Hindi, asked by Muhammad5708, 1 year ago

Essay on ईंधन की बचत समय की माँग है

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Answered by ashish367
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ईंधन पर निबंध

प्रस्तावना

ईंधन विभिन्न प्रकार के होते हैं और विभिन्न प्रयोजनों के लिए इनका उपयोग किया जाता है। इनमें से कुछ का उपयोग उत्पादन की प्रक्रिया में किया जाता है जबकि अन्य का उपयोग लोगों को परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है। मनुष्य लगभग अपने सभी कार्यों के लिए ईंधन पर निर्भर करता है। पृथ्वी पर मौजूद हर चीज की तरह ईंधन भी फायदे और नुकसान दोनों प्रदान करते हैं।

ईंधन के प्रकार

ईंधन को मुख्यतः तीन प्रकार की श्रेणियों में विभाजित किया गया है। यहाँ इन श्रेणियों पर एक नज़र डाली गई है:

ठोस ईंधन

ये ठोस पदार्थ वे हैं जो गर्मी और प्रकाश ऊर्जा को दहन की प्रक्रिया से उत्पन्न करते हैं। विभिन्न ठोस ईंधन हैं जो अलग-अलग उपयोग करने के लिए इस्तेमाल में लिए जाते हैं। इनमें लकड़ी, छर्रों, लकड़ी का कोयला, पीट, कोयला, बायोमास, नगरपालिका कचरा और कोक शामिल हैं। तरल और गैसीय ईंधन की तुलना में अधिकतर ठोस ईंधन आसानी से उपलब्ध होते हैं। ठोस ईंधन अन्य दो रूपों से सस्ता हैं।

नकारात्मक पक्ष देखा जाए तो ठोस ईंधन भारी होता है और परिवहन के लिए मुश्किल होता है। उचित दहन के लिए उन्हें हवा की अच्छी मात्रा की आवश्यकता होती है। ठोस ईंधन की थर्मल ऊर्जा कम है।

तरल ईंधन

ये दहनशील अणु हैं जो यांत्रिक ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए एक साथ लाए जाते हैं। तरल ईंधन के कुछ उदाहरणों में गैसोलीन, डीजल, लिक्वीफाईड/तरलीकृत पेट्रोलियम गैस और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस शामिल हैं। चूंकि तरल को जिस वस्तु में डाला जाए वह उसी वस्तु का रूप ले लेता है इसलिए तरल ईंधन को लाना ले जाना अपेक्षाकृत आसान है। इन ईंधनों को जलाने पर धूल या राख का निर्माण नहीं होता है। इन्हें आंतरिक दहन ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है।

नकारात्मक पक्ष देखा जाए तो तरल ईंधन काफी महंगा है। इनमें से अधिकतर अत्यधिक ज्वलनशील होते हैं और इस प्रकार इनका भंडारण काफी जोखिम भरा है। वे बुरी गंध के लिए भी जाने जाते हैं।

गैसीय ईंधन

ये गैसीय रूपों में उपलब्ध ईंधन हैं। जहाँ इनमें से कुछ ईंधन प्रकृति में स्वतंत्र रूप से उपलब्ध हैं वहीं कुछ, जैसे प्राकृतिक गैस, अन्य पदार्थों से प्राप्त होते हैं। कोयला और बायोमास जैसे ठोस ईंधन से उत्पन्न गैसीय ईंधन को कोयला गैस और बायोमास गैस कहा जाता है। पेट्रोलियम जैसे तरल ईंधन से उत्पन्न गैसों में रिफाइनरी गैस और लिक्वीफाईड/तरलीकृत पेट्रोलियम गैस शामिल है।

गैसीय ईंधन को आसानी से पाइपलाइनों के माध्यम से स्थानांतरित किया जा सकता है। तरल और ठोस ईंधन के विपरीत गैसीय ईंधन किसी भी प्रकार के धुंए का उत्पादन नहीं करते हैं। जब इन्हें संभालने की बात आती है तो ये तुलनात्मक रूप से साफ़-सुथरे होते हैं। उन्हें थोड़ी हवा की आपूर्ति के साथ भी जलाया जा सकता है

नकारात्मक पक्ष देखा जाए तो ये अत्यधिक ज्वलनशील होते हैं और इसलिए इनके भंडारण में जोखिम शामिल है। ये काफी महंगे होते हैं और भंडारण के लिए भारी टैंकों की भी आवश्यकता होती है।

निष्कर्ष

जहाँ कुछ ईंधन नवीकरणीय हैं वहीं अन्य गैर-नवीकरणीय हैं फिर भी दूसरे ईंधनों को नवीनीकरण के लिए सैकड़ों वर्षों का समय लगता है। इस प्रकार हमें इन संसाधनों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए। हमें हर तरह की बर्बादी से बचना चाहिए।

 

ईंधन पर निबंध 4 (500 शब्द)

प्रस्तावना

ईंधन हमारे जीवन को काफी हद तक नियंत्रित करते हैं। हम खाना खाने, खाने को ताजा रखने, ठंडा करने, आने-जाने, गर्म करने, विभिन्न वस्तुओं के निर्माण और पता नहीं क्या-क्या करने सहित विभिन्न कार्यों को पूरा करने हेतु अपने दिन-प्रतिदिन जीवन में ईंधनों का उपयोग करते हैं। ईंधन विभिन्न प्रकार के होते हैं। इन्हें मुख्य तौर पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है - जैव ईंधन और जीवाश्म ईंधन। वर्गीकरण अलग-अलग तरीके से इन्हें उत्पन्न किए जाने के तरीके के आधार पर किया गया है।

जीवाश्म ईंधन क्या हैं?

