Hindi, asked by kudnekarniveda, 18 days ago

Essay on "कितना बदल रहा है गोवा "​

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Answered by Anonymous
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हमारे देश का सबसे छोटा राज्य गोवा है पर इसके ऐतिहासिक पर्यटन स्थल इसे सबसे महत्वपूर्ण राज्य की उपाधि देते हैं यह राज्य समुद्रों किला स्मारकों और पर्यटन स्थलों का घर है.

गोवा भारत का महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है यहां के समुद्र किले और मंदिर देश विदेश के लोगों को अपनी और आकर्षित करते हैं इस प्रकार हर महीने लाखों की संख्या में यात्री गोवा आते हैं।

गोवा राज्य चारों ओर से समुद्र से घिरा राज्य है गोवा राज्य में अनेक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है पर इनमें समुंद्री स्थलों को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है इस राज्य की शोभा समुद्र है।

समुद्र से घिरा यह राज्य पूर्ण रूप से हरा-भरा और शुद्ध वातावरण वाला राज्य है। इस राज्य के तट इसे सबसे श्रेष्ठ पर्यटन स्थल बनाते है. गोवा में अनेक समुद्र है, सभी के तट दर्शनीय है.

Answered by aryanshaw066
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Answer:

हमारे देश का सबसे छोटा राज्य गोवा है पर इसके ऐतिहासिक पर्यटन स्थल इसे सबसे महत्वपूर्ण राज्य की उपाधि देते हैं यह राज्य समुद्रों किला स्मारकों और पर्यटन स्थलों का घर है.

गोवा भारत का महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है यहां के समुद्र किले और मंदिर देश विदेश के लोगों को अपनी और आकर्षित करते हैं इस प्रकार हर महीने लाखों की संख्या में यात्री गोवा आते हैं।

गोवा राज्य चारों ओर से समुद्र से घिरा राज्य है गोवा राज्य में अनेक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है पर इनमें समुंद्री स्थलों को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है इस राज्य की शोभा समुद्र है।

समुद्र से घिरा यह राज्य पूर्ण रूप से हरा-भरा और शुद्ध वातावरण वाला राज्य है। इस राज्य के तट इसे सबसे श्रेष्ठ पर्यटन स्थल बनाते है. गोवा में अनेक समुद्र है, सभी के तट दर्शनीय है.

गोवा राज्य का नाम गोवा पुर्तगालियो द्वारा दिया गया था. ये राज्य भरत की आजादी के बाद भी पुर्तगालियो का अधीन रहा. इस राज्य को वाणस्थली भी कहते है. ये नाम गोवा को परशुराम के बाणों की वजह से दिया गया था.

आज से हजारो वर्ष पहले गोवा को कोंकण काशी के नाम से जानते थे. पर धीरे धीरे इसके नामो के बदलाव से आज ये गोवा राज्य है. इस राज्य की मुख्य भाषा कोंकण तथा मराठी है. जिस कारण इस राज्य को कोंकण कहा जाता था.

गोवा राज्य एक खुशहाल राज्य हुआ करता था. पर पुर्तगालियो की अधीनता से इस राज्य का विनाश शुरू हुआ. पुर्तगालियो ने इस राज्य की धन-दौलत, सभ्यता-संस्कृति तथा व्यवस्थाओ को बिगाड़ दिया.

गोवा अपने विशाल तथा अत्यधिक समुद्रो के लिए काफी प्रसिद्ध है. समुद्री तट को देखते यहाँ अनेक लोग आते है. तथा इस राज्य के मनोरम समुद्री तट को देखते है, और आनंद का अनुभव करते है.

गोवा राज्य की राजधानी पणजी है, जो मांडवी नदी के किनारे पर स्थित है. इस नदी पर एक विशाल पुल बना है, जो बहुत आकर्षित है. यहाँ पर समुद्रो तथा नदियों के संगम का आकर्षित दृश्य देखा जा सकता है.

गोवा में सबसे ज्यादा यात्री कोलबा बीच तट पर आते है. ये तट गोवा का सबसे बेहतर और सुंदर तट है. इस तट के आस पास की व्यवस्था पर्यटकों को बहुत भाती है. इस तट पर जश्न मनाया जाता है.

