Essay on importance of sun in hindi
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|सूरज की तपती धूप (sunlight) के बारे में गर्मी (summer) में सोचकर ही इतना बुरा लगता है लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है दोपहर की धूप (sunlight) और सुबह या शाम की धूप (sunlight) में दिन रात का अंतर होता है ऐसे में गर्मी में बाहर निकलने के जितने नुकसान (losses) होते है उतने ही नुकसान होते है धूप (sunlight) से वंचित रह जाने के | आजकल जिन्दगी (life) बहुत बिजी है इसलिए हमे अपना ज्यादातर समय ऑफिस घर और काम करते हुए बिताना होता है इसलिए हम सुबह और शाम की धूप (sunlight) के सम्पर्क में नहीं आते है इसलिए ज्यादा काम करने वाले लोगो में आलस अनिद्रा और तनाव (stress) जैसी समस्या को साफ़ तौर पर देखा जा सकता है और मूड स्विंग जैसी समस्या भी सामने आती है और इसकी एक वजह प्रकाश के सम्पर्क में नहीं आना (avoid of sunlight) भी होती है तो चलिए हम प्रकाश के सम्पर्क के होने वाले फायदों (benefits) के बारे में कुछ और बात करते है –
सूर्य के प्रकाश (sunlight) के यूवीबी हिस्सा जो है वो वो हमारे शरीर (body) से सनशाइन विटामिन (sunshine vitamins) को रिलीज़ करने के लिए प्रेरित करता है और इसे मेडिकल विज्ञानं (medical era) में हम विटामिन डी के नाम से जानते है | विटामिन डी न केवल आपकी स्वस्थ हड्डियो के लिए जरुरी है जबकि तनाव ,कैंसर और मधुमेह (diabetes) जैसी बीमारयों के लिए भी लाभदायक (benefits) होता है
यह विटामिन हमारे शरीर में हरमोन के नियंत्रण (hormonal control) और हमारे इम्यून सिस्टम (immune system) को सही तरीके से मैनेज करने में भी सहायक होता है | पीसीओडी से ग्रस्त महिलाएं अक्सर मोटी होती है और उनका मासिक धर्म भी नियमित (irregular) नहीं होता है जबकि ऐसे में विटामिन डी जो होता है वो शरीर के वजन को रेगुलेट करने में अहम् भूमिका निभाता है | साथ ही विटामिन डी पुरुषो में प्रोस्टेंट कैंसर और लड़कियों में पोलिस्टिक ओवेरियन की बीमारी से बचाता है |
कितना लें विटामिन डी / Required amount – सनशाइन विटामिन डी लेते समय यह जरुरी है कि हमे पता होना चाहिए इसकी कितनी मात्रा हमारे शरीर के लिए जरुरी है और इसकी जानकारी के लिए एक जाँच की जाती है जो आपके लिए सहायक हो सकती है जिसे 25-हाइड्रोक्सी विटामिन डी की सरल रक्त जाँच कहा जाता है और आप साल में एक बार जरुर इस जाँच को करवाएं साथ ही आपको बता दे की पंद्रह मिनट की धूप (sunlight) आपके शरीर के लिए एक टॉनिक/tonic की तरह काम कर सकती है |
सूर्य के प्रकाश (sunlight) के यूवीबी हिस्सा जो है वो वो हमारे शरीर (body) से सनशाइन विटामिन (sunshine vitamins) को रिलीज़ करने के लिए प्रेरित करता है और इसे मेडिकल विज्ञानं (medical era) में हम विटामिन डी के नाम से जानते है | विटामिन डी न केवल आपकी स्वस्थ हड्डियो के लिए जरुरी है जबकि तनाव ,कैंसर और मधुमेह (diabetes) जैसी बीमारयों के लिए भी लाभदायक (benefits) होता है
यह विटामिन हमारे शरीर में हरमोन के नियंत्रण (hormonal control) और हमारे इम्यून सिस्टम (immune system) को सही तरीके से मैनेज करने में भी सहायक होता है | पीसीओडी से ग्रस्त महिलाएं अक्सर मोटी होती है और उनका मासिक धर्म भी नियमित (irregular) नहीं होता है जबकि ऐसे में विटामिन डी जो होता है वो शरीर के वजन को रेगुलेट करने में अहम् भूमिका निभाता है | साथ ही विटामिन डी पुरुषो में प्रोस्टेंट कैंसर और लड़कियों में पोलिस्टिक ओवेरियन की बीमारी से बचाता है |
कितना लें विटामिन डी / Required amount – सनशाइन विटामिन डी लेते समय यह जरुरी है कि हमे पता होना चाहिए इसकी कितनी मात्रा हमारे शरीर के लिए जरुरी है और इसकी जानकारी के लिए एक जाँच की जाती है जो आपके लिए सहायक हो सकती है जिसे 25-हाइड्रोक्सी विटामिन डी की सरल रक्त जाँच कहा जाता है और आप साल में एक बार जरुर इस जाँच को करवाएं साथ ही आपको बता दे की पंद्रह मिनट की धूप (sunlight) आपके शरीर के लिए एक टॉनिक/tonic की तरह काम कर सकती है |
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