जीवाश्म ईंधन को बनाने में लाखों साल लगते हैं। इस प्रकार इन्हें अक्सर गैर-अक्षय ऊर्जा के रूप में जाना जाता है। ये ईंधन सदियों से पशुओं और पौधों के मृत अवशेषों में स्वाभाविक रूप से होने वाले परिवर्तनों से उत्पन्न होते हैं।

मुख्य रूप से तीन प्रकार के जीवाश्म ईंधन हैं। कोयला जो एक ठोस जीवाश्म ईंधन है, तेल जो तरल जीवाश्म ईंधन है और प्राकृतिक गैस जो गैसीय जीवाश्म ईंधन है। इनका प्रयोग रोजाना के कार्यों जैसे कि बिजली उत्पन्न करना, घर या ऑफिस के कमरों को गर्म करना, अपना वाहन चलाने आदि के लिए किया जाता है। हम इन सभी कार्यों के लिए इन ईंधनों पर निर्भर हैं। इन ईंधनों के इस्तेमाल से हमारा जीवन सरल और आरामदायक बन गया है।

हालांकि इन ईंधनों में भी उनके अपने नकारात्मक पहलू है। इन ईंधनों की आपूर्ति सीमित है और मांग अधिक है। यही कारण है कि उनकी कीमत उच्च है। इसके अलावा उन्हें उत्पन्न होने में शताब्दियों का समय लगता है और ये लगभग गैर-नवीकरणीय होते हैं। वे तेजी से घट रहे हैं। जीवाश्म ईंधनों के साथ एक अन्य मुख्य समस्या यह भी है कि वे जलने पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस को छोड़ते हैं और यह वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ाती है। जीवाश्म ईंधन का बढ़ता उपयोग ग्लोबल वार्मिंग का एक प्रमुख कारण है।

दुनिया भर के जीवाश्म ईंधन के प्रमुख उत्पादकों में चीन, सऊदी अरब, अमेरिका, रूस, कनाडा और इंडोनेशिया शामिल हैं।

निष्कर्ष

जैव ईंधन और जीवाश्म ईंधन दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। इन ईंधनों के उत्पादन के लिए बहुत अधिक समय, ऊर्जा और निवेश की ज़रूरत होती है। इस प्रकार हमें उपलब्ध ईंधन संसाधनों को बर्बाद करना बंद कर देना चाहिए।





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Answered by AbsorbingMan
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मनुष्य ने जीवन को बेहतर बनाने के लिए अनेक अाविष्कार किए हैं। इन आविष्कारों ने हमारे जीवन को सुख-सुविधाओं से संपन्न बना दिया है। मगर इसकी कीमत भी हम ही चुका रहे हैं। कारण हमें अब पता चल रहा है। इन आविष्कारों के दुष्परिणाम अब दिखाई दे रहे हैं। ऐसे ही आविष्कारों में वाहनों का निर्माण हुआ है। वाहनों को चलाने के लिए ईंधन की आवश्यकता होती है। वे ईंधन हैं 'पेट्रोलियम तथा उससे बनने वाले अन्य ईंधन पदार्थ'।  

वाहनों में कार, बस, ट्रेन, हवाई जहाज इत्यादि हैं। इन्हें पेट्रोलियम पदार्थों की सहायता से चलाया जाता है। जैसे पेट्रोल, डीजल आदि।आज पूरे विश्व में असंख्य वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है। ये वाहन एक ही दिन में कई लाख लीटर ईंधन को जला देते हैं। इनके कारण यात्रा सरल बनी है मगर पृथ्वी भी बहुत प्रदूषित हुई है। इनके अंधाधुंध प्रयोग से पर्यावरण तेज़ी से प्रदूषित होने लगा है ।

हमें वातारण को प्रदूषित होने से बचाना है। यदि ऐसे ही ईंधन का अंधाधुंध प्रयोग होता रहा, तो हमारा वातावरण शीघ्र ही नष्ट हो जाएगा। हम अपनी आने वाली पीढ़ी को जहर भरा जीवन दे रहे हैं। एक प्रदूषित वातावरण में हम अपनी पीढ़ी को उत्तम स्वास्थ्य नहीं दे पाएँगे। यह प्रदूषण हमारी पीढ़ी को आँखों, फेफड़ों, हृदय संबंधी बीमारियाँ दे रहा है। हमें शीघ्र इनके प्रयोग को बंद करना पड़ेगा। इस तरह हम पृथ्वी को बचा पाएँगे।

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