Hindi, asked by Aj182, 2 months ago

essay on global warming in hindi about 200 words​

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Answered by 28aliza
42

Answer:

ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के तापमान के स्तर में स्थिर और निरंतर वृद्धि है। दुनिया भर में इंसान की कुछ ध्यान देने योग्य आदतों के कारण पृथ्वी की सतह दिन-ब-दिन गर्म होती जा रही है। ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के वायुमंडल के लिए सबसे अधिक चिंता का विषय बन गया है क्योंकि यह निरंतर और स्थिर गिरावट प्रक्रिया के माध्यम से पृथ्वी पर दिन प्रतिदिन जीवन की संभावनाओं को कम कर रहा है।

ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के तापमान के स्तर में स्थिर और निरंतर वृद्धि है। दुनिया भर में इंसान की कुछ ध्यान देने योग्य आदतों के कारण पृथ्वी की सतह दिन-ब-दिन गर्म होती जा रही है। ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के वायुमंडल के लिए सबसे अधिक चिंता का विषय बन गया है क्योंकि यह निरंतर और स्थिर गिरावट प्रक्रिया के माध्यम से पृथ्वी पर दिन प्रतिदिन जीवन की संभावनाओं को कम कर रहा है।ग्लोबल वार्मिंग के समाधान की योजना बनाने से पहले, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए वातावरण पर इसके कारणों और प्रभावों के बारे में सोचना चाहिए ताकि हम इस मुद्दे से पूरी तरह राहत पा सकें। पृथ्वी की सतह का लगातार गर्म होना पर्यावरण में CO2 का बढ़ता उत्सर्जन है। हालांकि, CO2 का बढ़ता स्तर कई कारणों से है जैसे कि वनों की कटाई, कोयले, तेल, गैस का उपयोग, जीवाश्म ईंधन का जलना, परिवहन के लिए गैसोलीन का जलना, बिजली का अनावश्यक उपयोग आदि, जिसके कारण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होती है।

ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के तापमान के स्तर में स्थिर और निरंतर वृद्धि है। दुनिया भर में इंसान की कुछ ध्यान देने योग्य आदतों के कारण पृथ्वी की सतह दिन-ब-दिन गर्म होती जा रही है। ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के वायुमंडल के लिए सबसे अधिक चिंता का विषय बन गया है क्योंकि यह निरंतर और स्थिर गिरावट प्रक्रिया के माध्यम से पृथ्वी पर दिन प्रतिदिन जीवन की संभावनाओं को कम कर रहा है।ग्लोबल वार्मिंग के समाधान की योजना बनाने से पहले, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए वातावरण पर इसके कारणों और प्रभावों के बारे में सोचना चाहिए ताकि हम इस मुद्दे से पूरी तरह राहत पा सकें। पृथ्वी की सतह का लगातार गर्म होना पर्यावरण में CO2 का बढ़ता उत्सर्जन है। हालांकि, CO2 का बढ़ता स्तर कई कारणों से है जैसे कि वनों की कटाई, कोयले, तेल, गैस का उपयोग, जीवाश्म ईंधन का जलना, परिवहन के लिए गैसोलीन का जलना, बिजली का अनावश्यक उपयोग आदि, जिसके कारण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होती है।फिर से यह समुद्र के बढ़ते स्तर, बाढ़, तूफान, चक्रवात, ओजोन परत की क्षति, मौसम के बदलते मिजाज, महामारी के रोगों की आशंका, भोजन की कमी, मृत्यु आदि का कारण बन जाता है। हम इसके लिए किसी एक इकाई को दोष नहीं दे सकते। हर इंसान ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे के लिए ज़िम्मेदार है जिसे केवल वैश्विक जागरूकता और सभी के प्रयासों से हल किया जा सकता है।

धन्यवाद

Answered by rohitsingh1801
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Explanation:

ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। जिस तरह से लगातार ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणाम से धरती को सामना करना पड़ रहा है।

धरती का पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, जलवायु बुरी तरह प्रभावित हो गई है, पारिस्थितिक तंत्र काफी खराब हो गया है। लगातार धरती का तापमान बढ़ते जा रहा है। जो की कहीं से भी धरती पर जन जीवन के अस्तित्व के लिए ठीक नहीं है।

ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। जिस तरह से लगातार ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणाम से धरती को सामना करना पड़ रहा है।

धरती का पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, जलवायु बुरी तरह प्रभावित हो गई है, पारिस्थितिक तंत्र काफी खराब हो गया है। लगातार धरती का तापमान बढ़ते जा रहा है। जो की कहीं से भी धरती पर जन जीवन के अस्तित्व के लिए ठीक नहीं है।

धरती को बचाने के लिए सभी को मिलकर एक साथ प्रयास करने होंगे। तभी जाकर धरती पर जीवन की कल्पना को संभव बनाया जा सकता है।

धरती का तापमान लगातार बढ़ते जा रहा है। प्रत्येक प्राणी इससे प्रभावित हो रहे हैं, इस समस्या से निपटने के लिए प्रतिदिन हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

लेकिन ग्लोबल वार्मिंग की समस्या कम होने का नाम ही नहीं ले रहे। ग्लोबल वार्मिंग ने पर्यावरण को पूरी तरह प्रभावित किया है। पर्यावरण का संतुलन लगातार बिगड़ता जा रहा है, जिससे धरती पर जीवन की संभावना भी प्रभावित होते जा रही है।

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