Hindi, asked by c3haahmedmanitha, 1 year ago

Essay on environment in Hindi

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Answered by Nikti
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बिना पर्यावरण के हम इस ग्रह पर जीवन की कल्पना नहीं कर सकते है! अगर पर्यावरण ना होता तो ये ग्रह भी दुसरे ग्रह की तरह होता और यहाँ पर भी जीवन नहीं होता है! पर्यावरण में  कीड़े-मकोड़े से लेकर  पेड़-पौधे सभी आते है! लोगो ने पर्यावरण को दो भागो में बाटा है प्राकृतिक पर्यावरण और मानव निर्मित पर्यावरण!  मानव निर्मित पर्यावरण से हमारे प्राकृतिक पर्यावरण पर बहुत प्रभाव पड़ता है! आज के time हम लोगो पर्यावरण के नियम से बहुत  छेड़छाड़ करते है जिसके कारण पर्यावरण का संतुलन बहुत ही तेजी से बिगड़ रहा है! अगर ये  छेड़छाड़ ऐसे ही चलता रहा है तो इससे पर्यावरण पर एक बहुत बड़ा संकट आ जायेगे! पर्यावरण में बहुत से ऐसी समस्याएँ है जिनके कारण हमारे जीवन पर एक संकट पैदा होता रहता है! आज के समय में हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या ये है की हम अपने पर्यावरण के प्रति कितनी जागरूक है! पर्यावरण  'परि' और  'आवरण'  से मिलकर बना है! जिसका अर्थ आदमी और  जीवधारी के चारो के चीजों को कहते है! पर्यावरण को हम अंग्रेजी में environment कहते है! 

आज पर्यावरण पुरे दुनिया में एक बहुत बड़ा मुददा बन गया है! लेकिन इसको लेकर कोई भी आज जागरूक नहीं है! पर्यावरण को सबसे ज्यादा खतरा शहरों से है! बड़े बड़े शहरों में बड़े बड़े कारखाने हमारे पुरे पर्यावरण को बहुत प्रभावित करता है! शहरों के मुकाबले गावो में पर्यावरण को उतना ज्यादा प्रदूषित नहीं करते है! आज हम सब को पर्यावरण संरक्षण के बारे में बहुत गंभीर होकर सोचना होगा! लोगो को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना पड़ेगा! पर्यावरण का सीधा सम्बन्ध प्रकृति से है! हमको अपने प्रकृति को ठीक करने के लिए पर्यावरण संरक्षण करना होगा! हमारे आस पास रहने वाले सभी  जीव-जन्तु, पेड़-पौधे और अन्य ऐसी चीज़े जिनमे जान होता है ये सब मिलकर  पर्यावरण का निर्माण करते है! एक बढ़िया  पर्यावरण का निर्माण करने के लिए ये जरुरी है की हम सब मिलकर पर्यावरण संरक्षण करे! पर्यावरण संरक्षण करने के लिए हमको इसके बारे में अपने आने वाली पीढ़ी को बताना होगा! जब हमारे आने वाली पीडी को इसके बारे में पता चलेगा तभी वह पर्यावरण संरक्षण कर पायेगे! शिक्षा के माध्यम हम सभी को पर्यावरण का ज्ञान लोगो को देना होगा! अगर हम आज की बात करे तो हम कह सकते है की एक तरह आज इस दुनिया में जिस तरह से नए नए चीजों की खोज हो रही है उसी प्रकार हम लोग रोज अपने पर्यावरण को बहुत ही तेजी से  प्रभावित कर रहे है! पर्यावरण का हमारे तकनीक और विज्ञानं से एक बहुत गहरा रिश्ता है! इसलिए ये जरुरी है की हम पढाई के माध्यम से पर्यावरण के उपयोगिता को लोगो को बताये! और पर्यावरण को बढ़िया बनाने में अपना पूरा योगदान दे-
Answered by Anonymous
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Answer:

