Essay on durga puja in hindi in 200 words
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दुर्गा पूजा हिन्दूओं के मुख्य त्योहारों में से एक है। यह हरेक साल बहुत सी तैयारियों के साथ देवी दुर्गा के सम्मान में मनाया जाता है। वह हिमालय और मैनका की पुत्री और सती का अवतार थी, जिनकी बाद में भगवान शिव से शादी हुई। यह माना जाता है कि, यह पूजा पहली बार तब से शुरु हुई, जब भगवान राम ने रावन को मारने के लिए देवी दुर्गा से शक्ति प्राप्त करने के लिए यह पूजा की थी।
देवी दुर्गा की पूजा क्यों की जाती है
देवी दुर्गा की नवरात्री में पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि, यह माना जाता है कि, उन्होंने 10 दिन और रात के युद्ध के बाद महिषासुर नाम के राक्षस को मारा था। उनके दस हाथ है, जिसमें सभी हाथों में विभिन्न हथियार हैं। देवी दुर्गा के कारण लोगों को उस असुर से राहत मिली, जिसके कारण लोग उनकी पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं।
दुर्गा पूजा
इस त्योहार पर देवी दुर्गा की पूरे नौ दिनों तक पूजा की जाती है। यद्यपि, पूजा के दिन स्थानों के अनुसार अलग-अलग होते हैं। माता दुर्गा के भक्त पूरे नौ दिन तक या केवल पहला और आखिरी दिन उपवास रखते हैं। वे देवी दुर्गा की मूर्ति को सजाकर प्रसाद, जल, कुमकुम, नारियल, सिंदूर आदि को सभी अपनी क्षमता के अनुसार अर्पित करके पूजा करते हैं। सभी जगह बहुत ही सुन्दर लगती हैं और वातावरण बहुत ही स्वच्छ और शुद्ध हो जाता है। ऐसा लगता है कि, वास्तव में देवी दुर्गा आशीर्वाद देने के लिए सभी के घरों में जाती है। यह विश्वास किया जाता है कि, माता की पूजा करने से आनंद, समृद्धि, अंधकार का नाश और बुरी शक्तियों हटती है। आमतौर पर, कुछ लोग 6, 7, 8 दिन लम्बा उपवास करने के बाद तीन दिनों (सप्तमी, अष्टमी और नौवीं) की पूजा करते हैं। वे सात या नौ अविवाहित कन्याओं को देवी को खुश करने के लिए सुबह को भोजन, फल और दक्षिणा देते हैं।
मूर्ति का विसर्जन
पूजा के बाद लोग पवित्र जल में देवी की मूर्ति के विसर्जन के समारोह का आयोजन करते हैं। भक्त अपने घरों को उदास चहरों के साथ लौटते हैं और माता से फिर से अगले साल बहुत से आशीर्वादों के साथ आने की प्रार्थना करते हैं
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Explanation:
दुर्गा पूजा प्रतिवर्ष हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्द त्यौहार है। यह भव्य त्यौहार माता दुर्गा की पूजा-आराधना के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर के अंत की ख़ुशी में मनाया जाता है। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक माना जाता है। इस त्यौहार के बिच अन्य त्यौहार दशहरा भी बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
यह त्यौहार प्रतिवर्ष अश्विन महीने के पहले से दसवें दिन तक मनाया जाता है। दुर्गा पूजा के लिए लोग 1-2 महीने पहले से तैयारियां शुरू कर देते हैं। यह त्यौहार पुरे भारत में धूम-धाम से नाच-गाने के साथ उत्साह के साथ मनाया जाता है। कुछ राज्यों जैसे ओडिशा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, तथा त्रिपुरा के लोग दुर्गा पूजा को बहुत ही बड़े तौर पर मनाते हैं। लोग जो विदेशों में रहते हैं खासकर दुर्गा पूजा के लिए छुट्टियाँ लेकर आते हैं। दुर्गा पूजा के लिए स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों में 10 दिनों का अवकास भी होता है।
दुर्गा पूजा में कई प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी दुर्गा पूजा को बहुत ही सुन्दर रूप से मनाया जाता है। भारत के पश्चिम बंगाल का यह मुख्य त्यौहार है।