essay on haritha haram in hindi (200 words)
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हरिथा हरम योजना तेलगाना राज्य हरियाली को बढ़ावा देने के लिए 3 जुलाई 2015 को मुख्यमंत्री श्री के. चन्द्रशेखर राव के द्वारा प्रारंभ की गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य तेलगाना राज्य में वनों की स्थिति को सुधारना है.
इस योजना के अंतर्गत तेलगाना राज्य के 33% हिस्से पर पेड़ लगाए जाएंगे वर्तमान में तेलगाना राज्य के 24% हिस्से पर ही पेड़ है. यह पूरे विश्व में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी पहल है. अगर हमारे देश का प्रत्येक राज्य इस योजना से सीख ले और पेड़ पौधे लगाए तो वह दिन दूर नहीं जब चारों तरफ हरियाली ही हरियाली होगी.
Haritha Haram योजना के प्रथम चरण में 15.86 करोड़ पेड़ पौधे लगाए जाएंगे जय योजना कुल 4 वर्षों तक चलाई जाएगी जिसमें 230 करोड़ पेड़ों को लगाया जाना है. इस योजना का कुल बजट 5500 करोड रुपए है.
हरिथा हरम योजना को चार चरणों में पूरा किया जाएगा. इस योजना को ग्रामीण और शहरी दो भागों में बांटा गया है. इस योजना को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री जी ने तेलगाना राज्य के लोगों से भी सहयोग करने को कहा है और यहां के लोगों ने भी इस मुहिम को सराहा है और इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे है.
इस योजना के अंतर्गत पेड़ पौधों की रक्षा और उन्हें बढ़ाने के लिए निम्न प्रकार से कार्य किए जाएंगे –
(1) सर्वप्रथम इस योजना के अंतर्गत पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाई जाएगी और साथ ही पेड़ों की अवैध तस्करी पर भी रोक लगाई जाएगी.
(2) इस योजना को सफल बनाने के लिए शहर और गांव में कई कार्यक्रम किए जाएंगे जिससे लोगों को बताया जाएगा कि पेड़ हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण है.
(3) इस योजना के तहत वनों में लगने वाली आग को कैसे कम किया जाए और मिट्टी के कटाव को कम करने पर भी बल दिया जाएगा साथ ही यह भी कि किसी स्थान की मिट्टी किन पेड़ों के लिए उपयुक्त है और वहां पर उसी प्रकार के पेड़ लगाए जाएंगे.
(4) हरिथा हरम योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग सड़कों, राज्य राजमार्ग सड़कों और गांवों और कस्बों की सड़कों पर अत्यधिक मात्रा में पेड़ लगाए जाएंगे. और ऐसे पेड़ लगाए जाएंगे जो कि कई वर्षों तक जो कहते हो बने रहे हैं इन पेड़ों में रजत ओक, कनुगा, नीम, रवि, मैरी, नेरेडू, वर्षा वृक्ष, गुलममोहर, पेलोटॉपहोरम और स्पैथोडिया शामिल किया गया है.
(5) इस योजना के तहत बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया जाएगा और साथ ही गांवों और कस्बों में बागान लगाए जाएंगे. बागानों को लगाने के बाद इनकी रक्षा और रखरखाव के लिए इसका कार्य ग्राम पंचायतों को सौंपा जाएगा.
(6) इस योजना को पूरी तरह से सफल करने के लिए स्कूल, सरकारी संस्थान, अस्पताल, कब्रिस्तान और निजी संस्थानों और उद्योगों में भी पौधों का रोपण किया जाएगा जिससे चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाएगी.
(7) शहरों में बढ़ती हुई आबादी के बीच पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई है इसकी भरपाई के लिए कॉलोनियों के बीच में छोटे-छोटे बगीचे और बागान लगाए जाएंगे लोगों को भी अपने घर में पेड़ पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और इन पेड़ पौधों की रक्षा करने के लिए वहां के निवासियों को ही चुना जाएगा.
(8) किसानों को भी अपनी कृषि भूमि पर पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जिसमें टीक, रेड सैंडर्स, तामारिंद, मुनागा, बॉम्बेक्स, नीलगिरी, बांस और सुब्बूल नाम के पेड़ों की प्रजातियां शामिल की गई है. यह कृषि भूमि के लिए लाभदायक भी होंगे और साथ ही हरियाली को भी बढ़ावा देंगे.
(9) पहाड़ों पर भी पेड़ पौधे लगाए जाएंगे जिसमें सिससो, बादाम, नेमाली नारा और कनुगा जैसे कठोर पौधे शामिल किए जाएंगे ताकि पहाड़ों की बंजर भूमि को भी हरा-भरा किया जा सके. इससे पर्यटन क्षेत्र भी बढ़ने की संभावना होगी.
हरिथा हरम योजना के अंतर्गत क्या क्या कार्य किए जा चुके है –
(1) इस योजना का 2015 और 2016 के वर्ष का लक्ष्य 38.63 करोड़ पौधे लगाना था लेकिन प्रतिकूल वातावरण और कम वर्षा के कारण केवल 15.86 करोड़ पौधे ही लगाए गए है.
(2) इस योजना के दूसरे चरण 8 जुलाई 2016 को प्रारंभ किया गया जिसमें हैदराबाद से विजयवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक दिन में 180 किलोमीटर के क्षेत्र में पौधे लगाए गए है जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है और वर्ष 2016 में कुल 31.67 पौधे लगाए गए है.
(3) Haritha Haram के तृतीय चरण की शुरुआत 12 जुलाई 2017 को की गई जिसके पहले दिन ही करीमनगर शहर में 1 लाख पौधे लगाए गए है.
(4) इस मुहिम के अंतर्गत वर्ष 2018 में हमारे देश के खिलाड़ियों को “ग्रीन चैलेंज” दिया गया जिसमें सभी को पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया और खिलाड़ियों ने भी इस चैलेंज को स्वीकार किया और पौधे लगाए है.
(5) खिलाड़ियों के इस योजना में शामिल होने से जन-जन में भी इस भावना का विकास हुआ है कि हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए.
(6) हरिथा हरम योजना के अंतर्गत अब तक 80 करोड़ पौधे लगाए जा चुके है. इसके चौथे चरण की शुरुआत 1 अगस्त 2018 से हो गई है.
इस योजना को सफल बनाने के लिए हमें भी सहयोग करना चाहिए क्योंकि यह किसी और के लिए नहीं हमारे लिए ही आवश्यक है