सभी प्रकार के प्राकृतिक तत्व जो जीवन को सम्भव बनाते हैं वह पर्यावरण के अन्तर्गत आते हैं जैसे- पानी, हवा, भूमि, प्रकाश, आग, जंगल, जानवर, पेड़ इत्यादि। ऐसा माना जाता है की पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन है तथा जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए, पर्यावरण है।

पर्यावरण प्रदुषण का हमारे जीवन पर प्रभाव

पर्यावरण के अभाव में जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती तथा हमें भविष्य में जीवन को बचाये रखने के लिए पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा। यह पृथ्वी पर निवास करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की ज़िम्मेदारी है। हर व्यक्ति सामने आये तथा पर्यावरण संरक्षण के मुहिम का हिस्सा बने।

पृथ्वी पर विभिन्न चक्र है जो नियमित तौर पर पर्यावरण और जीवित चीजों के मध्य घटित होकर प्रकृति का संतुलन बनाये रखते हैं। जैसे ही यह चक्र विक्षुब्ध (Disturb) होता है पर्यावरण संतुलन भी उससे विक्षुब्ध होता है जो निश्चित रूप से मानव जीवन को प्रभावित करता है। हमारा पर्यावरण हमें पृथ्वी पर हजारों वर्ष तक पनपने तथा विकसित होने में मदद करता है, वैसे ही जैसे की मनुष्य को प्रकृति द्वारा बनाया गया पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान प्राणी माना जाता है, उन में ब्रम्हांड के तथ्यों को जानने की बहुत उत्सुकता होती है जो की उन्हें तकनीकी उन्नति की ओर अग्रसर करता है।

हम सभी के जीवन में इस तरह की तकनीक प्रगति हुई है, जो दिन प्रतिदिन जीवन की संभावनाओं को खतरे में डाल रहीं हैं तथा पर्यावरण को नष्ट कर रहे हैं। जिस तरह से प्राकृतिक हवा, पानी, और मिट्टी दुषित हो रहे हैं, ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह एक दिन हमें बहुत हानि पहुंच सकता है। यहाँ तक की इसने अपना बुरा प्रभाव मनुष्य, जानवर, पेड़ तथा अन्य जैविक प्राणी पर दिखाना शुरू भी कर दिया है। कृत्रिम रूप से तैयार खाद तथा हानिकारक रसायनों का उपयोग मिट्टी की उर्वरकता को नष्ट करता है, तथा हम जो रोज खाना खाते है उसके माध्यम से हमारे शरीर में एकत्र होता जाता है। औद्योगिक कम्पनीयों से निकलने वाला हानिकारक धुंआ हमारे प्राकृतिक हवा को दुषित करती हैं जिससे हमारा स्वास्थय प्रभावित होता है, क्योंकि हमेशा हम सांस के माध्यम से इसे ग्रहण करते हैं।

प्रदुषण में वृद्धि, प्राकृतिक स्त्रोत में तेजी से कमी का मुख्य कारण है, इससे न केवल वन्यजीवों और पेड़ों को नुकसान हुआ है बल्की उन्होंने ईको सिस्टम को भी बाधित किया है। आधुनिक जीवन के इस व्यस्तता में हमें कुछ बुरे आदतों पर ध्यान देना आवश्यक है जो हम दैनिक जीवन में करते हैं।

यह सत्य है की हमारे नष्ट होते पर्यावरण के लिए हमारे द्वारा किया गया छोटा प्रयास बड़ा सकारात्मक बदलाव कर सकता है। हमें अपने स्वार्थ की पूर्ति तथा विनाशकारी कामनाओं के लिए प्राकृतिक संसाधनों का गलत उपयोग नहीं करना चाहिए। हमें हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान तथा तकनीक को विकसित करना चाहिए पर हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए की यह भविष्य में पर्यावरण को किसी भी प्रकार से नुकसान न पहुचाएं।

निष्कर्ष

आधुनिक तकनीक परिस्थिकिय संतुलन को भविष्य में कभी विक्षुब्ध न करें हमें इस बात का खयाल रखना चाहिए। समय आ चुका है कि हम प्राकृतिक संसाधनों का अपव्यय बंद करें और उनका विवेकपूर्ण तरह से उपयोग करें।

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