Hindi, asked by Mahenazafsheen, 1 year ago

Essay on hindi divas in Hindi

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Answered by harshadeep693
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हिंदी दिवस – Hindi Diwas भारत में स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, संस्थाओ कार्यालयों के अधिकारी, प्राइवेट ऑफिस के अधिकारी और शैक्षणिक संस्थाए बड़ी धूम-धाम से मनाती है। जिसमे विविध कार्यक्रमों का आयोजन और हिंदी से संबंधित स्पर्धाओ का आयोजन किया जाता है, जैसे की हिंदी कविताये, कहानी लेखन, Hindi Diwas Essay / निबंध लेखन, हिंदी भाषा के महत्त्व, उपयोग और कुछ रोचक तथ्यों के बारे में लोगो को बताया जाता है।

भारत में ज्यादातर लोग बातचीत करते समय हिंदी भाषा को ही प्राधान्य देते है, बचपन से ही हमें अपने घरो में हिंदी भाषा का ज्ञान दिया जाता है। हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा में से एक है। हिंदी भाषा कई दुसरे देशो में भी बोली जाती है जैसे की पकिस्तान, नेपाल, मॉरिशस, बंगलादेश, सूरीनाम, इत्यादि। हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसका उपयोग करोड़ों लोग अपनी मातृभाषा के रूप में करते है।
हिंदी दिवस – Hindi Diwas पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा विविध अवार्ड और पुरस्कार भी दिये जाते है, नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में हिंदी के क्षेत्र में अमूल्य कामगिरी करने वाले लोगो को यह पुरस्कार दिये जाते है।

shiva212: it's superb
shiva212: bro
harshadeep693: Please mark as brainlest
Answered by InnocentDoll
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हिंदी वह भाषा जो किसी भी देश के अधिकतर निवासियों द्वारा बोली एवं समझी जाती है, वह राष्ट्र भाषा कहलाती है । प्रत्येक राष्ट्र की कोई न कोई राष्ट्रभाषा अवश्य होती है । हमारे देश भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है जो कि भारत के अधिकतर राज्यों के लोगों द्वारा बोली एवं समझी जाती है । देश की राष्ट्र भाषा का सम्मान करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्त्तव्य होता है ।

भारत में संवैधानिक रूप से बाईस भाषाओं को मान्यता दी गई है परन्तु हिंदी ऐसी भाषा है जो संपूर्ण देश को आपस में जोड़ने में सहयोग देती है । स्वतंत्रता से पूर्व भी भारतीयों को हिंदी ने जोड़े रखा । सभी स्वतंत्रता सेनानियों जैसे महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, लाला लाजपत राय, जवाहरलाल नेहरू आदि ने हिंदी को सशक्त भाषा के रूप में स्वीकार किया ।

भारतेंदु हरिशचंद्र द्वारा कही गई निम्नलिखित पंक्तियां हमारे मन में हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रति सम्मान जगाती हैं । निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल बिन निज भाषा ज्ञान के मिटै न हिय को शूल । स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् संपूर्ण भारत को एक सूत्र में जोड़े रखने के .लिए एक सशक्त भाषा की आवश्यकता महसूस हुई ।

अंग्रेजी भाषा के समर्थकों ने यह चाहा कि अंग्रेजी ही भारत की राष्ट्रभाषा बनी रहे । परन्तु विचार विमर्श के पश्चात् इस निर्णय पर पहुंचे कि अँग्रेजी कैवल पढ़े-लिखे समाज द्वारा ही प्रयोग में लायी जाती थी, इसलिए अंग्रेजी को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया जा सकता था । दूसरा कारण यह भी था कि भारतीय दो सौ से भी अधिक वर्षों तक अंग्रेजों द्वारा सताए गए, वे उन अंग्रेजों की भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार नहीं करना चाहते थे ।

 

अंततः 1 सितम्बर, 1949 को संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया । इसलिए प्रतिवर्ष 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया. जाता है । भारतवर्ष में हिंदी से संबंधित अनेक- प्रकार की प्रतियोगिताएं, कवि सम्मेलन करवाए जाते हैं । आजादी के बाद भी भारत देश में अंग्रेजी फलती फूलती रही परन्तु देशवासियों को यह मंजूर न था । हिंदी को जो अधिकार मिलना चाहिए था वह उसकी अधिकारिणी नहीं बन पायी । आज भी अंग्रेजी बोलने वाले को ही मान्यता दी जाती है ।

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