Hindi, asked by anushkagupta9679, 16 hours ago

essay on hamen plastic ka upyog band karke aage aana chahie. plz give answer that much that I can write upto 8 pages I have this project in hindi and plz hindi me ! ​

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Answered by sonuthakur512
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इस लेख में हमने प्लास्टिक का उपयोग बंद करें पर निबंध (Essay on Say No to Plastic in Hindi) लिखा है। आज के समय मे प्लास्टिक के बिना अपने जीवन की कल्पना करना काफी ज्यादा मुश्किल है।

चाहे वह खाने के बर्तन हों या, गाड़ी की हेडलाइट, चाहे वो सामान ले जाने के पॉलिथीन बैग हों, या फिर कोई भी अन्य वस्तु। आप आसपास गौर करें तो यह पाएंगे कि प्लास्टिक की वस्तुओं ने लगभग हमारे जीवन में कब्जा कर लिया है।

पप्लास्टिक के शुरुआती दौर में यह काफी ज्यादा सहायक अविष्कार साबित हुआ था लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया, प्लास्टिक के नुकसान सामने आने लगे। प्लास्टिक का सबसे बड़ा नुकसान तो यह है कि उसे गलाया नहीं जा सकता है।

प्लास्टिक के हमारे पर्यावरण पर पड़ने वाले कई नुकसान है। प्लास्टिक ने हमारे पर्यावरण को लगभग खोखला कर दिया है और यह काफी ज्यादा मात्रा में उत्पादित की जाने लगी है इस कारण यह काफी ज्यादा बुरा प्रभाव भी छोड़ रही है। प्लास्टिक द्वारा किए जाने वाले नुकसान निम्नलिखित हैं :-

1. प्लास्टिक के उपयोग से मृदा प्रदूषण को बढ़ावा

मृदा प्रदूषण, प्लास्टिक द्वारा किए गए नुकसान में प्रमुख है। प्लास्टिक के उत्पादन के पश्चात सबसे बड़ी समस्या यह आती है कि प्लास्टिक का केवल एक बार ही प्रयोग किया जा सकता है।

उसके बाद उपयोग किया जा चुका प्लास्टिक एक कूड़े के रूप में परिवर्तित हो जाता है, जो कि काफी ज्यादा नुकसानदेह होता है। उस कूड़े को ठिकाने लगाना और भी बड़ी समस्या होती है।

प्लास्टिक उत्पादन के शुरुआती दौर में जब प्लास्टिक का उत्पादन इस स्तर तक नहीं किया जा रहा था, तब प्लास्टिक को जमीन में ही संग्रहित कर लिया जाता था, लेकिन जैसे जैसे दिन बीतते गए यह बढ़ता चला गया और धीरे धीरे प्लास्टिक ने थल में एक बड़ी जगह को घेर लिया। अब के समय में यह एक समस्या है क्यूंकि घेरी गई जगह के कारण बहुत सा प्रदूषण होता है।

2. प्लास्टिक के उपयोग से जल प्रदूषण को बढ़ावा

प्लास्टिक के कारण जल प्रदूषण भी काफी तेजी से फैल रहा है। गौरतलब है कि जल प्रदूषण होने के कारण जल में मौजूद जीव जंतुओं पर भी खासा प्रभाव देखने को मिल रहा है।

प्लास्टिक के उत्पाद काफी हल्के होते हैं जिस कारण कई बार वे हवा के संपर्क में आकर उड़कर वहां तक चले जाते हैं, वहीं कई बार ऐसा होता है कि प्लास्टिक के द्वारा उत्पन्न हुए कूड़े के निबटारे के लिए उसे जल में प्रवाहित कर दिया जाता है।

दोनों ही तरीकों से जल में पहुंचे प्लास्टिक का जल पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है और वह जल को दूषित कर देता है। जल में मौजूद जीव जंतु जब उस प्लास्टिक को खाते हैं तो वे भी मृत हो जाते हैं। गौरतलब है कि पिछले एक दशक में समुन्द्र में पाए जाने वाली अनेकों व्हेल मछलियों के पेट में से कई किलोग्राम प्लास्टिक निकाला गया है। यह प्लास्टिक उन्हे मरने पर मजबूर कर देता है।

3. पेड़-पौधों के विकास पर बुरा प्रभाव

प्लास्टिक से उत्पन्न कचरे के निवारण के लिए प्लास्टिक को अक्सर जमीन में संग्रहित कर दिया जाता है, जिस कारण थल प्रदूषण तो होता ही है, साथ ही साथ पौधों के विकास पर भी प्रभाव पड़ता है।

ऐसा इसलिए क्यूंकि जमीन में संग्रहित प्लास्टिक के कारण ह्यूमस जो कि पृथ्वी की ऊपरी परत है, उसकी गुणवत्ता काफी हद तक खत्म हो जाती है जो कि पौधों के विकास के लिए काफी ज्यादा जरूरी है। पौधों की जड़ें ह्यूमस द्वारा ही पोषण प्राप्त करती हैं। जब ह्यूमस की गुणवत्ता कम हो जाती है तो पौधों पर भी खासा प्रभाव पड़ता है, और वे कुपोषित रह जाते हैं।

4. जानवरों में बीमारी

प्लास्टिक के कारण जानवरों में बीमारी फैलना, प्लास्टिक के प्रमुख नुकसान में से एक है। जहां यह पाया गया है कि जल प्रदूषण के कारण जलीय जीव प्लास्टिक का शिकार होकर मारे जा रहे हैं, वहीं यह भी देखने को मिला है कि जमीन पर मौजूद जानवरों की मौत भी प्लास्टिक के कारण हो रही है।

गौरतलब है आजकल घरों में मौजूद खाद्य कचरे का बाहर फेंकने के लिए प्लास्टिक के बैग का उपयोग किया जाता है, और बाहर पड़े खाद्य कचरे को खाते हुए जानवर प्लास्टिक के बैग को भी खा जाते हैं। प्लास्टिक के बैग खाने के कारण जानवरों की मौत हो जाती है। यह समस्या शहरों में प्रमुख है।

5. ग्रीन हाउस प्रभाव

प्लास्टिक के कारण ग्रीन हाउस प्रभाव भी बढ़ा है। गौरतलब है कि प्लास्टिक का निर्माण पॉलीप्रोपलीन द्वारा किया जाता है जो कि प्रमुख तौर पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैसों द्वारा बनाया गया है।

प्लास्टिक के अत्यधिक उत्पादन के कारण ये गैसें दिन पर दिन कम होती जा रही हैं और ये गैसें अनविकरणीय हैं इस कारण इनके कम होने के बाद ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा अधिक हो रही है। यह दर्शाता है कि अगर प्लास्टिक को न नहीं कहा गया तो प्लास्टिक पर्यावरण को बहुत ज्यादा क्षत विक्षत कर देगी।

Answered by vidhi3176
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hey anushka I also have the same topic

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