Essay on hamara bharat rooprekha ke sath
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भारत एक विशाल देश है । क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से यह दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश है । जनसंख्या के हिसाब से इसका स्थान संसार में दूसरा है । हमारा देश दुनिया के विकासशील देशों की श्रेणी में आता है । यह तीव्र गति से विकासमान है । इक्कीसवीं सदी में भारत विकसित राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा होने के लिए लालायित हो उठा है ।
हमारे देश का यह नाम सूर्यवंशी राजा ‘ भरत ‘ के नाम पर पड़ा । ‘ भरत ‘ दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र थे । उनके नाम पर यह देश भारत कहलाया । भारत के अतिरिक्त इसे हिन्दुस्तान, इंडिया, आर्यावर्त्त आदि नामों से भी जाना जाता है । यह वह देश है जहाँ सिंधु घाटी की नगरीय सभ्यता का विकास हुआ । यह वह पवित्र भूमि है जहाँ हिन्दू संस्कृति फली-फूली और वेदों की ऋचाएँ लिखी गई । कृष्ण, राम, गौतम बुद्ध, महावीर और नानक इसी भूमि पर अवतरित हुए । इसी धर्मभूमि पर कबीर, रविदास, तुलसीदास, गालिब, रहीम, सूरदास, गाँधी जैसे संत और कवि जन्मे । यहीं पर धर्म ने अपनी ऊँचाइयों को छूआ ।
भौगोलिक दृष्टि से भारत एशिया महाद्वीप में तीन तरफ से समुद्र से घिरा देश है । इसके उत्तर की ओर हिमालय की विश्वविख्यात शृंखला है । पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिन्द महासागर है । भारत में पठार, पर्वत, नदी, वन, झरने, झीलें आदि सब कुछ हैं । दक्षिण भारत का एक बड़ा भाग पठारी है । गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना कावेरी, सतलुज आदि यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं । यहाँ के लगभग 20 प्रतिशत भूभाग पर वन हैं । उत्तर में समतल मैदान हैं । यहाँ की जलवायु उष्ण है । समुद्र की दूरी और समुद्र तल से ऊँचाई के हिसाब से कहीं सम तो कहीं विषम जलवायु पाई जाती है । यहाँ मुख्य रूप से चार ऋतुएँ आती हैं-शीत, बसंत, ग्रीष्म और वर्षा ।
Answer:
हमारा भारत:
प्रस्तावना:-
मेरे देश “भारत” का नाम संपूर्ण विश्व में गर्व की बात है मेरा देश परंपरा वीरता संस्कृति या यू कहे भौगोलिक सभी परिस्थिति में महान है। जहाँ ऐसे पुरातन काल में आर्यवत नाम से पुकारा जाता था वही महाप्रतापी राजा दुष्यंत के पुत्र भारत के नाम पर ही मेरे देश का नाम भारत देश पड़ा है मेरा भारत देश ने भले ही कितने संकटो और युद्ध युद्ध को झेला हो परंतु हर क्षेत्र में मेरा भारत हर युग में अग्रणी रहा। और इन युद्धो का उसके गौरव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा . मेरे देश की महानता उसके इतिहास और पारंपरिक रीति रिवाजों की वजह से भी है।
मेरे भारत की संस्कृति:-
मेरे भारत की संस्कृति अनेकता में एकता पर आधारित है यह अनेकता में एकता एक शब्द ही नहीं बल्कि यह भारत देश की संस्कृति और विरासत में पूरी तरह लागू होता है मेरा भारत देश विश्व के नक्शे में अपने रंगारंग और अनूठी संस्कृति की छाप छोड़े हुए हैं मेरा भारत देश मर्या ,चोल ,मुगलकाल और ब्रिटिश साम्राज्य तक मेरे भारत ने अपनी परंपरा और अतिथि के लिए मशहूर रहा मेरे भारत देश ने उन ब्रिटिशो का भी स्वागत किया जिन्होंने मेरे भारत पर कई सालो तक राज किया परंतु उसके कूटनीतिज्ञ की वजह से ही मेरे भारत अनेकता में एकता दिखाकर उनको मेरे देश से जाने के लिए मजबूर कर दिया। मेरे भारत की संस्कृति और उसकी कला शिल्प नृत्य और संगीत की वजह से भी है मेरे भारत की संस्कृति अन्य देशों की अपेक्षा अत्यंत आकर्षित है।
उपसंहार :
मेरे भारत के बारे में लिखना चाहे तो शब्द कम पड़ जाएंगे इसने ना जाने कितने दर्द और लहू सहकर स्वतंत्रता हासिल की है परंतु फिर भी इसने हार नहीं मानी आज मेरा भारत देश जिसे एक सोने की चिड़िया कहा जाता था उस सोने की चिड़िया को अंग्रेज चुरा कर ले गए थे ,परंतु आज मेरे भारत ने अपनी मेहनत, लगन और ईमानदारी से वही स्थान प्राप्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी मुझे मेरे देश पर गर्व है।