Hindi, asked by SHAZAM5445, 6 months ago

essay on doctors in corona in hindi

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Answered by Abhishek1006
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Answer:

कोरोना वायरस (Coronavirus) का आंतक एक तरफ और कोरोना वायरस से लड़ रहे इन लोगों (Corona Warriors) का योगदान एक तरफ. हम घर में बैठे हैं तो वहीं कुछ लोग हमारे लिए अपने अपने घरों को छोड़कर निकले हैं. कोरोना से युध्द करने के लिए. जब कोरोना को ये लोग हरा दें तो इनका एहसान मत भूल जाना.

लॅाकडाउन (Lockdown) का असर समाज में जी रहे हर तबके पर पड़ा है. लेकिन समाज में कुछ लोग ऐसे हैं जिनका एहसान है भारतवासियों पर और भारत सरकार पर. उनका कर्ज अदा करना भी मुश्किल है. कोरोना वायरस (Coronavirus ) से तो हम जीत जाएंगें बेशक जीत जाएंगे, लेकिन समाज में जी रहे इन मसीहाओं को कभी नहीं भूला जाना चाहिए. जब तक यह लोग हैं तब तक हमारा समाज कितना खूबसूरत है इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है. आइये देखते हैं कौन-कौन लोग हैं जिनका हर भारतवासी के ऊपर एहसान है.

आज के समय में हम कोरोना वॉरियर्स का जितना एहसान मानें उतना कम है

राशन वितरित करने वाले लोग

भारत सरकार ने जब लॅाकडाउन का ऐलान किया तो दिहाड़ी मजदूर एंव गरीब तबका बेहद चिंतित हो उठा कि वह कैसे इतने दिनों तक बिना किसी आमदनी के गुज़ारा करेगा. सरकार ने राहत पैकेज का ऐलान तो बाद में किया.उससे पहले ही हर जिले और हर कस्बे से राशन एंव राहत सामग्री बाँटने की तस्वीरें आने लगी. चर्चा सबकी होती है लेकिन इन लोगों की चर्चा गायब है जो बिना किसी फायदे के समाज में रह रहे लोगों की मदद को आगे आए. ऐसे लोगों का एहसान कभी भी चुकता नहीं किया जा सकता जिन लोगों ने भुखमरी से कोई जान नहीं जाने दी. अगर ऐसे लोग सामने न आते तो स्थिति बेहद भयावह होती और भुखमरी की खबरें सुर्खियां बनती.

सुरक्षा संबधी उपकरण तैयार करने वाले लोग

भारत में स्वास्थ्य विभाग के लोगों के लिए सुरक्षा उपकरण की काफी कमी थी. मगर भारत के अलग अलग हिस्सों से कुछ ऐसे नागरिक भी सामने आए जिन लोगों ने खुद से मास्क और सेनेटाइज़र तैयार किए और प्रशासन को मुहैया कराया. यह एक छोटी मदद ज़रूर हो सकती है लेकिन इस मुश्किल घड़ी में उनका यह कार्य भारत के लोगों पर एहसान ही है.

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