essay on maa ki mamta in hindi
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मातृ प्रेम पर निबंध - निबंध 1 (200 शब्द)
एक माँ वह व्यक्ति है जो हर एक के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उसकी जगह कोई नहीं ले सकता। एक माँ होने के नाते सबसे अच्छा एहसास एक औरत को अपने पूरे जीवन में कभी भी हो सकता है। माँ ही वह होती है जो अपने बच्चे को हर सुख-सुविधा देने के लिए पूरी कोशिश कर सकती है। विभिन्न चरणों में, एक बच्चा अपनी माँ के मार्गदर्शन में जीवन के सबक सीखने की कोशिश करता है। अपने बच्चे के लिए माँ का प्यार किसी की उम्मीदों से परे है। माँ अपने बच्चे की हर इच्छा को आसानी से पहचान सकती है यहाँ तक कि जब उसका बच्चा ठीक से बोल भी नहीं पा रहा हो।
किसी व्यक्ति की सफलता के पीछे, सबसे अधिक प्रयास, केवल एक ही होता है, माँ। माँ का प्यार उस गलत तरीके को बदल सकता है जिस पर उसके बच्चे ने चलना शुरू कर दिया है। उसका प्यार आसानी से उसके बच्चे को सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते में बदल देता है। यह माँ के प्यार की शक्ति है
यह बच्चे और माँ के बीच एक प्रकार का मीठा संबंध है कि अगर बच्चे को चोट लगती है तो माँ को दर्द महसूस होता है। जब वह अपने बच्चे को जन्म देती है तो एक माँ को असहनीय दर्द होता है लेकिन जब उसने केवल अपने बच्चे का चेहरा देखा तो वह सभी दर्द और परेशानी भूल जाती है। यह एक माँ की महानता है।
Answer:
मेरे लिए त्याग तपस्या की सर्वश्रेष्ठ जीवन्त मूर्ति, ममता और दया भाव से भरी, अपना दुःख भूल कर बच्चों के लिए जीने वाली, पेड़ पौधों, पशु पक्षियों तथा अपने क़रीब रहने वाले लोगों के दुःख दूर करने का हर सम्भव प्रयास करने वाली इंसान का नाम माँ है। मेरी माँ अपने जीवन के 80 वसंत देखने के बाद आज भी ऐसी हैं।
मेरे लिए मेरी माँ प्रथम पूज्य हैं। मेरे दिन का प्रारम्भ उनके आशीर्वाद से होता है। उनकी दुआओं का ही असर है कि आज हम खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं
भगवान हमारी किस्मत हमारे कर्मों के आधार पर लिखते हैं। पर माँ हमारी किस्मत हमारे बुरे कर्मों को माफ़ कर के लिखती है। इस तरह वो मेरे लिए धरती माँ की तरह हैं जो अपने अच्छे और बुरे बच्चों में कोई भेद नहीं करती है।
मेरे लिए मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी सहेली है। हम बच्चों को मात-पिता ने, कैसे कैसे पाला।
हमको कुछ भी समझ न आया, जाने ऊपरवाला।
माँ की ममता क्या होती है, माँ कैसी होती है।
सब कुछ बच्चों को दे देती, खुद भूखी सोती है।
ऐसी माँ के चरणों में हम, नित नित शीश झुकाएं।
कोशिश अपनी इतनी है बस, वो आंसू न बहाए।।
मात-पिता से बढ़कर जग में, नहीं है कोई दूजा।
यही हमारे गीता-भगवत, यही पाठ, यही पूजा।
मेरे भाई-मेरी बहना, तुम भी फर्ज निभाना।
हाथ जोड़ मैं करूँ निवेदन, दिल न उनका दुखाना।
मात-पिता ही इस धरती पर असली के भगवान हैं।
हमें गर्व है इसी बात का हम उनकी संतान हैं ।।
हमें गर्व है इसी बात का, हम उनकी संतान है।।
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