को बाजार से नए कपड़े, पटाखे, मिठाई, उपहार, मोमबत्तियां और खिलौने मिलते हैं। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और त्योहार के कुछ दिन पहले रोशनी से सजाते हैं।
दीवाली के दिन आशीर्वाद, स्वास्थ्य, धन और उज्जवल भविष्य पाने के लिए भगवान और देवी से प्रार्थना करते हैं। लोग इस दिन पासा, कार्ड गेम और कई अन्य प्रकार के खेल खेलते है। वे अच्छी गतिविधियों के करीब आते हैं और बुरी आदतों को दूर करते हैं।
दीवाली के दिन हर कोई खुश होता है और एक-दूसरे को बधाई देता है। बच्चे खिलौने और पटाखे खरीदते हैं। दीवाली के कुछ दिन पहले दिवाली के लिए लोग अपने घरों, दुकानों को सफाई और चित्रित करते हैं। वे इस अवसर पर नए कपड़े, उपहार, बर्तन, मिठाई आदि खरीदते हैं। इसे नई दुकानों, घर, व्यवसाय और साझेदारी आदि के उद्घाटन के शुभ अवसर माना जाता है।
लक्ष्मी पूजा यह दिन दिवाली का महत्वपूर्ण दिन माना जाता हैं इस दिन रंगोली और दियें की रोशनी के साथ घर और मंदिर को सजाकर लोग अपने घरों और दुकानों और व्यावसायिक स्थानों पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा शाम को करते हैं। दीवाली के त्यौहार का इंतजार सब करते है |
उपसंहार : दिवाली सत्य की विजय का त्यौहार है | यह त्यौहार यह दर्शाता है कि सत्य की जीत हमेशा होती है , झूठ हमेशा हरता है | दिवाली के दिन रिश्तेदारों, परिवार, मित्रों और पड़ोसियों के साथ मिलकर बहुत उत्साह से मनाते हैं। यह रोशनी का त्योहार या दीपावली के रूप में भी जाना जाता है। दिवाली में हर घर में दीपक से सजाये जाते है। दीवाली के दिन हर कोई खुश होता है और एक -दूसरे को बधाई देता है।