Hindi, asked by PrathamMarwaha4766, 10 months ago

Essay on if i would be a education minister in hindi of

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Answered by babusinghrathore7
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Answer:

                      यदि मैं शिक्षामंत्री होता।

हर व्यक्ति का एक सपना होता हैं, और हर व्यक्ति चाहता हैं कि वह देश के लिए और आगामी पीढीयों के लिए अपना योगदान दें। यदि देश और भावी पीढ़ियों का विकास करना हैं तो हमें शिक्षा का स्तर और इसकी गुणवत्ता को सुधारना होगा।

      यदि मैं शिक्षामंत्री होता तो शिक्षा के क्षैत्र में नए आयाम स्थापित करने की कोशिश करता

- शिक्षा की समस्त व्यवस्था को आधुनिक तकनीकि से जोड़ते हुए समस्त आधारभूत ढ़ाचे को ऑनलाइन करवाता। भौतिक संसाधन और मानवीय संसाधन की ऑनलाइन फीडिग से हर जानकारी सहजता से उपलब्ध हो जाती।

- शिक्षा में तकनीकि शिक्षा को ज्यादा महत्त्व देते हुए इसे प्राथमिक स्तर से शुरू करवाता ताकि बच्चों को आधुनिक तकनीकि की जानकारी प्राथमिक स्तर से ही हो जाए।

- सरकारी विद्यालयों में भौतिक और मानवीय संसाधनो की किसी भी रूप में कमी  न हो इसका पूरा ध्यान रखता। साथ ही इसकी बेहतरीन मॉनिटरिग की व्यवस्था करता।

- अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा से समस्त बच्चों को कॉलेज स्तर तक जोड़ने का प्रयास करता।

- बच्चों के लिए एक पोर्टल की शुरूआत करता जहां कोई भी बालक गोपनीय रूप से शिकायत दर्ज करवा सकता। शिकायत निवारण की बेहतरीन व्यवस्था करता।

- शिक्षा में सुधार के लिए बच्चों से अवश्य राय लेता।

इस प्रकार यदि मैं शिक्षामंत्री होता तो बेहतरीन व्यवस्था लाने का अवश्य प्रयास करता।

Answered by bhatiamona
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Answer:

                                       यदि मैं शिक्षा मंत्री होता तो

यदि मैं शिक्षा मंत्री होता तो शिक्षा के ना पर हो रहे व्यापार और कुरीतियों को नष्ट कर देता |

यदि मैं शिक्षा मंत्री होता तो सबसे पहले ये आदेश देता की शिक्षा सब के लिए जरूरी है , चाहे लड़का हो या लड़की सब को स्कूल में दाखिला देता | शिक्षा के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार को मिटा देता | सब को एक समान ले लेकर चलता | पिछड़ा वर्ग और गरीबी , अमीरी सब को  एक ही नाम देता | पाठ्यक्रमों में किताबों का बोझ कम कर देता और स्मार्ट कक्षा को बढ़ावा देता | बच्चों को प्रतियोगिता और खेल के बारे में ज्यादा समय देता | बच्चों की हिम्मत और उत्साह दोनों ही बढ़ते है |  

किताबी शिक्षाओं के साथ-साथ नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक ज्ञान की शिक्षा का आरंभ करता।

आज के समय में बच्चों में जिस तरह कि अनुशासनहीनता तथा नशों का चलन बढ़ रहा है उसको रोकने के लिए विद्यालय में देशभक्ति तथा धर्म शिक्षा के शिविरों का आयोजन करता |  

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