essay on mera bachpan hindi text
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मेरे बचपन के दिन मैं ने अपने माँ, पिता और भाई
बहन के साथ गुजारे । हम गाँव और छोटे
शहरों में रहते थे । अक्सर हम हमारे नाना और दादा
के घर भी जाते थे ।
मैं ने अपने बचपन में बहुत मजा लिया और आनंद से गुजारा । मैं ने अपने दोस्त , भाई बहनों के साथ खेल खेलता था। तेज दौड़ता था। और पढ़ाई भी अच्छा कर लेता था। होम वर्क जल्द से जल्द पूरा करके फिर खेल खेलने जाता था। अवकाश के समय में टीवी, देखता था। बच्चो की पत्रिकाएँ भी पढ़ता था।
मेरे परिवार के लोग मुझे बहुत प्यार करते थे। मैं और मेरे भाई बहन एक कमरे में रहते थे। मैं गाना गाना भी सीखता था। मैं रेखाचित्र बनाने में उस्ताद था । मैं अपने माँ और पिताजी की इज्जत करता था। गणित, अंग्रेजी, शास्त्रीय विज्ञान में पहेलियों (कूटप्रश्न) का समाधान अच्छी तरह से कर लेता था । में अपनी मात्रभाषा और अंग्रेजी में वर्ग पहेली करता था। अपना साइकिल चलाने में शौक रखता था। मैं ने अपने माँ , नानी, दादी, दादा, नाना से अच्छी कथाएँ सुनी और नैतिक शिक्षा भी पायी । मेरी माँ खाना अच्छा बनाती है। मेरी पसंद का खाना बनाती थी। मैं मिठाई, अल्प नाश्ता बहुत खाता था। मिर्ची नहीं खाता था।
मैं शरारत ज्यादा नहीं करता था। मैंने विद्यालय में कुछ पुरस्कार भी पाये। मैं ने अपने अध्यापकों को अच्छा सम्मान किया। कभी उनके खिलाफ नहीं बोलता था। होमवर्क और असाइनमेंट खुद ही कर लेता था। और बचपन में मेरे जनम दिन बहुत धूम धाम से मेरे पिताजी मनाते थे। मैं अपने दोस्तों को घर बुलाता था । हम लोग कारम्स, बाडमिंटन, क्रिकेट, फुटबाल खेलते थे।
मैं ने अपने बचपन में बहुत मजा लिया और आनंद से गुजारा । मैं ने अपने दोस्त , भाई बहनों के साथ खेल खेलता था। तेज दौड़ता था। और पढ़ाई भी अच्छा कर लेता था। होम वर्क जल्द से जल्द पूरा करके फिर खेल खेलने जाता था। अवकाश के समय में टीवी, देखता था। बच्चो की पत्रिकाएँ भी पढ़ता था।
मेरे परिवार के लोग मुझे बहुत प्यार करते थे। मैं और मेरे भाई बहन एक कमरे में रहते थे। मैं गाना गाना भी सीखता था। मैं रेखाचित्र बनाने में उस्ताद था । मैं अपने माँ और पिताजी की इज्जत करता था। गणित, अंग्रेजी, शास्त्रीय विज्ञान में पहेलियों (कूटप्रश्न) का समाधान अच्छी तरह से कर लेता था । में अपनी मात्रभाषा और अंग्रेजी में वर्ग पहेली करता था। अपना साइकिल चलाने में शौक रखता था। मैं ने अपने माँ , नानी, दादी, दादा, नाना से अच्छी कथाएँ सुनी और नैतिक शिक्षा भी पायी । मेरी माँ खाना अच्छा बनाती है। मेरी पसंद का खाना बनाती थी। मैं मिठाई, अल्प नाश्ता बहुत खाता था। मिर्ची नहीं खाता था।
मैं शरारत ज्यादा नहीं करता था। मैंने विद्यालय में कुछ पुरस्कार भी पाये। मैं ने अपने अध्यापकों को अच्छा सम्मान किया। कभी उनके खिलाफ नहीं बोलता था। होमवर्क और असाइनमेंट खुद ही कर लेता था। और बचपन में मेरे जनम दिन बहुत धूम धाम से मेरे पिताजी मनाते थे। मैं अपने दोस्तों को घर बुलाता था । हम लोग कारम्स, बाडमिंटन, क्रिकेट, फुटबाल खेलते थे।
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