Hindi, asked by kishorekumarmishra, 1 year ago

Essay on जल बचाओ ,पेड़ लगाओ in hindi​

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Answered by Itzkrushika156
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Answer:

Explanation:

जल हमें और दूसरे प्राणियों को पृथ्वी पर जीवन प्रदान करता है। जल भगवान का एक सुंदर उपहार है जो उन्होंने हमें दिया है। पृथ्वी पर जीवन को जारी रखना बहुत जरूरी है। पानी के बिना किसी भी गृह पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पृथ्वी एकमात्र ऐसा गृह है जहाँ पर आज तक जीवन और पानी दोनों विद्यमान हैं।

हमें अपने जीवन में जल के महत्व को समझना चाहिए और जल को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए। हमारी पृथ्वी का लगभग 71% भाग जल से घिरा हुआ है जिसमें पीने योग्य पानी की बहुत ही कम मात्रा है। पानी को संतुलित करने का चक्र अपने आप ही चलता रहता है जैसे वर्षा और वाष्पीकरण।

जल संरक्षण में अधिक कार्यक्षमता लाने के लिए सभी औद्योगिक बिल्डिंगें, अपार्टमेन्टस, स्कूल, अस्पताल आदि सभी को उचित जल प्रबंधन को बढ़ावा देना चाहिए। पानी की कमी और साधारण पानी की कमी से होने वाली समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए। लोगों द्वारा जल बर्बादी के व्यवहार को मिटाने के लिए कानूनों की बहुत जरूरत है।

गांवों के लोगों द्वारा बरसात के पानी को इकट्ठा करना आरंभ करना चाहिए। जल के उचित रख-रखाव और बरसात के पानी को इकट्ठा करने के लिए बड़े-बड़े तालाबों को बनाना चाहिए। जल संरक्षण के लिए युवा छात्रों को अधिक जागरूक होने की जरूरत है और साथ में इस मुद्दे की समस्या और समाधान पर एकाग्र होने की जरूरत है।

विकासशील देशों में रहने वाले लोगों को जल की असुरक्षा और कमी बहुत प्रभावित कर रही है। आपूर्ति से बढकर मांग वाले क्षेत्रों में वैश्विक जनसंख्या के 40% लोग रहते हैं। आने वाले दशकों में यह स्थिति और भी खराब हो जाएगी क्योंकि आने वाले समय में जनसंख्या, कृषि, उद्योग सभी कुछ बढ़ेगा।

जल संरक्षण के उपाय : लोगों को अपने बागान या उद्यान में केवल तभी पानी देना चाहिए जब जरूरत हो। पानी को पाइप की जगह पर फुहारे से देने से बहुत अधिक मात्रा में पानी को बचाया जा सकता है। सूखा अवरोधी पौधा लगाकर भी जल संरक्षण किया जा सकता है। पाइपलाइन और नलों के जोड़ों को ठीक प्रकार से लगाना चाहिए जिससे पानी रिसकर बर्बाद न हो।

गाड़ी को धोने के लिए पाइप की जगह पर बाल्टी और मग का प्रयोग करना चाहिए जिससे पानी को बचाया जा सके।

फुहारे से नहाने की जगह पर बाल्टी का प्रयोग करना चाहिए। होली के त्यौहार के समय पर पानी के ज्यादा प्रयोग से बचना चाहिए और सूखी व सुरक्षित होली को बढ़ावा देना चाहिए। इस्तेमाल करने के बाद नल को बंद कर देना चाहिए जिससे पानी को बचाया जा सके। गर्मी के समय में कूलर में आवश्यकता के अनुकूल ही पानी का प्रयोग करना चाहिए।

पानी पीने के लिए छोटे ग्लास का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि ज्यादातर लोग बड़े ग्लास में पानी छोड़ देते हैं छोटे ग्लास का प्रयोग करने से पानी की बर्बादी को कम किया जा सकता है। बचे हुए पानी को पौधों में डाल देना चाहिए। फल-सब्जियों को धोने के बाद पानी को पेड़-पौधों में डाल देना चाहिए। नल को पूरा नहीं खोलना चाहिए इससे पानी ज्यादा बर्बाद होता है।

जल संरक्षण का कारण : हमारे जीवन में जल का बहुत महत्व होता है उसकी कीमत को समझना चाहिए। ऑक्सीजन, पानी और भोजन के बिना जीवन संभव नहीं है। लेकिन इन तीनों में सबसे जरूरी तत्व जल होता है। हमारी धरती पर 1% से भी कम पानी पीने योग्य है। लोग स्वच्छ जल का महत्व समझना तो शुरू कर रहे हैं लेकिन उसे बचाने के लिए कोशिश नहीं करते हैं।

हर 15 सेकेण्ड में पानी से होने वाली बीमारी की वजह से एक बच्चा मर जाता है। पूरी दुनिया के लोगों में पानी की बोतलों का प्रयोग शुरू कर दिया है जिसकी कीमत $60 से $80 बिलियन प्रति साल है। बहुत से देशों में लोगों को पीने के पानी के लिए बहुत लंबी दुरी तय करनी पडती है। भारत के लोग पानी से होने वाली बीमारी से बहुत अधिक पीड़ित हैं जिसकी वजह से भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।धर्मशास्त्रों में वृक्षारोपण को पुण्यदायी कार्य बताया गया है । इसका कारण यह है कि वृक्ष धरती पर जीवन के लिए बहुत आवश्यक हैं । भारतवर्ष में आदि काल से लोग तुलसी, पीपल, केला, बरगद आदि पेड़-पौधों को पूजते आए हैं । आज विज्ञान सिद्ध कर चुका है कि ये पेडू-पौधे हमारे लिए कितने महत्त्वपूर्ण हैं ।

