Essay on Manav seva hi iswar seva in hindi.
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दोस्तों दुनिया में मानव सेवा ही सच्ची सेवा है इसे समझना बहुत जरूरी है,आज
इंसान बहुत सारी चीजों के पीछे भागता है जिनमें से धन सबसे प्रमुख है लेकिन यह सोचिए की जब इंसान इस दुनिया से विदा होता है तो क्या वह अपने साथ धन ले जाता है नहीं. दोस्तों इंसान अपने साथ धन बिल्कुल भी नहीं ले जाता है,वह अगर कुछ अपने साथ ले जाता है तो सिर्फ और सिर्फ अच्छे कर्म,और लोगो की सच्छी सेवा.हम इस दुनिया में इंसान बन कर आए हुए हैं तो सिर्फ इसलिए कि हम मानव सेवा कर सके इसलिए दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल Manav seva hi sachi seva hai essay in hindi लिखा गया है.हर इन्सान अपनी रुचि के अनुसार अलग अलग कार्य करते है,अगर किसी काम से आप पैसा कमाते हो तो उससे मानवसेवा पहले होती है. अगर आप सही तरह से उस काम को यानी मानव सेवा करते हो तो आप बहुत आगे भी बढ़ सकते हो और हर कोई आपके काम में सहयोग प्रदान करेगा क्योंकि मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है सबसे बड़ा धर्म है,हमें अपना पूरा जीवन मानव सेवा करने में लगा देना चाहिए चलिए . दोस्तों जो लोग भूखे है उन्हें खाना खिलाना और जो लोग प्यासे हैं उन्हें पानी पिलाना ही हमारा मानव धर्म है और यही हमारी मानव
सेवा यानी सच्ची सेवा है,पुराने ज़माने में ऐसे बहुत से लोग थे,जो दुसरो को खाना खिलाने के लिए सब कुछ कर देते थे,वोह अपना पेट भरकर भी दुसरो का पेट भरते थे क्योकि वोह जानते थे की Manav seva hi sachi seva hai इसके आलावा हमें अपाहिजों की मदद भी करना चाहिए,अगर आपको कही पर कोई अपाहिज मिल जाए और उसे कही जाने में परेशानी आ रही है तोह ये आपका पहला कर्त्तव्य होता है की आप उसकी मदद करे,जो निर्बल है,उनकी मदद करना ही आपकी सच्ची सेवा है.
अगर आप भगवान की पूजा करने के लिए मंदिर जा रहे हो और किसी भूखा प्यासा या निर्बल,अपाहिज आपसे मदद चाहता है तोह याद रखे की आपका पहला कर्त्तव्य है की आप उस भूखे या अपाहिज की मदद करे,उसके बाद ही ईश्वर सेवा करे क्योकि मानव में ही ईश्वर वास करते है,और भगवन भी यही चाहते है की लोग एक दुसरे की मदद करे तभी इस दुनिया में एक बहुत बड़ा अच्छा बदलाव आएगा. जो भी काम करे पूरी निष्ठा के साथ काम करें,दोस्तों जैसे कि मैंने आपको ऊपर बताया था कि इंसान कोई सा भी काम करें,उससे मानव सेवा होती है इसलिए आपको किसी काम को करते हुए अपने बारे में न सोचते हुए,दूसरों के बारे में सोचना चाहिए अगर आप दूसरों के बारे में अच्छा सोचते हो तो आप को उस काम को करते हुए तरक्की जरूर मिलेगी,हमेशा दूसरों का भला करने के लिए किसी काम की शुरुआत करें क्योंकि मानव सेवा ही सच्ची सेवा है.
आप अपने साथ कभी अपने व्यापार या अपने काम से कमाए गए पैसे साथ में नहीं ले जा सकते,आप अपने साथ में अगर कुछ ले जा सकते हैं तो सिर्फ अच्छाई इसलिए अपने काम को पूरी निष्ठा के साथ काम करें इन्सान में ही भगवन वास करते है सेवा करे इंसान में ही भगवान वास करता है,मेरे प्यारे दोस्तों आजकल हम सब जानते हैं कि लोग भगवान की पूजा करते हैं भगवान को अगरबत्तियां लगाते हैं भगवान के मंदिर पर जाते हैं लेकिन अगर कोई गरीब व्यक्ति या कोई भिखारी हम से कुछ मांगता है तो हम उसे मना कर देते हैं.
दोस्तों यह बात कहकर मुझे एक फिल्म याद आती है ओह माय गोड. मैं इस फिल्म के पक्ष में नहीं हूं लेकिन एक बात इस पिक्चर में मुझे बहुत ही बेहतरीन लगी की जैसे ही लोग मंदिर मैं जाते हैं वहां पर दूध चढ़ाने के लिए अपने साथ दूध ले जाते हैं लेकिन अगर कोई भिखारी भूख से तड़पता हुआ हमें रास्ते में दिख जाए तो हम उसको दूध नहीं पिलाते हैं,हम सोचते हैं कि भगवान को दूध चढ़ाना बहुत जरूरी है,हम उस बेचारे गरीब भिखारी की मदद नहीं करते हैं यह तो बहुत ही गलत है क्योंकि इंसान में ही भगवान वास करता है और हमको हमेशा इंसान की सेवा करने के बारे में सोचना चाहिए तो भगवान हमसे हमेशा खुश रहेगा.
अगर किसी भिखारी को तड़पते हुए देखकर हमारा हृदय नहीं तड़पता तो मुझे मजबूरन कहना पड़ेगा शायद आप इंसान ही नहीं है इसलिए जब भी आप कहीं पर जाएं किसी मंदिर या मस्जिद में जाएं तो भगवान से पहले आप दूसरों के बारे में सोचे मेरा मानना है कि भगवान आपकी हर एक मनोकामना को पूरा करेगा.
