Essay on if there is no freedom fighter in hindi pls essay is in hindi only
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भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की सूची ( Freedom Fighters of India list and history in hindi)
हम सबको पता है कि हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था और इस आजादी पर हम सब भारतवासी को बहुत गर्व है. हर साल की तरह हम इस साल भी 15 अगस्त को झंडा फेहरायेंगे और 2-4 देशभक्ति गीत गाकर घर आ जायेगें. हमारी आजादी उन भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की वजह से है, जिन्होंने हमारे देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. इन महान हस्तियों को हम बदले में कुछ नहीं दे सकते है, लेकिन कम से कम हम उन्हें इस आजादी के दिन याद तो कर सकते है, उनके बारे में जान तो सकते है.
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में ऐसें ऐसें वीरों के नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखे है, जिन्होंने अपने अकेले के दम पर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई शुरू की. हमारे देश में ऐसे वीर योद्धा भी थे, जिन्होंने अपनी युवावस्था में सब कुछ त्याग कर देश की आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे. आज हमारा भारतवर्ष अंग्रेजों से तो आजाद है, लेकिन भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, बेईमानी ने इसे अपना बंधक बना लिया है. इससे आजादी के लिए हमें एक क्रांति लानी होगी, और हमारे देश के युवा शक्ति को एक बार फिर जगाना होगा. आज हम अपने भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़कर जानेगें कि कैसे उन्होंने देश की आजादी के लिए जनचेतना और क्रांति को जगाया था.
Explanation:
Freedom fighters meaning in Hindi = स्वतंत्रता सेनानी, उन्हें कहते है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
आज भारत की आज़ादी को 73 वर्ष हो गए हैं। परंतु आजादी हमको कैसे मिली इस बात को हम में से शायद ही कोई भूल पाया होगा। भारत को आजादी दिलाने के लिए और अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करने के लिए लाखों करोड़ों लोग आगे आए थे। लाखों लोगों ने अपनी जाने गवाई । आजादी की इस लड़ाई में कुछ ऐसे धुरंधर थे जिन्होंने बड़े ही साहस और निडरता के साथ देश को आजाद कराने में अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया। भारत देश के आजादी के इतिहास के पन्नों पर इन स्वतंत्रता सेनानियों का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है।
तो आइए जानते हैं कुछ स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जिन्होंने भारत की आजादी के लिए दिन रात एक कर दिया और अंत में भारत को आजादी दिलाकर अमर हो गए।
स्वतंत्रता सेनानियों का नाम और उनका योगदान हिंदी में (Freedom fighters name and their contribution in Hindi)
चंद्रशेखर आजाद
जन्म- 23 जुलाई, 1906
जन्म स्थान- भाबरा, अलीराजपुर मध्य प्रदेश
मृत्यु- 27 फरवरी, 1931
चंद्रशेखर आजाद जी का जन्म 23 जुलाई 1906 में मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के भाबरा में हुआ था। 14 वर्ष की आयु में ही उन्होंने गांधीजी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया। इस आंदोलन के दौरान चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार कर लिया गया। जज के आगे उन्होंने अपना नाम आजाद, पिता का नाम स्वतंत्रता और जेल को उनका निवास बताया। इस पर उन्हें 15 कोड़ों की सजा सुनाई गई थी, हर कोने पड़ने पर उन्होंने वंदे मातरम और महात्मा गांधी जी की जय का उद्घोष किया।
इसके बाद चंद्रशेखर आजादी के आंदोलन में सोशलिस्ट आर्मी से भी जुड़े। राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में 1925 के काकोरी कांड में भी भाग लिया और पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर वहां से भाग निकले।
1920 में लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए उन्होंने सांडर्स पर गोलीबारी भी की। 1930 मई में इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में उन्होंने समाजवादी क्रांति का आह्वान किया। उनका यह कहना था कि वह ब्रिटिश सरकार के आगे कभी घुटने नहीं टेकेगें। 27 फरवरी 1931 को इसी संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने इलाहाबाद के इसी बाग में स्वम को गोली मार के अपने प्राण भारत माता के लिए त्याग दिये।