essay on jeevan mein mitra ki bhumika
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Secondary School Hindi 9 points
I want 1 essay in hindi of the topic :- jeevan mein mitra ki bhumika
Ask for details Follow Report by Jweria 26.06.2016
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saidivya618
saidivya618 Beginner
मित्र के बिना जीवन अधूरा होता है । मित्र जीवन के रोगों की औषधि होती है, इसलिए मित्रता का बहुत महत्व है । हर प्राणी घर से बाहर मित्र की तलाश करता है ।
मित्र जीवन का वह साथी है जो हर बुराई से हमें बचाता है । हमें भलाई की ओर बढ़ाने के लिए साधन जुटाता है । पतन से बचाकर उत्थान के पथ पर लाता है, वह मित्र है । धर्म ग्रंथों में ऐसे ही मित्रों के गुण गाये गये है, अर्जुन-कृष्ण की मित्रता, श्रीकृष्ण-सुदामा कि मित्रता । श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता एक पवन सम्बन्ध की सूचक है ।
श्रीकृष्ण ने आपत्ति में पड़े अर्जुन की हर समय सहायता की । श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता लोक प्रसिद्ध है । सुदामा गरीब ब्राह्मण था और प्रभु श्रीकृष्ण राजा थे तो भी श्रीकृष्ण जी ने मित्रता का फर्ज निभाया और सुदामा की मदद की । जीवन का सहारा, दुःख का साथी मित्र बनाते समय लोग बुद्धिमानी से काम नहीं लेते हैं ।
कई बार छली, कपटी आदमी मित्रता की आड़ में अपना मतलब निकालते हैं । ऐसे लोगों से बचना चाहिए । मित्रता के सच्चे भाव को समझना चाहिए । सच्चा मित्र हर सुख-दुःख में साथ देता है । स्वार्थी मित्र संकट के समय साथ छोड़ देते हैं । अतः मित्रता करने में सावधानी बरतनी चाहिए । तुलसीदास जी ने कहा है-
जो मित्र दुःख होई न दुखारी,
तिनहि विलोकत पातक भारी ॥
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hey DEAR
superb question .....
सभी के लिए मित्र अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। चाहे वह कोई बच्चा हो या कोई किशोर, एक मध्यम आयु वर्ग का व्यक्ति या कोई बूढ़ा व्यक्ति हो - हर किसी के पास अच्छे दोस्त होने चाहिए जो जीवन को पूरी तरह जीने में मदद करते हैं।
बचपन के दौरान मित्रता हमें साझा करने और देखभाल करने की आदत को समझने और विकसित करने में सहायता करती है। छोटे बच्चे तेजी से दोस्ती को विकसित करते हैं और अपने दोस्तों के साथ का आनंद लेते हैं। वे एक साथ खेलते हैं और सीखते हैं। मित्र अपने उचित विकास और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं। किशोरावस्था के रूप में मित्र हमारे लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं। हम अपनी किशोरावस्था के दौरान कई भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक बदलावों से गुज़रते हैं। इस उम्र के दौरान कई समस्याएँ देखने को मिलती हैं जिनकी हमारे माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ चर्चा नहीं की जा सकती। हालांकि हम अपने दोस्तों के साथ इन्हें साझा करने में काफी सहज महसूस करते हैं। अच्छे दोस्त जो हमारे मुद्दों को सुने तथा हमें सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करें वे वास्तव में हमारे लिए ईश्वर का एक आशीर्वाद हैं।
हमने सभी ने मध्य जीवन संकट के बारे में सुना है। अधिक से अधिक लोग इन दिनों से इस समस्या से पीड़ित हैं। इस उम्र में उन्हें अपना परिवार, नौकरी,बच्चे और लगभग हर कोई बोझ के रूप में प्रकट होने लगता है। इस समय में अपने आसपास अच्छे दोस्त होने से इस भावुक उथल-पुथल के बीच सकारात्मक रहने में मदद मिल सकती है। बड़ी उम्र के दौरान मित्र भी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। बढती एकल परिवार प्रणाली की वजह से कई पति-पत्नी बुढ़ापे में अपने आप को अकेला महसूस करते हैं। अगर उनके पास दोस्त हैं तो उनका जीवन निराशाजनक होने की बजाए खुशहाल और दिलचस्प रहता है।