essay on friendship in Hind
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Answer:
व्यक्ति को प्रत्येक रिश्ता अपने जन्म से ही प्राप्त होता है, अन्य शब्दों में कहें तो ईश्वर पहले से बना के देता है, पर दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है जिसका चुनाव व्यक्ति स्वयं करता है। सच्ची मित्रता रंग-रूप नहीं देखता, जात-पात नहीं देखता, ऊँच-नीच, अमीरी-गरीबी तथा इसी प्रकार के किसी भी भेद-भाव का खंडन करती है। आमतौर पर यह समझा जाता है, मित्रता हम-उम्र के मध्य होती है पर यह गलत है मित्रता किसी भी उर्म में और किसी के साथ भी हो सकती हैं
Explanation:
'दोस्ती'
यदि माता-पिता और भाई-बहन के बाद कोई भी संबंध रहता है तो दोस्ती है। दोस्ती नहीं दिखाया गया है, लेकिन चित्रित किया गया है ।
एक सच्चा मित्र पत्थरों में मणि के समान होता है अर्थात उसे प्राप्त करना कठिन होता है। एक सच्चा दोस्त अपने साथी को कभी भी लाचार परिस्थितियों में नहीं छोड़ता, बल्कि उसके दर्द को हल करने की कोशिश करता है ।