इंसान बहुत सारी चीजों के पीछे भागता है जिनमें से धन सबसे प्रमुख है लेकिन यह सोचिए की जब इंसान इस दुनिया से विदा होता है तो क्या वह अपने साथ धन ले जाता है नहीं. दोस्तों इंसान अपने साथ धन बिल्कुल भी नहीं ले जाता है,वह अगर कुछ अपने साथ ले जाता है तो सिर्फ और सिर्फ अच्छे कर्म,और लोगो की सच्छी सेवा.हम इस दुनिया में इंसान बन कर आए हुए हैं तो सिर्फ इसलिए कि हम मानव सेवा कर सके इसलिए दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल Manav seva hi sachi seva hai essay in hindi लिखा गया है.हर इन्सान अपनी रुचि के अनुसार अलग अलग कार्य करते है,अगर किसी काम से आप पैसा कमाते हो तो उससे मानवसेवा पहले होती है. अगर आप सही तरह से उस काम को यानी मानव सेवा करते हो तो आप बहुत आगे भी बढ़ सकते हो और हर कोई आपके काम में सहयोग प्रदान करेगा क्योंकि मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है सबसे बड़ा धर्म है,हमें अपना पूरा जीवन मानव सेवा करने में लगा देना चाहिए चलिए . दोस्तों जो लोग भूखे है उन्हें खाना खिलाना और जो लोग प्यासे हैं उन्हें पानी पिलाना ही हमारा मानव धर्म है और यही हमारी मानव
सेवा यानी सच्ची सेवा है,पुराने ज़माने में ऐसे बहुत से लोग थे,जो दुसरो को खाना खिलाने के लिए सब कुछ कर देते थे,वोह अपना पेट भरकर भी दुसरो का पेट भरते थे क्योकि वोह जानते थे की Manav seva hi sachi seva hai इसके आलावा हमें अपाहिजों की मदद भी करना चाहिए,अगर आपको कही पर कोई अपाहिज मिल जाए और उसे कही जाने में परेशानी आ रही है तोह ये आपका पहला कर्त्तव्य होता है की आप उसकी मदद करे,जो निर्बल है,उनकी मदद करना ही आपकी सच्ची सेवा है.
अगर आप भगवान की पूजा करने के लिए मंदिर जा रहे हो और किसी भूखा प्यासा या निर्बल,अपाहिज आपसे मदद चाहता है तोह याद रखे की आपका पहला कर्त्तव्य है की आप उस भूखे या अपाहिज की मदद करे,उसके बाद ही ईश्वर सेवा करे क्योकि मानव में ही ईश्वर वास करते है,और भगवन भी यही चाहते है की लोग एक दुसरे की मदद करे तभी इस दुनिया में एक बहुत बड़ा अच्छा बदलाव आएगा. जो भी काम करे पूरी निष्ठा के साथ काम करें,दोस्तों जैसे कि मैंने आपको ऊपर बताया था कि इंसान कोई सा भी काम करें,उससे मानव सेवा होती है इसलिए आपको किसी काम को करते हुए अपने बारे में न सोचते हुए,दूसरों के बारे में सोचना चाहिए अगर आप दूसरों के बारे में अच्छा सोचते हो तो आप को उस काम को करते हुए तरक्की जरूर मिलेगी,हमेशा दूसरों का भला करने के लिए किसी काम की शुरुआत करें क्योंकि मानव सेवा ही सच्ची सेवा है.
आप अपने साथ कभी अपने व्यापार या अपने काम से कमाए गए पैसे साथ में नहीं ले जा सकते,आप अपने साथ में अगर कुछ ले जा सकते हैं तो सिर्फ अच्छाई इसलिए अपने काम को पूरी निष्ठा के साथ काम करें इन्सान में ही भगवन वास करते है सेवा करे इंसान में ही भगवान वास करता है,मेरे प्यारे दोस्तों आजकल हम सब जानते हैं कि लोग भगवान की पूजा करते हैं भगवान को अगरबत्तियां लगाते हैं भगवान के मंदिर पर जाते हैं लेकिन अगर कोई गरीब व्यक्ति या कोई भिखारी हम से कुछ मांगता है तो हम उसे मना कर देते हैं.
दोस्तों यह बात कहकर मुझे एक फिल्म याद आती है ओह माय गोड. मैं इस फिल्म के पक्ष में नहीं हूं लेकिन एक बात इस पिक्चर में मुझे बहुत ही बेहतरीन लगी की जैसे ही लोग मंदिर मैं जाते हैं वहां पर दूध चढ़ाने के लिए अपने साथ दूध ले जाते हैं लेकिन अगर कोई भिखारी भूख से तड़पता हुआ हमें रास्ते में दिख जाए तो हम उसको दूध नहीं पिलाते हैं,हम सोचते हैं कि भगवान को दूध चढ़ाना बहुत जरूरी है,हम उस बेचारे गरीब भिखारी की मदद नहीं करते हैं यह तो बहुत ही गलत है क्योंकि इंसान में ही भगवान वास करता है और हमको हमेशा इंसान की सेवा करने के बारे में सोचना चाहिए तो भगवान हमसे हमेशा खुश रहेगा.
अगर किसी भिखारी को तड़पते हुए देखकर हमारा हृदय नहीं तड़पता तो मुझे मजबूरन कहना पड़ेगा शायद आप इंसान ही नहीं है इसलिए जब भी आप कहीं पर जाएं किसी मंदिर या मस्जिद में जाएं तो भगवान से पहले आप दूसरों के बारे में सोचे मेरा मानना है कि भगवान आपकी हर एक मनोकामना को पूरा करेगा.
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