Hindi, asked by kumar7133, 1 year ago

essay on humantiy in hindi

Answers

Answered by raj3668
0
मनुष्य का सबसे बड़ा कर्म मनुष्यता ही है। अगर कोई इंसान दुसरे इंसान की सहायता करके इंसानियत नहीं दिखा सकता उस इंसान की तो भगवान भी सहायता नहीं करते। जिस इंसान में इंसानियत नही उसका जीवन व्यर्थ है। अगर आप किसी जरूरतमंद इंसान की सहायता करते हो, भूखे को खाना खिलाते हो, प्यासे को पानी पिलाते हो तो आप अपना इंसानियत धर्म निभा रहे हो। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जो कि सामाज में रहता है और उसे सभी लोगों के साथ मिलजुलकर चलना पड़ता है। कोई भी कार्य मनुष्य अकेले नहीं कर सकता।

इस धरती पर अगर हर कोई इंसानियत को भूल जाएगा तो जीवन जीना बहुत ही कठिन हो जाएगा। जिस व्यक्ति में दया और इंसानियत नहीं उस मनुष्य को इंसान कहलाने का भी कोई हक नहीं है। पूरे संसार में मनुष्य एकमात्र ऐसा जीव है जो आसानी से दुसरों के दुखों को समझ सकता है और उनके दुख कम कर सकता है। हमारे चारों तरफ ना जाने कितने इंसान और पशु पक्षी है जिन्हें हमारे सहारे की जरूरत होती है। हम उन सबकी सहायता करके अपना मनुष्य धर्म निभा सकते हैं। दो वक्त का खाना और सोना तो हर कोई कर सकता है पर एक असली मनुष्य ही है जो दुसरों के हित के लिए भी कार्य करता है और कुछ ऐसे काम कर जाता है जो सदियों तक याद रखे जाते हैं।

प्राचीन समय में मानवता री भावना लोगों में आमतौर पर देखने में मिलती थी। कहा भी जाता है कि किसी के सुख में उसके साथ हो या न हो पर दुख में जरूर होना चाहिए। पहले को समय में लोग कितनी भी लड़ाई क्युँ न हो जाए पर दुख में एक साथ खड़े होते थे जो कि उनकी सच्ची मानवता की भावना को दर्शाता है। आधुनिक समय में मनुष्य एक दुसरे से ज्यादा प्रगति करने के चक्कर में स्वार्थी होता जा रहा है। किसी दुसरे मनुष्य की सहायता करना तो दुर वह अपने फायदे के लिए दुसरे मनुष्य को हानि पहुँचाने में भी संकोच नहीं करता है।

लोगों को हिंदु मुस्लिम आदि धर्मों को भूलकर मानवता का धर्म अपनाना चाहिए । अगर मनुष्य इसी प्रकार मानवता को भूलता जाएगा और सिर्फ पैसे और शोहरत के पीछे भागेगा तो एक दिन ऐसा आएगा जब मानवता पूरी तरह से खत्म हो जाएगी और समपूर्ण मानव जाति आपस में लड़कर ही मर जाएगी। हमें अपने बच्चों को शुरू से ही मानवता का पाठ पढ़ाना चाहिए ताकि वो हमेशा दुसरों की सहायता करें और एक आदर्श जीवन व्यतीत करें।


kumar7133: maine manavata par bola ....hai.....naa ki manushta
Answered by VickyskYy
5

प्रश्न के लिए धन्यवाद

* इस धरती पर अगर हर कोई इंसानियत को भूल जाएगा तो जीवन जीना बहुत ही कठिन हो जाएगा। जिस व्यक्ति में दया और इंसानियत नहीं उस मनुष्य को इंसान कहलाने का भी कोई हक नहीं है। पूरे संसार में मनुष्य एकमात्र ऐसा जीव है जो आसानी से दुसरों के दुखों को समझ सकता है और उनके दुख कम कर सकता है। हमारे चारों तरफ ना जाने कितने इंसान और पशु पक्षी है जिन्हें हमारे सहारे की जरूरत होती है। हम उन सबकी सहायता करके अपना मनुष्य धर्म निभा सकते हैं। दो वक्त का खाना और सोना तो हर कोई कर सकता है पर एक असली मनुष्य ही है जो दुसरों के हित के लिए भी कार्य करता है और कुछ ऐसे काम कर जाता है जो सदियों तक याद रखे जाते हैं।

* हम अंग्रेजों की गुलामी से तड़प तड़प के मर रहे थे महात्मा गांधी जी और उनके कुछ सहयोगीयो ने अपने देश के लिए ऐसा कर दिखाया जिसे देश हमेशा याद रखेगा यही मनुष्यता है दोस्तों हम सभी को सिर्फ हमारे बारे में ही नहीं बल्कि दूसरों के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि परोपकार ही सबसे बड़ा धर्म होता है मनुष्य से लेकर जानवरों तक जानवर से लेकर पशु-पक्षियों तक हर जीव पर हमें परोपकार करना चाहिए,हमें मनुष्य के कर्तव्य निभाना चाहिए,पशु पक्षियों को पानी पिला उनकी हर तरह से हमें मदद करना चाहिए हम सभी को उन्हें गुलाम नहीं बनाना चाहिए बहुत से लोग पशु पक्षियों को पिंजरे में बंद रखते हैं हमको चाहिए कि उनको आजादी की सांस लेने दें क्योंकि हम मनुष्य हैं हमको दूसरों के बारे में सोचना चाहिए.

* दोस्तों मनुष्य ऐसा जीव है जो हर असंभव काम को भी संभव कर सकता है इसलिए मनुष्य को हर प्राणी की मदद करना चाहिए उसके पास जो है वह दूसरों की भलाई के लिए लगाना चाहिए यही मनुष्यता है,इससे हमको ही नहीं हमारे परिवार वालों को भी बहुत लाभ मिलता है क्योंकि इससे हमारे समाज में अच्छाई पैदा होती है जो कभी खत्म नहीं होती दोस्तों इसलिए हमको मनुष्यता अपनाना चाहिए और जीवन में हमेशा दूसरों के बारे में सोचना चाहिए दूसरों की मदद के लिए हमेशा तत्पर खड़े होना चाहिए.

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध को पसंद करेंगे।

Attachments:
Similar questions