Essay on GST 250 words.on hindi and with its english meaning
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GST Essay in Hindi यह निबंध हमने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) पर लिखा है, भारत सरकार ने जीएसटी 1 जुलाई 2017 से आरम्भ (Start) कर दिया है, हम सबको वस्तु एवं सेवा कर के बारे में पता होना बहुत जरुरी है तो चलिए निचे जीएसटी के बारे में पढ़ते है|
GST Essay in Hindi 100 Words
भारत में वर्ष 1991 से कर सुधारों की जिस प्रक्रिया की शुरुआत हुई है, उसका उद्देश्य पूरे देश में वस्तुओं एवं सेवाओं पर एक समान कर प्रणाली को लागू करना है, जिससे करारोपण की प्रक्रिया को सहज और सरल बनाते हुए कर प्रणाली की जटिलता को कम किया जा सके| इससे एक और जहां भारत में बेहतर प्रतीस्पर्धात्मक कारोबारी माहौल बनाने में सहूलियत होगी, वहीं दूसरी और इससे सरकार के राजस्व में तीव्र वृद्धि की भी संभावना है|
इस संदर्भ में अप्रत्यक्ष करों में सुधार की दिशा में वैट (मूल्य संवर्द्धित कर) की अगली कड़ी के रुप में “वस्तु एवं सेवा कर” एक महत्वपूर्ण पड़ाव है| वस्तु एवं सेवा कर वस्तुओं एवं सेवाओं पर लगाया जाने वाला एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर है, जिससे केंद्रीय उत्पाद शुल्क, राज्य स्तरीय वेट, चुंगी, क्रय कर, विलासिता कर, मनोरंजन शुल्क, सेवा कर आदि शामिल है|
वस्तु एवं सेवा कर का आरोपण आपूर्ति एवं उपयोग के अंतिम चरण पर किया जाएगा| यह कर मूल्यवर्धन के प्रत्येक स्तर पर अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा| इसमें प्रत्येक चरण पर किसी भी आपूर्तिकर्ता को टैक्स क्रेडिट सिस्टम के माध्यम से इसकी भरपाई करने की अनुमति होती है| इसमें ग्राहक को केवल आपूर्ति श्रृंखला के अंतिम चरण पर आरोपित कर का ही भुगतान करना होता है|
वस्तु एवं सेवा संबंधी कर सुधार को स्वतंत्रता के पश्चात किया जाने वाला सबसे बड़ा एवं दूरगामी प्रभाव वाला कर-सुधार बताया जा रहा है| इसकी पृष्ठभूमि वर्ष 2006-07 के बजट में तैयार होते देखी जा सकती है, जब तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इसे प्रस्तावित करते हुए 1 अप्रैल, 2010 से लागू करने की बात कही थी|
GST Essay in Hindi 100 Words
भारत में वर्ष 1991 से कर सुधारों की जिस प्रक्रिया की शुरुआत हुई है, उसका उद्देश्य पूरे देश में वस्तुओं एवं सेवाओं पर एक समान कर प्रणाली को लागू करना है, जिससे करारोपण की प्रक्रिया को सहज और सरल बनाते हुए कर प्रणाली की जटिलता को कम किया जा सके| इससे एक और जहां भारत में बेहतर प्रतीस्पर्धात्मक कारोबारी माहौल बनाने में सहूलियत होगी, वहीं दूसरी और इससे सरकार के राजस्व में तीव्र वृद्धि की भी संभावना है|
इस संदर्भ में अप्रत्यक्ष करों में सुधार की दिशा में वैट (मूल्य संवर्द्धित कर) की अगली कड़ी के रुप में “वस्तु एवं सेवा कर” एक महत्वपूर्ण पड़ाव है| वस्तु एवं सेवा कर वस्तुओं एवं सेवाओं पर लगाया जाने वाला एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर है, जिससे केंद्रीय उत्पाद शुल्क, राज्य स्तरीय वेट, चुंगी, क्रय कर, विलासिता कर, मनोरंजन शुल्क, सेवा कर आदि शामिल है|
वस्तु एवं सेवा कर का आरोपण आपूर्ति एवं उपयोग के अंतिम चरण पर किया जाएगा| यह कर मूल्यवर्धन के प्रत्येक स्तर पर अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा| इसमें प्रत्येक चरण पर किसी भी आपूर्तिकर्ता को टैक्स क्रेडिट सिस्टम के माध्यम से इसकी भरपाई करने की अनुमति होती है| इसमें ग्राहक को केवल आपूर्ति श्रृंखला के अंतिम चरण पर आरोपित कर का ही भुगतान करना होता है|
वस्तु एवं सेवा संबंधी कर सुधार को स्वतंत्रता के पश्चात किया जाने वाला सबसे बड़ा एवं दूरगामी प्रभाव वाला कर-सुधार बताया जा रहा है| इसकी पृष्ठभूमि वर्ष 2006-07 के बजट में तैयार होते देखी जा सकती है, जब तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इसे प्रस्तावित करते हुए 1 अप्रैल, 2010 से लागू करने की बात कही थी|
KrazyKarthik23:
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gst good and service tax
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