Hindi, asked by satyamsahu12101999, 10 months ago

essay on ganga river in hindi

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Answered by manogyathota
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River ganga

गंगा भारत की नदी है । यह हिमालय से निकलती है और बंगाल की घाटी में विसर्जित होती है । यह निरंतर प्रवाहमयी नदी है । यह पापियों का उद्‌धार करने वाली नदी है । भारतीय धर्मग्रंथों में इसे पवित्र नदी माना गया है और इसे माता का दर्जा दिया गया है । गंगा केवल नदी ही नहीं, एक संस्कृति है । गंगा नदी के तट पर अनेक पवित्र तीर्थों का निवास है ।

गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है । गंगा का यह नाम राजा भगीरथ के नाम पर पड़ा । कहा जाता है कि राजा भगीरथ के साठ हजार पुत्र थे । शापवश उनके सभी पुत्र भस्म हो गए थे । तब राजा ने कठोर तपस्या की । इसके फलस्वरूप गंगा शिवजी की जटा से निकलकर देवभूमि भारत पर अवतरित हुई ।

इससे भगीरथ के साठ हजार पुत्रों का उद्‌धार हुआ । तब से लेकर गंगा अब तक न जाने कितने पापियों का उद्‌धार कर चुकी है । लोग यहाँ स्नान करने आते हैं । इसमें मृतकों के शव बहाए जाते हैं । इसके तट पर शवदाह के कार्यक्रम होते हैं । गंगा तट पर पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन आदि के कार्यक्रम चलते ही रहते हैं ।

गंगा हिमालय में स्थित गंगोत्री नामक स्थान से निकलती है । हिमालय की बर्फ पिघलकर इसमें आती रहती है । अत: इस नदी में पूरे वर्ष जल रहता है । इस सदानीरा नदी का जल करोड़ों लोगों की प्यास बुझाता है । करोड़ों पशु-पक्षी इसके जल पर निर्भर हैं । लाखों एकड़ जमीन इस जल से सिंचित होती है । गंगा नदी पर फरक्का आदि कई बाँध बनाकर बहुउद्‌देशीय परियोजना लागू की गई है ।

अपने उद्‌गम स्थान से चलते हुए गंगा का जल बहुत पवित्र एवं स्वच्छ होता है । हरिद्वार तक इसका जल निर्मल बना रहता है । फिर धीरे- धीरे इसमें शहरों के गंदे नाले का जल और कूड़ा-करकट मिलता जाता है । इसका पवित्र जल मलिन हो जाता है । इसकी मलिनता मानवीय गतिविधियों की उपज है । लोग इसमें गंदा पानी छोड़ते हैं । इसमें सड़ी-गली पूजन सामग्रियाँ डाली जाती हैं । इसमें पशुओं को नहलाया जाता है और मल-मूत्र छोड़ा जाता है । इस तरह गंगा प्रदूषित होती जाती है । वह नदी जो हमारी पहचान है, हमारी प्राचीन सभ्यता की प्रतीक है, वह अपनी अस्मिता खो रही है ।

Answered by priya41760
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Answer:

गंगा नदी, हिंदुओं द्वारा पूजी जाने वाली एक पवित्र नदी है , जो अब भारत देश की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक है। गंगा नदी भारतीयों के दिल में एक पवित्र स्थान रखती है। गंगा नदी लगभग 1557 मील लंबी (2506 किमी) है। गंगा नदी गंगात्री ग्लेशियर से हिमालय की दक्षिणी ढलानों पर निकलती है, जो समुद्री स्तर से 14,000 फीट ऊपर है। गंगा नदी बनाने के लिए देवप्रयाग में नदियों में भागीरथी और अलकनंदा एक दूसरे से जुड़ते हैं। हिंदुओं ने हमेशा गंगा जल को शुद्ध, पवित्र और पीने योग्य माना है।

कई हिंदू अनुष्ठानों (जन्म से मृत्यु तक) गंगा पानी को बहुत सम्मान दिया जाता है। गंगा नदी को बहुत शुद्ध माना जाता है। 1896 में, एक ब्रिटिश बैक्टीरियोलॉजिस्ट अर्नेस्ट हनबरी हैंकिन ने बैब्रोनियम विब्रियो कोलेरा का परीक्षण किया जो घातक बीमारी कोलेरा का कारण बनता है, और पाया कि यह बैक्टीरिया गंगा के पानी में तीन घंटे के भीतर मर गया। 48 घंटों के बाद भी वही बैक्टीरिया आसुत पानी में बढ़ता जा रहा है।

गंगा के पानी में जीवाणुरोधी (बैक्टीरिया को मारने वाले वायरस) की उपस्थिति को इस गुणवत्ता और इसकी शुद्धता के पीछे कारण माना जाता है। नई दिल्ली में मलेरिया रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह देखा गया था कि गंगा की ऊपरी महत्वाकांक्षाओं से पानी मच्छर प्रजनन की मेजबानी नहीं करता था, और अन्य जल स्रोतों में जोड़े जाने पर मच्छर प्रजनन को भी रोका था।

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