Hindi, asked by RudrakshS, 1 year ago

essay on khel aur hamara swasthya

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Answered by pallupradhan162
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मनुष्य के लिए अच्छे स्वास्थ्य का होना अत्यंत आवश्यक है । एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है । दूसरे शब्दों में, स्वस्थ मस्तिष्क के लिए स्वस्थ शरीर का होना अनिवार्य है । रुग्ण शरीर, रुग्ण मानसिकता को जन्म देता है ।

वैदिक काल से ही हमारे पूर्वजों ने ‘निरोगी काया’ अर्थात् स्वस्थ शरीर को प्रमुख सुख माना है । खेल अथवा व्यायाम स्वस्थ शरीर के लिए अति आवश्यक हैं अर्थात् शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खेल अथवा व्यायाम की उतनी ही आवश्यकता है जितनी कि जीवन को जीने के लिए भोजन व पानी की ।

विद्‌यार्थी जीवन मानव जीवन की आधारशिला है । इस काल में आत्मसात् की गई समस्त अच्छी-बुरी आदतों का मानव जीवन पर स्थाई प्रभाव पड़ता है । अध्ययन के साथ-साथ व्यायाम मनुष्य के सर्वांगीण विकास में सहायक है । विद्‌यार्थी जो अपनी पढ़ाई के साथ खेलों को बराबर का महत्व देते हैं वे प्राय: कुशाग्र बुद्‌धि के होते हैं ।

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Answered by Priatouri
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खेलों की उत्पत्ति प्राचीन सभ्यताओं में देखी जा सकती है जब लोग चौसर, घुड़दौड़ आदि खेलों में शामिल हुआ करते थे I खेलना केवल मनोरंजन का ही नहीं बल्कि स्वस्थ रहने का भी साधन है I कालांतर में लोगों ने कई नए प्रकार के खेलों की खोज की परंतु सभी खेल किसी ना किसी रूप में मनुष्य के स्वास्थ्य से जुड़े थे, जैसे चैस या चौसर खेलने से मनुष्य का मानसिक विकास होता है उसी प्रकार अन्य खेल खेलने से लोग स्वस्थ रहते हैं I उनके विकास सही रूप से हो पाता है अतः यह वाला सत्य है कि खेलों का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है I

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