Hindi, asked by ahadpadania8671, 11 months ago

Essay on human and nature in hindi

Answers

Answered by sneha943682
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Answer:

प्रकृति के संरक्षण का हम अथर्ववेद में शपथ खाते हैं- 'हे धरती माँ, जो कुछ भी तुमसे लूँगा, वह उतना ही होगा जितना तू पुनः पैदा कर सके। तेरे मर्मस्थल पर या तेरी जीवन शक्ति पर कभी आघात नहीं करूँगा।' मनुष्य जब तक प्रकृति के साथ किए गए इस वादे पर कायम रहा सुखी और सम्पन्न रहा, किन्तु जैसे ही इसका अतिक्रमण हुआ, प्रकृति के विध्वंसकारी और विघटनकारी रूप उभर कर सामने आए। सैलाब और भूकम्प आया। पर्यावरण में विषैली गैसें घुलीं। मनुष्य का आयु कम हुआ। धरती एक-एक बूँद पानी के लिए तरसने लगी, लेकिन यह वैश्विक तपन हमारे लिए चिन्ता का विषय नहीं बना।

तापमान में बढ़ोत्तरी के कारण दुनिया भर में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। जलवायु बदलाव के फलस्वरूप इण्डोनेशिया में भयंकर सूखा पड़ा। अमेरिका में सैलाब आया। ग्रीनलैण्ड में संकट के बादल मण्डरा रहे हैं और भारत की स्थिति तो और भी भयावह है। हमारे यहाँ प्रतिवर्ष 15 लाख हेक्टेयर वन नष्ट हो रहे हैं, जबकि प्रतिवर्ष वन लगाने की अधिकतम सीमा 3 लाख 26 हजार हेक्टेयर है। यही हाल रहा तो आगामी कुछ दशकों में हमारी धरती वन विहीन हो जाएगी। हमारे पड़ोसी देश चीन में जितने वृक्ष काटे जाते हैं, उतने परिमाण में लगाए भी जाते हैं। हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि गत वर्ष अल सल्वाडोर में लगभग उसी तीव्रता (7.6) का भूकम्प आया, जिस तीव्रता का भूकम्प गुजरात में आया था, लेकिन वहाँ सिर्फ 884 लोग मरे, जबकि गुजरात में उससे सौ गुना ज्यादा लोग भूकम्प की बलि चढ़ गए। यह अन्तर क्या हमारी संरचना और तन्त्र की नैतिकता पर भयावह प्रश्नचिह्न नहीं लगाता...

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Answered by halamadrid
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■■प्रकृति और मनुष्य■■

प्रकृति और मनुष्य में एक अनोखा और अनमोल संबंध है।एक गुरु की तरह प्रकृति का प्रत्येक घटक हमें कोई न कोई सीख देता रहता है।इसप्रकार,वह हमारा गुरु बनता है।

इसी तरह प्रकृति का हर एक घटक हमारी किसी न किसी प्रकार से मदद करता है।इस तरह वह हमारा अच्छा दोस्त साबित होता है।

प्रकृति मनुष्य का साथ कभी छोड़ता नही,फिर भी मनुष्य अपने फायदे के लिए प्रकृति को नुकसान पहुंचाता है,उसे अपने हित के लिए नष्ट करता है।यह बहुत गलत बात है,क्योंकि मनुष्य लगभग हर चीज़ के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रकृति पर निर्भर रहता है।

हम यदि प्रकृति को नष्ट करते रहे,तो मनुष्य को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।इसलिए प्रकृति का रक्षण करना बहुत जरूरी हैं।

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