Essay on if I were a bird in hindi easy
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पक्षी मुझे सदा से ही आकर्षित करते हैं, रंग बिरंगे कोई हरा तो कोई नीला सब एक दूसरे से अलग व् न्यारे होते हैं। पक्षियों का हल्का शरीर उन्हें उड़ने में मदद करता है। कुछ पक्षी तो आकाश में अत्यंत ऊंचाई तक उड़ते हैं तो कुछ मात्र दो-चार फुट का फासला ही तय कर पाते हैं । पक्षियों का मधुर स्वर सभी को आकर्षित करता हैं. इसलिए मैं हमेशा से पक्षी बनना चाहती थी. जिससे दुनिया को एक नए नजरियें व आसमान की ऊंचाइयों से देख सकती. पक्षी की तरह आसमान में उड़ना हर व्यक्ति का सपना होता हैं और अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वह नित नए प्रयोग में लगा रहता हैं, हवाई जहाज, हेलीकाप्टर, पैराग्लाइडिंग इन्ही प्रयासों का फल हैं पर आज भी मानव एक आज़ाद पक्षी की तरह अपने पंख फैला आसमान में उड़ने के सपने को साकार नहीं कर पाया हैं.
पंछी, नदियाँ, पवन के झोंके, कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहद इंसानों के लिए है, सोचो, तुमने और मैंने क्या पाया, इन्सां होके
जावेद अख्तर द्वारा लिखा गया यह गीत मेरे मन को छू सा जाता हैं. सच ही तो है अगर मैं पक्षी होती तो खुले आकाश में अपने पंख फैला उड़ती रहती, जहाँ मन होता वह जाती और जब थक जाती तो किसी पेड़ की डाली को अपना बिस्तर बना पतियों के नरम सिरहाने पर सो जाती. मेरा जीवन स्वतंत्र और स्वच्छंद होता। ना तो पासपोर्ट बनवाने की चिंता होती और ना ही वीजा के लिए रात-दिन एक करना पड़ता।
यदि मैं पक्षी होती तो मेरी एक आवाज पर मेरे साथी पक्षी एकत्र होकर मेरे सुख दुःख में मेरा साथ देते, मानवों की तरह नहीं जो सिर्फ अपने मतलब से रिश्ते बनाता व बिगाड़ता हैं। पक्षी बन मैं अपने मधुर स्वर से सबको आकर्षित करती। पक्षी बन मैं प्रकृति से गहराई से जुड़ पाती। जहाँ थोड़ी सी हरियाली देखी वहीं अपना बसेरा बना लेती।
परन्तु मैं यह भी जानती हूँ की पक्षी बन कर भी मेरी जिंदगी आसान नहीं होगी।क्यूंकि इंसान जिस तरह से पेड़ों को काटता रहा हैं वह दिन दूर नहीं जब पक्षियों को उनके घोसले बनाने के लिए कोई उपयुक्त स्थान ही नहीं मिलेगा। मेरी सभी से यही प्रार्थना हैं की कृपया पेड़ों को ना काटे व पक्षियों को कैद करके ना रखे उन्हें खुले आसमान में अपने पंख फैला उड़ने दे, चहचाने दे। हो सके तो गर्मि यों के दिनों में अपनी छत पर एक पानी का बर्तन और कुछ अनाज के दाने रखे जिससे पक्षी अपनी भूख प्यास बुझा सके।