Essay on freedom fighters of india in hindi language
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स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना चाहिए
महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, राजगुरु जैसे अनेक वीरों ने हँसते हँसते अपने प्राणों की कुर्बानी दे दी पर देश को आजादी दिलवा दी। हमे अपने स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना चाहिये। आज हम भारत में आजादी भरी जिन्दगी जी रहे है, हमे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का दिल से सम्मान करना चाहिये।
महात्मा गांधी
इनको सभी लोग प्यार से “बापू” कहकर सम्बोधित करते हैं। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। देश को आजाद करवाने में इनका बड़ा योगदान है। महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन, असहयोग आंदोलन, चम्पारण और खेडा सत्याग्रह, खिलाफत आन्दोलन किया हमारे देश को आजाद कराने के लिए। इन्होने “करो या मरो” का नारा दिया। इन्होने अहिंसा के मार्ग पर चलने को कहा।
सुभाषचंद्र बोस
इनको हम लोग प्यार से “नेताजी” कहकर पुकारते है। आपका जन्म 23 जनवरी 1897 को ओड़िसा के कटक शहर में हुआ था। इन्होने देश को आजाद करने के लिए “आजाद हिन्द फ़ौज” की स्थापना की।
इन्होने प्रसिद्ध नारा दिया “तुम मुझे खून दो! मैं तुम्हे आजादी दूंगा” इन्होने “दिल्ली चलो” का नारा दिया। महात्मा गांधी और सुभाषचंद्र बोस दोनों देश को आजादी दिलवाना चाहते थे पर सुभाष चंद्र बोस “गर्म दल” के सेनानी थे। महात्मा गांधी की “अहिंसा नीति” से वो सहमत नही थे। इस वजह से वो जर्मनी जाकर हिटलर से भी मिले थे।
भगत सिंह
इनका जन्म 27 सितंबर 1907 को पंजाब में हुआ था। ये बचपन से ही देश के लिए कुछ करना चाहते थे। ये बचपन से ही देशभक्ति की भावना से भरे हुए थे। इन्होने पंजाब के युवाओं को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए कहा।
इन्होने सुखदेव, राजगुरु, के साथ मिलकर “लाहौर षड्यंत्र” किया। 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने विधान सभा में बम फेका। इन्होने किसी को मारने का प्रयास नही किया और खुद ही गिरफ्तारी दे दी। 23 मार्च 1931 को इनको फांसी दे दी गयी।
डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद
इनका जन्म 3 दिसम्बर 1884 को जीरादेई, बिहार में हुआ था। देश के स्वतंत्रता सेनानियों में इनका नाम प्रमुख रूप से लिया जाता है। इनको भारत का प्रथम राष्ट्रपति बनाया गया था। इन्होने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इनको “देशरत्न” कहकर भी पुकारते है।
रानी लक्ष्मी बाई
ये उत्तर प्रदेश के झांसी की रानी थी। इनका जन्म 1828 में उत्तरप्रदेश के बनारस जिले में हुआ था। उस समय भारत का गर्वनर डलहौजी था। इन्होने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। अंग्रेजो ने राज्य हड़प नीति बनाकर इनके राज्य को हड़पने की योजना बनाई। उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई के दत्तक पुत्र दामोदर राव को राजा बनाने से इंकार कर दिया। ग्वालियर के पास कोटा की सराय में ब्रितानी सेना से लड़ते-लड़ते रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु हो गई।
लाल बहादुर शास्त्री
इन्होने “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुग़लसराय में हुआ था। देश को आजाद करवाने के लिए इन्होने अनेक आंदोलनों में हिस्सा लिया। 1921 में असहयोग आंदोलन, 1930 में दांडी मार्च, 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई।
ये भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। इन्होने 1965 में भारत- पाक युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त थी। ये अपनी सादगी, देशभक्ति, ईमानदारी के लिए जाने जाते है। मरणोपरांत इनको “भारत रत्न” से सम्मानित किया