Essay on mera priya khel badminton
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मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन
हमारे जीवन में खेलकूद का विशेष महत्व है। वैसे तो आजकल खेल जगत में बहुत से खेल है। मुझे सभी खेल देखना और खेलना पसंद है, परंतु इनमें मुझे सबसे ज्यादा दिलचस्पी बैडमिंटन में है। यह मेरा पसंदीदा खेल है।
यह एक ऐसा खेल है जिसे हर आयु के लोग पसंद करते है। बचपन में मैं प्लास्टिक के शटल व बैट से इस खेल को खेलता था। और जैसे-जैसे मैं बड़ा होते गया मैं इसकी तरफ आकर्षित होता चला गया। अपने दोस्तों के साथ और भाई बहन के साथ बैडमिंटन खेलना मुझे बहुत पसंद है।
हररोज थोड़ी देर बैडमिंटन खेलने से मुझे शारीरिक व्यायाम मिलता है और मैं तरोताजा महसूस करता हूँ। और इससे पढ़ाई में भी मेरा मन अच्छे से लग जाता है। और जब कभी मेरे शहर में कोई बैडमिंटन का टूर्नामेंट होता है तो मैं इसमें अवश्य भाग लेता हूँ। और मेरी यह इच्छा है की मैं बैडमिंटन में अपना करियर बनाऊँ।
बैडमिंटन हमारे देश में सबसे ज्यादा खेले जाने वाले खेलों में से एक है. बैडमिंटन खेल में ज्यादा रुल नहीं होने के कारण इसको कोई भी खेल सकता है. इस गेम को खेलने के लिए दो रैकेट और एक शटलकॉक की जरूरत होती है, हमारे यहां शटलकॉक को चिड़िया भी कहते हैं क्योंकि शटलकॉक में चिड़िया की तरह ही छोटे छोटे पंख लगे होते है. इस खेल को खेलने के बाद शरीर में चुस्ती-फुर्ती आ जाती है और पूरे दिन भर थकान महसूस नहीं होती है
बैडमिंटन हमारे देश में सबसे ज्यादा खेले जाने वाले खेलों में से एक है. बैडमिंटन खेल में ज्यादा रुल नहीं होने के कारण इसको कोई भी खेल सकता है. इस गेम को खेलने के लिए दो रैकेट और एक शटलकॉक की जरूरत होती है, हमारे यहां शटलकॉक को चिड़िया भी कहते हैं क्योंकि शटलकॉक में चिड़िया की तरह ही छोटे छोटे पंख लगे होते है. इस खेल को खेलने के बाद शरीर में चुस्ती-फुर्ती आ जाती है और पूरे दिन भर थकान महसूस नहीं होती है