वृक्ष पृथ्वी को हरा- भरा बनाकर रखते हैं । पृथ्वी की हरीतिमा ही इसके आकर्षण का प्रमुख कारण है । जिन स्थानों में पेड़-पौधे पर्याप्त संख्या में होते हैं वहाँ निवास करना आनंददायी प्रतीत होता है । पेड़ छाया देते हैं । वे पशु-पक्षियों को आश्रय प्रदान करते हैं । पेड़ों पर बंदर, लंगूर, गिलहरी, सर्प, पक्षी आदि कितने ही जंतु बड़े आराम से रहते हैं । ये यात्रियों को सुखद छाया उपलब्ध कराते हैं । इनकी ठंडी छाया में मनुष्य एवं पशु विश्राम कर आनंदित होते हैं ।

वृक्ष हमें क्या नहीं देते । फल, फूल, गोंद, रबड़, पत्ते, लकड़ी, जड़ी-बूटी, झाडू, पंखा, चटाई आदि विभिन्न प्रकार की जीवनोपयोगी वस्तुएँ पेड़ों की सौगात होती हैँ । ऋषि-मुनि वनों में रहकर अपने जीवन-यापन की सभी आवश्यक वस्तुएँ प्राप्त कर लेते थे । जैसे-जैसे सभ्यता बड़ी लोग पेड़ों को काटकर उनकी लकड़ी से घर के फर्नीचर बनाने लगे । उद्‌योगों का विकास हुआ तो कागज, दियासलाई, रेल के डिब्बे आदि बनाने के लिए लोगों ने जंगल के जंगल साफ कर दिए । इससे जीवनोपयोगी वस्तुओं का अकाल पड़ने लगा । साथ ही साथ पृथ्वी की हरीतिमा भी घटने लगी ।

Answered by DiyaTsl
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उत्तर:

                            "जल बचाओ ,पेड़ लगाओ"

हम  सभी  जानते  हैं  कि  पानी  की आपूर्ति,  झरनों और  पेड़ों  की  रक्षा  करके  ही पर्यावरण  को  बचाया  जा  सकता  है,  लेकिन  जब  हम  समझते  हैं  कि  उनकी  रक्षा करके  ही  हम  अपने  जीवन  को  बचा  सकते  हैं।  यदि  हम  कर  सकते  हैं,  यदि हम  अपने  जीवन  को  बचा  सकते  हैं,  तो  हम  इस  कार्य  में  शामिल  होंगे । जब तक  लोगों  को  यह  एहसास  नहीं  होगा  कि  पर्यावरण  के  साथ  खिलवाड़  करने  से किसी  और  को चोट नहीं पहुंची है, लेकिन हम खुद को चोट पहुंचा रहे हैं, तब तक हम संतुलित  वातावरण  की  दिशा  में काम नहीं कर पाएंगे।  आंकड़े  इतने भयावह हैं कि उनका जिक्र करना  भी  डरावना है। जान  जोखिम  में  हैं। अनुपम  मिश्रा अक्सर कहते थे कि हम  गंगा  सहित  कई  नदियों  को  पहले  ही  पी  चुके  हैं  और  हमें  अपने आप को  हार  नहीं माननी चाहिए। कोई  अपने  जीवन  काल  में  गंगा  पीएगा। साफ है कि यह  मामला  गंभीर  है,  क्योंकि आपको  याद  होगा  कि आपके  बचपन  के  दिनों  में कितना पानी उपलब्ध  था।   इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह  है  कि जल स्तर घट रहा  है, क्योंकि  यह  जमीन  से  नीचे  की  ओर  जा  रहा  है।  अगर  हम  पर्यावरण  के प्रति  जागरूकता  नहीं  बढ़ाते  हैं  तो  जीवन खतरे  में  है। हम  वो  सब  देख  रहे  हैं जिसकी  हमने  बचपन  में  कभी  कल्पना  भी नहीं की थी, और हम अपने जीवनकाल में  और  भी  बदतर हालात देखेंगे। हालांकि मेरा मानना ​​है कि जब आप  सुबह  उठते  हैं तो  अभी  भी  देर  नहीं  हुई  है, फिर  भी  बहुत  सारे  अच्छे  काम  किए  जा  सकते हैं। अगर  हम अपने परिवार के सदस्यों की  गिनती करके हर साल उतने ही पेड़ लगाते रहेंगे, तो अगर हम उनकी देखभाल करते रहेंगे, तो यह पेड़ हमारी अगली पीढ़ी को जरूर खा जाएगा, तो  क्या  बात है, क्या  आप  आज  से  शुरू करने के लिए तैयार हैं आगे ?  जहाँ  भी  संभव  हो  एक  पौधा  अवश्य  लगाएं,  क्योंकि  यह  हमारे बच्चों और उनके  बच्चों  के  भविष्य  के  लिए  महत्वपूर्ण  है ।कम से कम इतना तो प्रयास तो करना ही चाहिए। हमारे  बच्चे  हमें  यह  बताते  हैं। डरो  मत  कि  हमारे पूर्वजों ने हमारी  मात्रा  में  हवा  खा ली और पानी  पिया। दूसरों  के  लिए  एक  हिस्सा  छोड़ना हमारा  कर्तव्य और  हमारा  धर्म  है।

#SPJ2

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