Essay on Mehangai in hindi for class 8
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महंगाई
आज के इस दौर में महंगाई का शैतान बढ़ता ही जा रहा है। भारत में कई प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों ने महंगाई को दूर करने की योजनाएं बनाई परंतु इन योजनाओं का जनसाधारण को कोई विशेष लाभ नहीं पहुंचा। इस महंगाई ने हर वर्ग के लोगों को अपने जाल में हंस लिया है।
आज हर वस्तु के दाम बढ़ रहे हैं। जनसाधारण के लिए हर प्रातः किसी ना किसी नई महंगाई का संदेश मिलता है। अमीर लोग तो किसी न किसी प्रकार अपना जीवन यापन कर लेते हैं परंतु गरीब के लिए उसका जीवन जीना ही उसका अभिशाप बन चुका है।
देश में गत कुछ वर्षों से काला बाजार बहुत बढ़ गया है। जमाखोरों वस्तुओं को बाहर नहीं निकालते हैं जिस कारण उसके दाम बढ़ते ही जाते हैं। अभी हाल ही में प्याज को ले लो, प्याज के दाम आसमान छू रहे थे। भारत की जनसंख्या भी बड़ी तेजी से बढ़ रही है सरकार का परिवार नियोजन कार्यक्रम अधिक सफल नहीं रहा। दूसरी और उत्पादन की कमी है आज हर कोई कृषि कार्य को छोड़ रहा है। अगर उत्पादन ही नहीं होगा तो महंगाई तो बढ़ती ही जाएगी।
अगर समय रहते इस बढ़ती महंगाई पर काबू न पाया गया तो जनसाधारण को जीवन यापन करने में बहुत ही मुश्किल आ जाएगी। सरकार ने कई नीतियां बनाई है लेकिन उसका कुछ खास फायदा नहीं हो रहा है।
अगर महंगाई को कम करना है तो सरकार को कृषि और कृषि से जुड़े कार्यों पर विशेष ध्यान देना होगा। यदि देश में उत्पादकता दर बढ़ेगी तो महंगाई पर अंकुश स्वयं ही लग जाएगा।