Hindi, asked by m6ukhpanshikari, 1 year ago

essay on manushyata in 300 words

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Answered by Bhriti182
189
मनुष्यता जीवन का आधार है । मनुष्यता के कारण ही हम मनुष्य कहलाते हैं। मनुष्यता के कारण ही यह संसार जीने योग्य है। मनुष्यता हमें मानव मात्र से नहीं अपितु संसार के हर प्राणी से प्रेम करना सिखाती है। मनुष्यता के कारण ही हमारे अंदर परोपकार की भावना विद्यमान है। परन्तु समाज में मनुष्यता की कमी दिखाई दे रही है। लोग आज दूसरों की सहायता करने को बेकार का काम मानते हैं। उनके अनुसार यदि दूसरे की सहायता करने बैठे तो अपना काम रूक जाता है। दूसरे की आर्थिक सहायता के नाम पर लोग गूंगे-बहरे हो जाते हैं। लेकिन हद तब हो जाती है, जब वह किसी ऐसे व्यक्ति की सहायता नहीं करते, जो बेबस है। उदाहरण के तौर पर देखें तो यदि कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार होकर भूमि पर पड़ा हुआ है, तो आधे लोग तो पुलिस के चक्करों में पड़ने के कारण किनारा काट लेते हैं, कुछ लोग यह कहकर किनारा काट लेते हैं कि खून या अस्पताल को देख नहीं सकते हैं, तो कुछ यह कहकर किनारा काट लेते हैं कि हम यहाँ के निवासी ही नहीं है। वह उस व्यक्ति की बुरी अवस्था को देखते रहते हैं। दूसरे को सहायता करने के लिए कहते हैं परन्तु सहायता के लिए आगे नहीं बढ़ते। उनके इस व्यवहार के कारण वह बेबस मनुष्य मृत्यु का ग्रास बन जाता है। तब सभी उस पर दया दिखाते हुए पूरे समाज को, पुलिस को, या सरकार को दोष देते नज़र आते हैं। समाज क्या है? इसके अंग कौन हैं? तो इसका प्रश्न हमारे ही पास है। समाज हमसे ही बनता है। हमने अपने लिए समाज को बनाया है और हम ही इसके अंग हैं। यदि हम मनुष्यता को भूल कर स्वयं के लिए ही जीते रहेंगे, तो न हम रहेंगे और न हमारा समाज।

PrincessPayal: I have better answer from it
Answered by hemantsuts012
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Answer:

निबंध गद्य लेखन का एक रूप है। लेकिन यह शब्द उन लेखों के लिए भी प्रयोग किया जाता है जो किसी विषय की तार्किक और बौद्धिक चर्चा करते हैं।

Explanation:

मानवता पर निबंध

मानवता मनुष्य का सबसे बड़ा कार्य है। अगर कोई इंसान किसी दूसरे की मदद करके इंसानियत नहीं दिखा सकता तो भगवान भी उस इंसान की मदद नहीं करते। जिस व्यक्ति में मानवता नहीं है उसका जीवन व्यर्थ है। अगर आप किसी जरूरतमंद की मदद करते हैं, भूखे को खाना खिलाते हैं, प्यासे को पानी पिलाते हैं, तो आप अपनी इंसानियत को पूरा कर रहे हैं। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जो समाज में रहता है और उसे सभी लोगों के साथ सद्भाव से रहना होता है। कोई भी कार्य अकेला मनुष्य नहीं कर सकता।

अगर इस धरती पर हर कोई इंसानियत को भूल जाए तो जीवन जीना बहुत मुश्किल हो जाएगा। जिस व्यक्ति में दया और मानवता नहीं है, उस व्यक्ति को मनुष्य कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। पूरी दुनिया में मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो दूसरों के दुखों को आसानी से समझ सकता है और उनके दुखों को कम कर सकता है। हमारे आस-पास कई मानव और पशु पक्षी हैं जिन्हें हमारे समर्थन की आवश्यकता है। हम सबकी मदद करके हम अपने मानव धर्म को पूरा कर सकते हैं। हर कोई दो वक्त का खाना और सो सकता है, लेकिन असली इंसान एक ही है जो दूसरों की भलाई के लिए काम करता है। और करता है कुछ ऐसे काम जो सदियों तक याद रहेंगे

प्राचीन काल में मनुष्यता की भावना सामान्यत: लोगों में देखी जाती थी। यह भी कहा जाता है कि सुख में उसका साथ होना चाहिए या नहीं, लेकिन दुख में उसका साथ जरूर होना चाहिए। पहले के जमाने में लोग दुःख में एक साथ खड़े रहते थे चाहे कितनी भी लड़ाई क्यों न हो जाए, जो उनकी सच्ची मानवता की भावना को दर्शाता है। आधुनिक समय में मनुष्य एक दूसरे से अधिक उन्नति करने की चाह में स्वार्थी होता जा रहा है। दूसरे व्यक्ति की मदद करना तो दूर, वह अपने फायदे के लिए दूसरे को नुकसान पहुंचाने से नहीं हिचकिचाता।

#SPJ3

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