गोवा राज्य भारत की जनसंख्या में सबसे छोटा चौथा राज्य है. 2011 की जनसँख्या के समय गोवा की जनसँख्या 14 लाख 58 हजार थी. जो देश की कुल जनसँख्या का 0.12 प्रतिशत भाग थी.

450 साल के लम्बे समय तक गोवा पुर्तगालियो का अधीन रहा. लम्बे संघर्ष के बाद 19 दिसम्बर 1961 में पुर्तगालियो ने गोवा को आजाद कर दिया. इस दिन को हर साल गोवा मुक्ति दिवस के रूप में मनाते है.

29 मई 1987 को गोवा को भारत का एक राज्य के रूप में घोषित किया गया था. इस उपलक्ष में 29 मई को गोवा स्थापना दिवस मनाते है. 56वें सविंधान संशोधन में गोवा को भारत का 25 वां राज्य बनाया गया था.

इस राज्य का सबसे सुन्दर तथा सबसे बड़ा शहर वास्को द गामा है. गोवा का सम्पूर्ण क्षेत्रफल 3702 किलोमीटर है.

यदि आप गोवा जाने का प्लान बना रहे है, तो वहा आपको मौसम के अनुसार पहनावा ग्रहण करना होगा, गोवा यात्रा में किसी भी प्रकार के कपड़ो को प्रतिबंधित नहीं किया गया है. हर प्रकार के मनपसंद कपडे पहने जा सकते है.

गोवा की संस्कृति

गोवा अपनी संस्कृति की अनूठी छटा के लिए काफी प्रसिद्ध है.

गोवा एक समय फ़्रांसीसी तथा पुर्तगालियो का अधीन रह चूका है.

गोवा की लगभग 80 प्रतिशत आबादी इसाई धर्म से है. जो सबसे अधिक है.

गोवा की संस्कृति पहनावा और भाषा पश्चिम भारत के सामान है.

यहाँ की संस्कृति को बेहतर बनाने के लिए संस्कृति के विकास में योगदान दिया जा रहा है.

गोवा की पौशाक लंगोटी है.

यहाँ का प्रसिद्ध लोकनृत्य फुगडी है.

गोवा की यात्रा

रविवार के दिन हम सभी दोस्तों ने गोवा जाने की योजना बनाई. और दोपहर 1 बजे हम गोवा के लिए घर से निकले. कई लोग ये मानते है, कि गोवा यात्रा में ज्यादा खर्चा आता है. पर हमें मात्र 4000 रुपये का खर्चा लगा.

सर्दियों का मौसम होने के कारण हम सभी कोट और ऊनी कपडे पहनकर गए. कुछ घंटो के बाद हम गोवा पहुंचे. हम दिल्ली से रेल की यात्रा द्वारा गोवा गए. इस यात्रा में रेल का किराया 1500 रुपये था.

गोवा में हम क्रमशः मीरामार समुद्री तट , हरमल समुद्री तट , कालांगूट समुद्री तट , मांडवी समुद्री तट पर घुमे इस यात्रा में हमें 2 दिन का समय लगा था. पर सभी तटो की यात्रा की थी.

यहाँ के समुद्रो में नाव और नदी यात्रा के लिए अन्य सामग्रियों उपलब्ध है. यहाँ की यात्रा मेरे जीवन की सबसे बेहतर यात्रा थी. जिसे मै जीवनभर नहीं भूल सकूँगा. अवसर मिले तो आप भी एक बार गोवा अवश्य जाए.

गोवा की यात्रा में रात के समय बेहद मजेदार होता है. यहाँ रात की व्यवस्था बहुत बेहतर होती है, जिस कारण लम्बे समय तक लोग यहाँ पर रहते है.

गोवा यात्रा में आप अपनी पसंद अनुसार जगहों पर रात बिता सकते है. यहाँ यहाँ पर पार्टिया की जाती है, जिसमे शराब पिया जाता है. तथा जश्न मनाया जाता है. ये पार्टी वास्तव में बेहतर होती है.

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