Hindi, asked by shilpavivek018, 7 months ago

essay on if I was a politician in hindi​

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Answered by priyahasinidevara
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Explanation:

भारतीय राजनीति पर निबंध

*Essay on Politics in India Hindi.

भारत दोहरी राजनीति प्रणाली का अनुसरण करता है, यानी एक दोहरी सरकार जिसमें केंद्र और राज्यों की परिधि में केंद्रीय प्राधिकरण शामिल हैं। संविधान केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की संगठनात्मक शक्तियों और सीमाओं को परिभाषित करता है।

एक द्विसदनीय विधानपालिका के लिए एक ऊपरी सदन, राज्य सभा का प्रावधान है, जो भारतीय महासंघ, और निचले सदन, लोक सभा का प्रतिनिधित्व करता है, जो संपूर्ण रूप से भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। भारतीय संविधान एक स्वतंत्र न्यायपालिका का प्रावधान करता है, जिसकी अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय करता है।

अदालत का जनादेश संविधान की रक्षा के लिए है, केंद्र सरकार और राज्यों के बीच विवादों को सुलझाने के लिए, अंतर-राज्य विवादों को निपटाने के लिए, संविधान के खिलाफ जाने वाले और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी केंद्रीय या राज्य कानूनों को रद्द करने के लिए है और उल्लंघन के मामलों में उनके प्रवर्तन के लिए रिट जारी करने के लिए है।

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Answered by Anonymous
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Essay on if I was a politician

यदि मैं प्रधानमंत्री होता (निबंध) | If I Were the Prime Minister in Hindi!

हमारा राष्ट्र एक संप्रभुता संपन्न गणराज्य है । यहाँ की जनता अपना नेता चुनने के लिए स्वतंत्र है । हमारा अपना संविधान है । संविधान के अनुसार राष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक माननीय राष्ट्रपति से केवल प्रमुख विषयों पर ही विचार-विमर्श किया जाता है अथवा अनुमति ली जाती है ।

इस प्रकार देश के प्रधानमंत्री का पद सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद हो जाता है । देश के विकास संबंधी नीति-नियम तथा इसके संचालन के प्रमुख दायित्व एवं अधिकार प्रधानमंत्री के ही पास होते हैं । आज हमारे देश में घूसखोरी और रिश्वतखोरी दिनों-दिन बढ़ती चली जा रही है । यह कुप्रथा हमारे समस्त तंत्र को भीतर ही भीतर खोखला कर रही है ।

एक सामान्य निचले दर्जे के कर्मचारी से लेकर चोटी तक के शीर्षस्थ अधिकारी व नेता सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं । यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो पद ग्रहण करने के उपरांत सर्वप्रथम मेरा प्रयास यही होता, शासन में फैले भ्रष्टाचार व घूसखोरी को त्वरित गति से समाप्त करना ।

भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी व भाई-भतीजावाद आदि बुराइयाँ देश की प्रगति के मार्ग के प्रमुख अवरोधक हैं । मैं यह बात भी भली-भाँति समझता हूँ कि बिना इस पर अंकुश लगाए हमारी कार्य-योजनाएँ पूर्ण रूप से सफल नहीं हो सकती हैं क्योंकि गरीब व निचले दर्जे के उत्थान के लिए सरकार जो भी आर्थिक मदद मुहैया कराती है उसे उच्च अधिकारी व अन्य भ्रष्ट लोग गंतव्य तक पहुँचने ही नहीं देते ।

इसे रोकने के लिए सर्वप्रथम मैं यह व्यवस्था करूँगा कि भविष्य में अपराधी तत्व के लोगों को चुनाव टिकट न मिल सके अपितु वही लोग सत्ता में आ सकें जो गुणी एवं पद के लिए सर्वथा योग्य हों । इसके अतिरिक्त मेरा प्रयास होगा कि जनता का धन जो सरकार के पास कर तथा अन्य माध्यमों से जमा होता है उसका सदुपयोग हो । अपने मंत्रिपरिषद के समस्त मंत्रियों के वे खर्च रोक दिए जाने चाहिए जो आवश्यक नहीं हैं ।

इसके अतिरिक्त उन भ्रष्ट नेताओं, अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों के प्रति कड़ी कार्यवाई की जाएगी जो भ्रष्टाचार के आरोपी पाए जाते हैं । इसमें किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी भले ही वह किसी पद पर क्यों न हो, क्योंकि कानून की दृष्टि में सभी एक समान होते हैं ।

हमारे देश की दो-तिहाई से भी अधिक जनसंख्या गाँवों में निवास करती है जहाँ अधिकांश ऐसे लोग हैं जो आजादी के पाँच दशकों बाद भी गरीबी रेखा से नीचे रहकर जीवन-यापन कर रहे हैं । मेरी विकास योजनाओं का केंद्र बिंदु यही लोग होंगे ।

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