Hindi, asked by jagdishjambe9350, 1 year ago

Essay on mazhab nahi sikhata aapas mein bair rakhna in hindi language

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Answered by bestbestbestbest
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मज़हब एक पवित्र अवधारणा है। यह अत्यन्त सूक्ष्म, भावनात्मक सूझ, विश्वास और श्रद्धा है। मूलत अध्यात्म के क्षेत्र में ईश्वर, पैगम्बर आदि के प्रति मन की श्रद्धा या विश्वास पर आधारित धारणात्मक प्रक्रिया ही मज़हब है। यह बाहम आडम्बरों, वैर भाव, अन्धविश्वास आदि से ऊपर है। इसी बात को ही इकबाल जी ने कहा है। उनके द्वारा कथित सूक्ति का भी यही अभिप्राय है कि कोई भी धर्म परस्पर वैर रखने को प्रोत्साहित नहीं करता, अपितु परस्पर मेल मिलाप और भाईचारे का सन्देश देता है। मज़हब सिखाता है- लड़ाई झगड़े से दूर रहकर आत्म संस्कार के द्वारा प्राणियों का हित साधना करना। मज़हब स्पष्ट करता है कि भले ही ईश्वर के नाम पृथक हैं और रूप भिन्न हैं, फिर भी वह एक ही है।

Answered by aroranishant799
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Answer:

सभी धर्म हमें सिखाते हैं कि सभी को प्यार और भाईचारे के साथ रहना चाहिए। आज इस दुनिया में धार्मिक कट्टरता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। आज हमें सर्व धर्म समभाव से एक दूसरे को बदलने की जरूरत है क्योंकि हम सभी धर्मों को एक नजरिए से देखेंगे तभी इंसानों के बीच की सारी दूरियां खत्म हो जाएंगी और हम सभी इस धरती पर सुख-शांति का वास करते हैं क्योंकि सभी धर्म हमें ईश्वर देते हैं, सत्य और मानवता की ओर ले जाता है और भाईचारे का संदेश भी देता है।

Explanation:

हमारे भारत में विभिन्न धर्मों, विभिन्न संप्रदायों के लोग रहते हैं। हमारा पूरा भारत एक परिवार की तरह है। हमारे प्रसिद्ध कवि इकबाल द्वारा लिखी गई पंक्तियाँ "धर्म नहीं सिखाता आपस में बैर रखना" अर्थ कोई भी धर्म यह नहीं सिखाता कि हमें अपने धर्म के नाम पर आपस में लड़ना चाहिए। धर्म का वास्तविक अर्थ 'सत्य' है। ऐसा लगता है कि अब इन पंक्तियों का कोई महत्व नहीं है क्योंकि आज हमारे देश में कई ऐसे कट्टरपंथी धर्म के लोग हैं, जो अपने धर्म के नाम का पालन करते हैं। लेकिन वे दंगा भड़काने का काम कर रहे हैं। इस सब के चलते सभी संप्रदाय के लोग आपस में लड़ रहे हैं, इसका मुख्य कारण यह है कि ये सभी अपने-अपने धर्म को एक तरह से प्रचारित कर रहे हैं, अपने-अपने धर्म को श्रेष्ठ बताने में लगे हुए हैं|

सभी लोगों को एक दूसरे के साथ प्यार से, प्यार से, मैत्रीपूर्ण, दयालु और करुणा से रहना चाहिए। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पंजाबी, पारसी आदि सभी धर्म यह सिखाते हैं कि सभी स्तरों पर एकजुट होना मानवता का धर्म है।

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